Sanjeev ने मिर्जापुर में विदेश जाने का सपना छोड़कर लाखों की कमाई शुरू की, दूसरों को भी दिया रोजगार

Sanjeev: आजकल के युवाओं का सपना होता है कि वे विदेश जाकर डॉलर की चमक के साथ अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएंगे। इसके लिए वे अपना घर, खेत, और ज़मीन तक बेचकर विदेश जाने के लिए लाखों रुपये खर्च करते हैं। लेकिन कई बार उन्हें अपने सपनों का पीछा करते हुए कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस यात्रा में कई लोग महीनों तक जंगलों में भटकते हैं और कई तरह की यातनाओं को सहते हैं। कई युवा, जो अमेरिका जाने के लिए इस रास्ते पर निकले थे, उन्हें अंततः वापस भेज दिया गया। ऐसे में उनके भविष्य के रास्ते अंधेरे में डूब गए हैं।
लेकिन मिर्जापुर, कुरुक्षेत्र, हरियाणा के संजीव कुमार ने साबित किया है कि विदेश जाने के बजाय अपनी ज़मीन पर मेहनत करके भी अच्छा जीवन और रोजगार कमाया जा सकता है। संजीव कुमार न केवल लाखों रुपये प्रति माह कमा रहे हैं, बल्कि उन्होंने 20 से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान किया है।
संजीव कुमार का कृषि क्षेत्र में बड़ा योगदान
संजीव कुमार आज पूरे देश में एक उदाहरण के रूप में सामने आए हैं। 8 और 9 अक्टूबर 2023 को हिसार स्थित कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित कृषि मेला में उन्हें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ द्वारा सम्मानित किया गया। उन्हें यह सम्मान पॉली हाउस में सब्जियों का उत्पादन करने के लिए दिया गया। इससे पहले, उन्हें राज्य के पूर्व कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
संजीव कुमार की सब्जियां आज केवल उनके इलाके में ही नहीं, बल्कि करनाल, पानीपत और आसपास के जिलों में भी पहुंच रही हैं। अब बड़े-बड़े व्यापारी उनसे सब्जियां खरीदने के लिए संपर्क कर रहे हैं। संजीव कुमार का कहना है कि आज वह अपने इस कदम से पूरी तरह से संतुष्ट हैं और युवाओं से अपील करते हैं कि विदेश जाना किसी समस्या का हल नहीं है, हम अपनी ज़मीन पर मेहनत करके बेहतर जीवन जी सकते हैं।
कनाडा जाने का सपना था, अब वह सपना छोड़ दिया
संजीव कुमार ने बताया कि उनका हमेशा से सपना था कि वह कनाडा जाएं, जहां वह बहुत सारा पैसा कमा कर अपने सपने पूरे करेंगे। इसके लिए उन्होंने दो बार कानूनी तरीके से जाने की कोशिश की थी, लेकिन जब यह योजना सफल नहीं हो पाई, तो उन्होंने पॉली हाउस खेती की ओर रुख किया।

संजीव ने कहा कि पारंपरिक खेती में ज्यादा लाभ नहीं था, इसलिए उन्होंने पॉली हाउस खेती में मेहनत करने का निर्णय लिया। आज उनके पास चार एकड़ में एक पॉली हाउस है, जिसके माध्यम से वह हर महीने चार से पांच लाख रुपये कमा रहे हैं।
20 लोगों को रोजगार और महिला सशक्तिकरण
संजीव कुमार की यह पहल न केवल उनके लिए बल्कि उनके इलाके के कई लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हो रही है। उन्होंने 6 महिलाओं को स्थायी रोजगार दिया है, साथ ही लगभग 20 अन्य लोग भी उनके साथ अस्थायी रूप से जुड़े हुए हैं।
संजीव कुमार के इस कदम से न केवल उन्हें अच्छा लाभ मिल रहा है, बल्कि उनके द्वारा दी गई नौकरियों से अन्य लोगों की आर्थिक स्थिति भी सुधरी है। उनका कहना है कि एक परिवार पॉली हाउस लगाकर एक अच्छे जीवन स्तर तक पहुंच सकता है, और इसके लिए सरकारी सहायता भी उपलब्ध है।
पॉली हाउस खेती का महत्व और सरकारी मदद
संजीव कुमार ने बताया कि पॉली हाउस खेती पारंपरिक खेती से कहीं ज्यादा लाभकारी है। उनके पॉली हाउस में सब्जियों की गुणवत्ता बहुत ही उच्च स्तर की है, और इसे बाजार में अच्छा मूल्य मिल रहा है। अब संजीव कुमार आधे एकड़ में एक आधुनिक पॉली हाउस तैयार कर रहे हैं, जिसमें सब्जी की पौध भी तैयार की जाएगी।
संजीव का मानना है कि सरकार इस प्रकार की खेती को बढ़ावा देने के लिए 50 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान करती है। इससे किसान आसानी से पॉली हाउस स्थापित कर सकते हैं और अच्छे लाभ की उम्मीद कर सकते हैं।
संजीव कुमार का संदेश: विदेश जाना जरूरी नहीं
संजीव कुमार का संदेश है कि विदेश जाना कोई समस्या का हल नहीं है। अगर हम अपने देश में मेहनत करें, तो न केवल अच्छा जीवन जी सकते हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। संजीव का मानना है कि जिस तरीके से उन्होंने पॉली हाउस खेती के जरिए सफलता पाई है, उसी तरह और भी लोग इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति एक एकड़ भूमि पर पॉली हाउस स्थापित करता है, तो वह एक अच्छे परिवारिक जीवन को जी सकता है। सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी और सही मार्गदर्शन से यह सपना और भी साकार हो सकता है।
संजीव कुमार का उदाहरण यह साबित करता है कि मेहनत और स्मार्ट खेती से हम अपने देश में भी बेहतर जीवन बना सकते हैं। उनका यह कदम न केवल उनके लिए बल्कि उनके गांव और क्षेत्र के लिए भी एक नई दिशा को प्रकट करता है। उनकी यह कहानी उन सभी युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो विदेश जाने का सपना देख रहे हैं। उनका संदेश साफ है – घर में भी रोटी है, अगर हम मेहनत करें और अपने संसाधनों का सही उपयोग करें तो अपनी ज़मीन पर ही खुशहाल जिंदगी जी सकते हैं।

