विडियो वैन के माध्यम से गांव-गांव और घर-घर पहुंचेगा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश :-उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार
उपायुक्त ने हरी झंडी दिखाकर लघु सचिवालय से किया वैन को रवाना

सोनीपत, 15 मई। ( अनिल जिंदल ) लडक़ा-लडक़ी के बीच भेदभाव को समाप्त कर लिंगानुपात में सुधार लाने के उद्देश्य से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को जन-जन तक पहुंचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने गुरुवार को लघु सचिवालय परिसर से जागरूकता विडियो वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर उपायुक्त ने महिला एवं बाल विकास विभाग को बधाई देते हुए कहा कि विभाग की यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में सार्थक कदम है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में सुधार तभी संभव है जब समाज बेटियों को समान अधिकार और सम्मान दे।
उपायुक्त ने बताया कि यह मोबाइल वैन विशेष रूप से कम लिंगानुपात वाले गांवों में चलाई जाएगी। वैन के माध्यम से ‘आपकी बेटी-हमारी बेटी’, ‘प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना’, ‘मुख्यमंत्री मातृत्व सहायता योजना’, ‘पोषण अभियान’, ‘सखी वन स्टॉप सेंटर’, ‘स्पॉन्सरशिप स्कीम’, ‘फोस्टर केयर’, ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’, ‘स्पेशल रिलीफ फंड फॉर पोक्सो’, ‘आंगनवाड़ी प्ले स्कूल’, ‘गोद लेने की प्रक्रिया’, ‘पोक्सो एक्ट’ तथा ‘जेजे एक्ट’ जैसी विभिन्न योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुंचाई जाएगी।
उन्होंने जिलेवासियों से आह्वान किया कि वे इस अभियान से जुड़ें और दूसरों को भी प्रेरित करें कि वे बेटियों को बेटों के समान मानें और उन्हें हर अवसर दें। उन्होंने यह भी कहा कि लिंग जांच करने वालों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा लगातार सख्त कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी को इस प्रकार की जानकारी मिलती है, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी प्रवीण कुमारी ने बताया कि यह विडियो वैन आज गांव माजरी की सामान्य चौपाल, 16 मई को गांव बुलंदगढ़ी के प्राथमिक स्कूल, 19 मई को गांव ग्यासपुर के आंगनवाड़ी केंद्र, 20 मई को गांव किडौली की एससी चौपाल और 21 मई को गांव आनंदपुर के प्राथमिक स्कूल झरोठ पहुंचेगी।
प्रत्येक स्थान पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें चिकित्सा अधिकारी, स्कूल प्राचार्य, सीडीपीओ, सुपरवाइजर, ग्राम सचिव, सरपंच, पंच, एएनएम, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, गर्भवती महिलाएं और अन्य ग्रामीण भाग लेंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार हेतु लोगों को प्रेरित करना और लिंग जांच जैसे अपराधों के विरुद्ध जागरूकता फैलाना है।