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Satpal Sangwan: हरियाणा के वरिष्ठ नेता का निधन, राजनीति में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा

Satpal Sangwan: हरियाणा के वरिष्ठ नेता और पूर्व सहकारी मंत्री सत्तपाल सांगवान का निधन हो गया। वह दो बार के विधायक रहे और दादरी के क्षेत्र से अपनी सक्रिय राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। सत्तपाल सांगवान का निधन 3 मार्च को हुआ, जब वह गुरुग्राम के मेडांटा अस्पताल में इलाज करा रहे थे। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब थी और वह कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे।

सत्तपाल सांगवान का जीवन परिचय

सत्तपाल सांगवान का राजनीतिक जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण और समर्पण से भरा रहा है। उनका जन्म दादरी जिले के चांदनी गांव में हुआ था। वह शुरू से ही एक संघर्षशील व्यक्ति रहे थे और समाज सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहते थे। सत्तपाल सांगवान ने अपने करियर की शुरुआत टेलीफोन एक्सचेंज में एसडीओ के पद से की थी। लेकिन, उनके जीवन में राजनीति की दिशा तब बदली जब पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल ने उन्हें नौकरी से वीआरएस दिलवाकर राजनीति में सक्रिय किया।

सत्तपाल सांगवान ने 1996 में चर्की दादरी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और हरियाणा विकास पार्टी (HVP) के टिकट पर विधायक बने। इसके बाद उन्होंने राजनीति में अपनी जगह बनानी शुरू की। 2009 में, वह हरियाणा जनहित कांग्रेस (HJC) के टिकट पर फिर से विधायक बने और भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सहकारी मंत्री के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल में सहकारी क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए, जिनकी वजह से उनका नाम राजनीति में काफी सम्मानित हुआ।

Satpal Sangwan: हरियाणा के वरिष्ठ नेता का निधन, राजनीति में उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकेगा

राजनीतिक सफर

सत्तपाल सांगवान का राजनीतिक सफर कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। 2014 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के बावजूद उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, 2019 में उन्होंने जननायक जनता पार्टी (JJP) से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी वह दूसरे स्थान पर रहे। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने JJP से अलविदा ले लिया और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए। बीजेपी में शामिल होने के बाद सत्तपाल सांगवान ने खुद चुनाव न लड़ने का फैसला किया, लेकिन अपने बेटे को राजनीति में उतारने का काम किया।

सत्तपाल सांगवान के बेटे, सुनील सांगवान ने भोंडसी, गुरुग्राम में जेल अधीक्षक के पद से वीआरएस लिया और बीजेपी में शामिल हो गए। सुनील सांगवान ने 2024 विधानसभा चुनावों में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इस प्रकार, सत्तपाल सांगवान ने अपनी राजनीतिक विरासत को अपने बेटे के जरिए आगे बढ़ाया।

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सत्तपाल सांगवान का योगदान

सत्तपाल सांगवान ने राजनीति में रहते हुए दादरी क्षेत्र के लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। वह क्षेत्र के विकास में हमेशा सक्रिय रहे और कई मुद्दों पर अपनी आवाज उठाई। उनका सबसे बड़ा योगदान सहकारी क्षेत्र में था, जहां उन्होंने मंत्री रहते हुए कई योजनाओं को लागू किया, जिससे किसानों और मजदूरों को सीधा लाभ मिला। उनके नेतृत्व में दादरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं में सुधार हुआ और जनता को अच्छे प्रशासन का लाभ मिला।

राजनीति में उनकी सक्रियता और प्रभावशीलता ने उन्हें क्षेत्र में एक सशक्त नेता बना दिया था। वह हमेशा अपने क्षेत्र के लोगों के लिए संघर्ष करते थे और उनकी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का काम करते थे। इसके अलावा, वह एक अच्छे वक्ता और श्रोता भी थे, जो अपने कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच एक मजबूत संबंध बनाए रखते थे।

सत्तपाल सांगवान की विरासत

सत्तपाल सांगवान की राजनीति केवल उनके द्वारा किए गए कार्यों तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी राजनीतिक विरासत उनके बेटे सुनील सांगवान के रूप में जीवित रहेगी। सुनील ने अपने पिता के रास्ते पर चलते हुए राजनीति में कदम रखा और 2024 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। यह बात सत्तपाल सांगवान की कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन की गवाही देती है।

उनके निधन से हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान खाली हुआ है, जिसे भरना आसान नहीं होगा। सत्तपाल सांगवान का नाम हमेशा उनके कार्यों और योगदान के लिए याद किया जाएगा। उनके द्वारा किए गए कार्यों से न केवल दादरी क्षेत्र, बल्कि हरियाणा राज्य को भी लाभ हुआ है।

सत्तपाल सांगवान के निधन पर शोक

सत्तपाल सांगवान के निधन के बाद उनके समर्थक, राजनीतिक साथी और सामाजिक कार्यकर्ता सभी गहरे शोक में हैं। उनके निधन की खबर ने दादरी और आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ा दी है। सत्तपाल सांगवान के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है और उनके परिवार वालों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल होंगे।

राजनीतिक और सामाजिक नेताओं ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। हरियाणा के मुख्यमंत्री, विपक्षी दलों के नेता, और कई वरिष्ठ राजनीतिक व्यक्तित्वों ने उनके योगदान और संघर्ष को सलाम किया है। उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई है और उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की गई हैं।

अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि

सत्तपाल सांगवान का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव चांदनी में किया जाएगा। उनके परिवार ने इस दुखद घड़ी में उनकी राजनीति और योगदान को याद किया और उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि सत्तपाल सांगवान की आकस्मिक मौत के बाद, वह उनके अधूरे कार्यों को पूरा करेंगे। उनकी अंतिम यात्रा में उनके समर्थक और क्षेत्र के लोग भी शामिल होंगे, जो उन्हें श्रद्धांजलि देंगे और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे।

सत्तपाल सांगवान का निधन हरियाणा की राजनीति के लिए एक बड़ी क्षति है। वह एक ऐसे नेता थे जिन्होंने न केवल अपने क्षेत्र में बल्कि राज्य स्तर पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका नाम हमेशा राजनीति में उनके संघर्ष, कार्यों और उनके द्वारा किए गए अच्छे कामों के लिए याद किया जाएगा। उनके परिवार और समर्थकों को इस कठिन समय में शक्ति मिले और उनका योगदान हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगा।

Khabar Abtak

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