एशियन गेम्स के ट्रायल में पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया को छूट देकर सीधे प्रवेश देने के भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की एडहॉक कमेटी के फैसले का विरोध शुरू हो गया है। इस फैसले पर सबसे पहले बीजेपी नेता एवं पूर्व रेसलर योगेश्वर दत्त ने आपत्ति जताई। साथ ही बाकी पहलवानों और विभिन्न कुश्ती संघों को भी इसके खिलाफ आवाज उठाने के बारे में कहा। जिसके बाद पहलवान अंतिम पंघाल और विशाल कालीरमन ने इस बारे में आवाज उठाई है।
दरअसल, भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति ने मंगलवार को तय किया कि 22 और 23 जुलाई को केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में ट्रायल होंगे। इसमें विनेश और बजरंग हिस्सा नहीं लेंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाले पहलवान बजरंग (65) और विनेश फोगाट (53 किलो) को बिना ट्रायल के एशियाई खेलों की टीम में शामिल कर लिया गया है।
तदर्थ समिति ने दोनों को टीम के मुख्य प्रशिक्षकों की मर्जी के खिलाफ टीम में जगह दी है। इस फैसले के खिलाफ इन दोनों के भारवर्ग के दूसरे पहलवानों में रोष व्याप्त है।
अंतिम ने क्या कहा?
अंतिम ने एक वीडियो में अपनी बात कही है। उन्होंने कहा “विनेश को एशियाई खेलों के लिए सीधे प्रवेश दिया गया है, इसके बावजूद कि उन्होंने पिछले एक साल से अभ्यास नहीं किया है। मैंने 2022 जूनियर विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल में भी उनके साथ मेरा मुकाबला 3-3 की बराबरी पर था, तब भी मेरे साथ धोखा हुआ था और मुझे हार मिली थी। क्या मुझे कुश्ती छोड़ देनी चाहिए? मैं बस एक निष्पक्ष सुनवाई चाहती हूं।
मैं यह नहीं कह रही हूं कि केवल मैं ही उसे हरा सकती हूं, कई महिला पहलवान हैं जो ऐसा कर सकती हैं।
विशाल ने क्या कहा?
एशियाई खेलों के लिए बिना किसी ट्रायल के बजरंग को टीम में चुने जाने पर पहलवान विशाल कालीरमन ने कहा “मैं भी 65 किग्रा से भार वर्ग में खेलता हूं और एशियाई खेलों के लिए बजरंग पूनिया को बिना किसी ट्रायल के सीधे प्रवेश दिया गया है। वे एक साल से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि हम अभ्यास कर रहे हैं।
हम एक ट्रायल की अपील करते हैं… हम कोई एहसान या लाभ नहीं चाहते। कम से कम एक ट्रायल होना चाहिए अन्यथा हम अदालत जाने के लिए तैयार हैं… हम अदालत के समक्ष अपील करेंगे। हम 15 वर्षों से अभ्यास कर रहे हैं। अगर बजरंग पूनिया इस बात से इंकार करते हैं कि वह एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगे तभी किसी और को मौका मिलेगा।