हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रोहतक स्थित अपने आवास पर पत्रकार वार्ता करते हुए बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि I.N.D.I.A गठबंधन लोकसभा चुनावों के लिए हुआ है। हरियाणा के चुनावों के लिए कांग्रेस अकेली ही सक्षम है। हरियाणा में कांग्रेस अपने ही निशान पर चुनाव लड़ेगी और जीत हासिल करेगी।
वहीं मणिपुर मामले में संसद में हंगामे को लेकर कहा कि इस मामले में नो कॉन्फिडेंस लाया गया, इस पर अब चर्चा होगी। BJP के पन्ना प्रमुख के सम्मेलन और कांग्रेस में अब तक संगठन नहीं बनने के सवाल पर कहा यह पन्ने पर ही रह गए, हम घर- घर तक पहुंच चुके हैं। इनेलो का प्रदेश में कोई भविष्य नहीं है।
साथ ही कहा कि बारिश व बाढ़ को लेकर हरियाणा सरकार की तैयारी ही नहीं थी। मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अधिक बारिश को देखते हुए फ्लड कंट्रोल की बैठक होती है। ड्रेनों की सफाई होती है। इसका बाकायदा अधिकारी इंस्पेक्शन करते हैं। यह काम ही नहीं हुआ। नदी के रास्ते पर अवैध खनन बेरोकटोक चला। ऐसा नहीं होता तो इतना नुकसान नहीं होता।
48 घंटे में गिरदावरी कराकर मुआवजा जारी करें
पूर्व सीएम ने कहा कि अत्यधिक बारिश व बाढ़ के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है। ऐसे में सरकार किसानों को 40 हजार प्रति एकड़ मुआवजा दें। जिनके मकान टूटे हैं, उनके मकान बनाने में मदद की जाए। मृतकों के लिए सरकार ने 4 लाख देने की घोषणा की है। यह नाकाफी है। यह राशि बढ़ाकर 20 लाख की जाए। पोर्टल सरकार किसानों को पोर्टल के झमेले में न डालकर 48 घंटे में गिरदावरी कराकर मुआवजा जारी करें।
दिल्ली व हरियाणा सरकार है बड़ी वजह
बाढ़ में मौजूदा हालात को देखते हुए बीमारी फैलने का खतरा बढ़ा हुआ है। ऐसे में सरकार दवा और चिकित्सकों की व्यवस्था करे। इस समय किसी तरह की कार्रवाई के बजाय यह राहत बेहद जरूरी है। यमुना के पानी से हरियाणा के कई जिलों व दिल्ली में बाढ़ के हालात बने। इसके लिए दिल्ली व हरियाणा सरकार दोनों दोषी है। दिल्ली में अवैध खनन के चलते नदी ने अपना रास्ता बदला।
खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भरा
हरियाणा में हथिनी बैराज से 380000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया। सरकार चाहती तो छोटे-छोटे बांध दुरुस्त किए जाते। ठोकरे व स्टड बनाए जाते। यह सब नहीं किया गया इसीलिए ये हालत बने। किसानों का नुकसान ज्यादा हुआ है। सरकार ने फसल बीमा का प्रीमियम बढ़ाकर किसान की परेशानी और बढ़ाई है। यह एक तरह से मुनाफाखोरी का धंधा है। खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भरा है। हालात ऐसे हैं कि अगली फसल भी प्रभावित हो सकती है।
कानून व्यवस्था लचर बनी
ऐसे में खेतों से पानी निकालने के साथ किसानों की आर्थिक मदद जरूरी है। गरीब व्यक्ति को 30 दिन के लिए मनरेगा की मजदूरी दी जाए। प्रदेश में बेरोजगारी व महंगाई एक नंबर पर है। कानून व्यवस्था लचर बनी हुई है। भ्रष्टाचार व्याप्त है। इस और कुछ नहीं किया जा रहा है। इससे जनता आहत है। यही वजह है कि आने वाले चुनाव में जनता कांग्रेस के हाथों में सरकार सौंपने का मन बना चुकी है। इस मौके पर विधायक बीबी बत्रा, संत कुमार व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।