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Rohit Sharma Fitness Controversy: खेल मंत्री का कड़ा बयान, कांग्रेस और तृणमूल से खिलाड़ियों को छोड़ने की अपील

Rohit Sharma Fitness Controversy: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। हाल ही में कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने रोहित शर्मा को मोटा और नकारात्मक कप्तान बताया था, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में विवाद पैदा हो गया। इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगात राय ने भी इस टिप्पणी का समर्थन किया, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया। अब इस मामले पर भारत के खेल मंत्री मंनसुख मांडविया ने अपनी असहमति जताई है और कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस से खिलाड़ियों को इस तरह के व्यक्तिगत हमलों से दूर रखने की अपील की है।

शमा मोहम्मद का बयान

कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर रोहित शर्मा के खिलाफ विवादित टिप्पणी की। उन्होंने लिखा, “रोहित शर्मा खिलाड़ी के रूप में मोटे हैं! उन्हें अपना वजन कम करना चाहिए।” इसके साथ ही शमा मोहम्मद ने यह भी कहा कि रोहित शर्मा भारतीय क्रिकेट टीम के अब तक के सबसे नाकाम कप्तान हैं। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और क्रिकेट प्रेमियों से लेकर राजनीतिक हस्तियों तक सभी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

सौगात राय का समर्थन

इस बयान के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगात राय ने शमा मोहम्मद के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस नेता का कहना सही है, रोहित शर्मा को टीम में नहीं होना चाहिए।” इस बयान से न केवल कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच अंदरूनी राजनीति का संकेत मिला, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट की दुनिया में भी विवाद का कारण बना। इस बयान के बाद रोहित शर्मा के समर्थक और क्रिकेट विशेषज्ञ दोनों ही उनके पक्ष में सामने आए और शमा मोहम्मद और सौगात राय की आलोचना की।

खेल मंत्री मंनसुख मांडविया का कड़ा बयान

इस मामले के तूल पकड़ने के बाद भारत के खेल मंत्री मंनसुख मांडविया ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस से अपील की कि वे भारतीय क्रिकेटरों को अपने व्यक्तिगत हमलों का शिकार न बनाएं। मंनसुख मांडविया ने कहा, “कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को खिलाड़ियों को अकेला छोड़ देना चाहिए, क्योंकि वे अपने पेशेवर जीवन को अच्छे से संभालने में सक्षम हैं। इन पार्टियों के नेताओं द्वारा किए गए कमेंट्स, जिनमें बॉडी शेमिंग और खिलाड़ी की टीम में जगह पर सवाल उठाए गए हैं, न केवल अत्यंत शर्मनाक हैं, बल्कि पूरी तरह से घटिया भी हैं। ऐसे कमेंट्स हमारे खिलाड़ियों के कठिन परिश्रम और बलिदानों को नीचा दिखाते हैं, जो वे देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए दुनिया के मंच पर करते हैं।”

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भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी: परिश्रम और संघर्ष का प्रतीक

भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी देश का गौरव होते हैं और वे हर दिन कठिन परिश्रम करते हैं ताकि टीम को सफलता मिल सके। कप्तान रोहित शर्मा भी इस श्रेणी में आते हैं। वे कई बार अपनी कप्तानी में भारत को महत्वपूर्ण जीत दिला चुके हैं। उनके नेतृत्व में टीम ने कई महत्वपूर्ण टूर्नामेंटों में सफलता प्राप्त की है। इसलिए किसी भी खिलाड़ी पर इस तरह के व्यक्तिगत हमले न केवल निंदनीय हैं, बल्कि यह भारतीय क्रिकेट को भी कमजोर करने की कोशिश मानी जा सकती है।

रोहित शर्मा के आलोचकों को यह समझना चाहिए कि एक खिलाड़ी का वजन और उसकी शारीरिक स्थिति कोई मायने नहीं रखती जब वह मैदान पर अपनी टीम के लिए संघर्ष कर रहा होता है। रोहित शर्मा ने न केवल एक कप्तान के रूप में, बल्कि एक बल्लेबाज के तौर पर भी अपने प्रदर्शन से टीम इंडिया को कई बार जीत दिलाई है। उनके व्यक्तिगत संघर्ष और मेहनत को नजरअंदाज करना न केवल अनुचित है, बल्कि यह उनकी कठिन मेहनत का अपमान भी है।

खिलाड़ियों पर व्यक्तिगत हमले: क्या यह सही है?

किसी खिलाड़ी पर इस तरह की व्यक्तिगत टिप्पणियाँ करना, खासकर उनके शारीरिक रूप से जुड़ी बातें, न केवल गलत है, बल्कि यह मानसिक रूप से भी खिलाड़ियों पर दबाव डाल सकता है। खेल जगत में शारीरिक फिटनेस और मानसिक मजबूती दोनों ही महत्वपूर्ण होते हैं। जब एक खिलाड़ी मानसिक रूप से मजबूत होता है, तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकता है। ऐसे में जब खिलाड़ी पर इस प्रकार के व्यक्तिगत हमले होते हैं, तो यह उनके मनोबल को कमजोर कर सकता है और इससे उनकी परफॉर्मेंस भी प्रभावित हो सकती है।

इसके अलावा, भारतीय राजनीति में खेल और खिलाड़ियों का स्थान बहुत अहम है। भारतीय क्रिकेट टीम को एक राष्ट्रीय प्रतीक माना जाता है, और उनका सम्मान पूरे देश के नागरिकों का सम्मान है। इसलिए इस तरह की टिप्पणी करने से न केवल खिलाड़ी को, बल्कि पूरे क्रिकेट समुदाय को ठेस पहुंचती है।

खेल मंत्री की अपील: खिलाड़ियों को व्यक्तिगत हमलों से बचाने की आवश्यकता

मंनसुख मांडविया ने इस मामले पर बात करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को अपनी पेशेवर दुनिया में पूरी स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उन्हें व्यक्तिगत हमलों का सामना नहीं करना चाहिए, क्योंकि वे देश का प्रतिनिधित्व कर रहे होते हैं। उनकी मेहनत और योगदान को सम्मान मिलना चाहिए, न कि उन पर इस तरह के घटिया कमेंट्स किए जाएं।

इसके साथ ही मंनसुख मांडविया ने यह भी कहा कि इस तरह के बयान भारतीय क्रिकेट को कमजोर करने के लिए नहीं, बल्कि इसके प्रदर्शन को बाधित करने के लिए दिए जाते हैं। खिलाड़ी और उनके प्रदर्शन पर सवाल उठाने के बजाय, हमें उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके संघर्ष का सम्मान करना चाहिए।

किसी भी खिलाड़ी पर व्यक्तिगत टिप्पणी करना न केवल गलत है, बल्कि यह उनकी मेहनत और संघर्ष को भी नकारता है। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा, जिन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, आज देश के एक सफल और प्रेरणादायक कप्तान के रूप में स्थापित हैं। उन्हें इस प्रकार की नकारात्मक टिप्पणियों का शिकार नहीं बनना चाहिए। खेल मंत्री मंनसुख मांडविया की यह अपील इस बात की ओर इशारा करती है कि हमें अपने खिलाड़ियों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें इस प्रकार की टिप्पणियों से बचाना चाहिए।

Khabar Abtak

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