विवि के अनुबंधित शिक्षकों को शीतकालीन विस सत्र से जॉब सिक्योरिटी की उम्मीदें
— डॉ. विजय कुमार मलिक, प्रदेशाध्यक्ष, हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन, हरियाणा(हुकटा) की रिपोर्ट
गोहाना, 3 दिसंबर : हरियाणा के राजकीय विश्वविद्यालयों में कार्यरत लगभग 1,400 अनुबंधित सहायक प्रोफेसर पिछले कई वर्षों से रोजगार की अनिश्चितता के बीच अपनी सेवाएँ दे रहे हैं। लगातार सरकार, विभाग और विभिन्न उच्च अधिकारियों से संवाद, अनगिनत बैठकों और आश्वासनों के *बदौलत* इन शिक्षकों का संघर्ष अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।
कागज़ों में ये युवा शिक्षित वर्ग के प्रतिनिधि हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि नौकरी की सुरक्षा न होने के कारण इनकी अधिकांश जीवनशैली आर्थिक असुरक्षा, मानसिक तनाव और भविष्य की चिंता से घिरी रहती है।
शुरूआत: 2010 से छिड़ा लंबा संघर्ष
वर्ष 2010 में तत्कालीन सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने शिक्षकों की कमी दूर करने और बजट बचाने के उद्देश्य से अनुबंधित सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति शुरू की।
प्रारंभ में—
₹300 प्रति पीरियड,
अधिकतम ₹10,000 प्रतिमाह,
और साल में सिर्फ 7–8 महीने वेतन
जैसी बेहद अल्प मानदेय प्रणाली लागू की गई।
इसके साथ ही हर साल नए विज्ञापन, इंटरव्यू, मेरिट सूची और पुनर्नियुक्ति—इस अस्थिरता और शोषण ने कई वर्षों तक शिक्षकों को परेशान रखा।
योग्य नेट/जेआरएफ और पीएचडी धारक युवा विश्वविद्यालयों के लिए उत्कृष्ट परिणाम देते रहे, परंतु उनके परिश्रम का मूल्य और सम्मान दोनों कम ही रहे।
न्यायालय व सरकार के हस्तक्षेप से मिली आंशिक राहत
लगातार आवाज उठाने के बाद मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय पहुंचा।
केस: मैनका बनाम हरियाणा सरकार (9300-2015)—जिसमें 2016 में महत्वपूर्ण आदेश *पारित हुए* :
हर वर्ष होने वाले साक्षात्कार पर रोक ( *यदि वर्क और कंडक्ट संतोषजनक है* )
न्यूनतम बेसिक पे-स्केल के अनुरूप वेतन
₹25,000 प्रति माह और प्रति लेक्चर ₹1,000
जुलाई 2016 से इसे लागू किया गया।
हुकटा संगठन का गठन
हरियाणा की सभी 15 राजकीय यूनिवर्सिटीज के अनुबंधित शिक्षकों को नियमित होने व 7 वें आयोग के न्यूनतम पे स्केल लागू करनवाने के लिए वर्ष 2018 में हरियाणा यूनिवर्सिटीज कॉन्ट्रक्चुअल टीचर्स एसोसिएशन(हुकटा)का गठन किया गया जोकि तब से लगातार अपनी उपरोक्त मांगों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से माननीय राज्यपाल, मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों, विधायकों व शीर्ष अधिकारियों से मिलकर व पत्राचार के माध्यम से लगातार संघर्ष कर रहा है।
इसके बाद भी सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन न मिलने पर आंदोलन हुए और अंततः 2019 में ज्यादातर विश्वविद्यालयों ने न्यूनतम बेसिक पे स्केल (बिना भत्ते) लागू किया।
कुछ विश्वविद्यालयों को आंदोलन और अदालत की कार्यवाही के बाद ऐसा करना पड़ा और कुछ का निर्णय *अभी तक* लंबित है।
फिर हुकटा ने नियमित होने तक जॉब सिक्योरिटी के लिए संघर्ष शुरू कर दिया। इसी बीच 2024 के चुनाव से पहले हरियाणा सरकार ने कॉलेज एक्सटेंशन लेक्चरर, पॉलिटेक्निक गेस्ट फैकल्टी, स्कूल गेस्ट टीचर्स और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के 1.20 लाख अनुबंधित कर्मचारियों को जॉब सिक्योरिटी प्रदान करने वाले अधिनियम पारित किए।
लेकिन विश्वविद्यालयों के लगभग 1,400 अनुबंधित शिक्षक इससे वंचित रह गए।
पिछले वर्ष मुख्यमंत्री द्वारा किया गया वादा और वर्तमान स्थिति: पिछले शीतकालीन सत्र में माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने विश्वविद्यालयों के अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को भी सेवा-सुरक्षा प्रदान करने का वादा किया था और मुख्यमंत्री के वायदे व मुख्यमंत्री की जनसंवाद व बीजेपी नॉन स्टॉप सरकार के पत्रों के बाद मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदित कमेटी की रिपोर्ट ,सभी विश्वविद्यालयों से मांगी गई जानकारी और विभागीय प्रक्रिया सब अब लगभग पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा भी अनुमोदन हो चुका हैं। मुख्यमंत्री के वायदे व मुख्यमंत्री के जनसंवाद व मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों के अनुसार इस शीतकालीन विस सत्र में जॉब सिक्योरिटी का विधयेक लाया जाएगा।
