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Haryana News: गर्मी और कटाई के बीच बढ़ा खेतों में आग का खतरा, सरकार ने संभाली कमान

Haryana News: गेहूं की कटाई के मौसम में खेतों में आग लगने की कई घटनाओं के बाद हरियाणा सरकार अब हाई अलर्ट पर है। तापमान बढ़ने और खेतों में सूखे फसल अवशेषों के बिखरने से आग लगने का खतरा गंभीर हो गया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को एक पत्र भेजकर तत्काल कार्रवाई की है, जिसमें उनसे राज्य भर में अग्नि सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करने का आग्रह किया गया है। पत्र में उन्हें अपने-अपने जिलों में अग्नि सुरक्षा तत्परता और प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ावा देने का स्पष्ट निर्देश दिया गया है। Haryana सरकार इस स्थिति को बहुत गंभीरता से ले रही है, खासकर इसलिए क्योंकि गर्मी और कटाई के मौसम में अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।

24/7 अग्निशमन तैयारी और साप्ताहिक रिपोर्ट का आदेश दिया गया

सूत्रों से पता चला है कि डीसी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी फायर टेंडर, उपकरण और अग्निशमन प्रणाली सही स्थिति में हों और 24 घंटे उपलब्ध हों। इसका मतलब है कि रात और छुट्टियों के दिनों में भी अग्निशमन सेवाएं पूरी तरह से तैयार होनी चाहिए। प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मचारियों की भी कमी नहीं होनी चाहिए। उचित ड्यूटी रोस्टर बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है ताकि आपात स्थिति के दौरान कोई भ्रम न हो। तैयारी के अलावा, राज्य ने एक निगरानी प्रणाली भी शुरू की है। डीसी को हर शुक्रवार को राज्य सरकार को साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। इन रिपोर्टों में उनके जिलों में अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की पूरी समीक्षा शामिल होनी चाहिए। यह व्यवस्था गेहूं की कटाई का मौसम खत्म होने तक जारी रहेगी।

Haryana News: गर्मी और कटाई के बीच बढ़ा खेतों में आग का खतरा, सरकार ने संभाली कमान

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मौसम संबंधी चेतावनी और तत्काल समन्वय की आवश्यकता

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में पारा और बढ़ने का अनुमान जताया है। इसका मतलब है कि आग लगने का खतरा और भी बढ़ जाएगा। Haryana सरकार इस बढ़ते खतरे से निपटने के लिए तत्काल और सुव्यवस्थित प्रशासनिक कार्रवाई की मांग कर रही है। डीसी को लगातार अलर्ट मोड में रहने और किसी भी घटना के होने पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा गया है। सरकार ने विभिन्न विभागों के बीच समन्वय के महत्व पर भी जोर दिया है। इसमें अग्निशमन सेवाएं, पुलिस, कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन दल और जिला स्तर के अधिकारी शामिल हैं। इन सभी को एक टीम की तरह मिलकर काम करने की जरूरत है ताकि आग लगने की किसी भी घटना पर तेजी से और प्रभावी तरीके से प्रतिक्रिया हो सके। सूखे खेतों में आग लगने की स्थिति में समय का बहुत महत्व होता है।

गांव की निगरानी और जन जागरूकता पर ध्यान केंद्रित करें

राजस्व विभाग ने डीसी से गांव और ब्लॉक स्तर पर नियमित निगरानी प्रणाली स्थापित करने को कहा है। इसका मतलब है कि स्थानीय स्तर के अधिकारियों और स्वयंसेवकों को आग लगने के किसी भी संकेत की तुरंत सूचना देने के लिए सतर्क रहना चाहिए। इसका उद्देश्य आग को जल्द से जल्द पकड़ना और उस पर काबू पाना है। इसके साथ ही सरकार लोगों में जागरूकता लाने पर भी जोर दे रही है। गांवों और खेती के इलाकों में विशेष अभियान चलाए जाने हैं। इनसे किसानों और स्थानीय समुदायों को आग लगने से कैसे बचा जाए और आग लगने पर क्या करना चाहिए, इस बारे में जानकारी मिलेगी। अधिकारियों का मानना ​​है कि ये जागरूकता अभियान आकस्मिक आग से बचने में काफी मददगार साबित होंगे। सभी डीसी को नियमित रूप से कार्रवाई की रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर कोई जवाबदेह रहे और सिस्टम चुस्त और उत्तरदायी बना रहे।

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