विश्वविद्यालयों ने हरियाणा एक्सटेंशन लेक्चरर एक्ट 2024 एवं हरियाणा अनुबंधित कर्मचारी एक्ट 2024 की तर्ज पर मांगी गई सभी सूचनाएँ विभाग को भेज दी हैं—
जैसे कि : विधिवत विज्ञापन व चयन प्रक्रिया,15 अगस्त 2024 तक पाँच वर्ष की सेवा,प्रति वर्ष 240 कार्य दिवस,2019–20 से आजतक प्रति सप्ताह 16 घंटे शिक्षण कार्यभार आदि।
छंटनी ग्रस्त शिक्षकों की बहाली: एक बड़ा मोड़
वेतन बेहतर होने के बाद विश्वविद्यालयों में नियमित भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, जिसमें कई कार्यरत अनुबंधित शिक्षक
आयु सीमा,
रोस्टर प्रणाली,
और अन्य कारणों के चलते आवेदन ही नहीं कर पाए।
इसके बाद भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां से 1 और इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, मीरपुर,रिवाड़ी से 34 अनुबंधित शिक्षकों की सेवाएँ समाप्त कर दी गईं।
महत्वपूर्ण बात यह रही कि माननीय मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से सभी की पुनर्बहाली की गई।
यही निर्णय सभी अनुबंधित शिक्षकों में जॉब सिक्योरिटी की उम्मीद जगाने वाला प्रमुख कारण बना।
अब संघर्ष केवल नौकरी का नहीं, बल्कि आजीविका और अस्तित्व का
जब यह व्यवस्था शुरू हुई थी, तब ये युवा अपने कैरियर की शुरुआत में थे और कहीं भी नई नौकरी खोज सकते थे।
लेकिन आज परिवार,बच्चों की शिक्षा,माता-पिता की देखभाल,गृहस्थी की जिम्मेदारियाँ इनके कंधों पर हैं।
ऐसे समय में नौकरी की अस्थिरता और सीमित वेतनवृद्धि उनके लिए आजीविका, मानसिक स्थिति और सामाजिक गरिमा—तीनों पर भारी दबाव उत्पन्न कर रही है।
जॉब सिक्योरिटी एक्ट—2025: उम्मीदों का आधार
पिछले शीतकालीन विस सत्र में कॉलेज एक्सटेंशन लेक्चररों और हरियाणा कौशल रोजगार निगम के कर्मचारियों के लिए जॉब सिक्योरिटी एक्ट लागू हो चुका है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व उच्च अधिकारियों के अनुसार, विश्वविद्यालयों में अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसर,अस्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर,रिसोर्स पर्सन,विज़िटिंग फैकल्टी,पार्ट-टाइम आदि पदनामों पर कार्यरत लगभग 1,400 में से उपरोक्त शर्तों को पूर्ण करने वाले पात्र अनुबंधित शिक्षक भी इसी मॉडल पर 60 वर्ष की उम्र तक जॉब सिक्योरिटी और सेवा लाभ प्राप्त करेंगे।
इससे इस बार शीतकालीन सत्र में अधिनियम लाए जाने की पूरी उम्मीद है।
अहम सुझाव: 240 कार्य दिवस का प्रावधान हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अनुबंधित कर्मचारियों की तरह व्यावहारिक बनाया जाए
अधिनियम में 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक 240 कार्य दिवस पूरे करने को 1 वर्ष माना गया है।
परंतु चूँकि एक्ट 15 अगस्त 2024 से लागू माना जाएगा, इसलिए अधिकांश शिक्षकों के 2024 में 228 दिन ही बनते हैं।
इसलिए सुझाव यह है कि जो शिक्षक 240 दिन के निकट हैं और 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करते हैं, उन्हें पात्र माना जाए,
ताकि किसी शिक्षक का भविष्य तकनीकी गणना की वजह से प्रभावित न हो।
शीतकालीन विधानसभा सत्र से बड़ी उम्मीदें
अनुबंधित सहायक प्रोफेसरों की नजरें अब आगामी शीतकालीन सत्र पर टिकी हैं।
माननीय मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री, विभागीय अधिकारियों से सैकड़ों बैठकों,और पक्ष व विपक्ष के विधायकों के निरंतर सहयोग से फाइल पर बहुत तेज़ी से काम हुआ है।
शिक्षकों को विश्वास है कि इस बार शीतकालीन विस सत्र में माननीय मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी विश्वविद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों को भी स्थायी रोजगार की गारंटी का नायाब नववर्ष तोहफ़ा देंगे।



