Haryana News: क्राइम ब्रांच की बड़ी सफलता, आठों आरोपी गिरफ्तार, रंजिश का खूनी खेल बेनकाब
Haryana News: हरियाणा के पटौदी इलाके में हुए ढाबा संचालक की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने इस केस में आठ आरोपियों को मध्यप्रदेश के ग्वालियर से गिरफ्तार किया है। शनिवार को पुलिस ने जानकारी दी कि सभी आरोपियों ने पुरानी रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया और उसके बाद फरार हो गए थे। बता दें कि मंगलवार रात पटौदी के जाटोली गांव के रहने वाले ढाबा संचालक दीपेन्द्र उर्फ मोनू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी और पुलिस ने तुरंत जांच शुरू कर दी थी।
गहन जांच के बाद पकड़े गए आरोपी
Haryana पुलिस के मुताबिक 37 वर्षीय दीपेन्द्र की हत्या पूरी तरह से पुरानी दुश्मनी का नतीजा थी। वारदात के तुरंत बाद एफआईआर दर्ज की गई और पटौदी पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच मंसारोवर की टीम को जांच सौंपी गई। गहन जांच के बाद पुलिस को सुराग मिले कि आरोपी ग्वालियर की तरफ भागे हैं। इसके बाद शुक्रवार को एक विशेष ऑपरेशन चलाकर सभी आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। पकड़े गए आरोपियों के नाम हैं — विकास उर्फ विक्की, हर्ष और विशाल (तीनों तोड़ापुर गांव से), पुनीत (भोड़ाकलां गांव), विपिन (हेळी मंडी), मंथन शर्मा और निखिल (जाटोली गांव से) तथा सौरभ (मुरबाई का पुरा, मुरैना, मध्यप्रदेश)।
पुनीत और विपिन ने मारी थी गोली
Haryana पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि दीपेन्द्र को गोली मारने वाले आरोपी पुनीत और विपिन थे। वहीं विक्की, हर्ष, विशाल और निखिल हथियारों के साथ ढाबे के बाहर खड़े थे ताकि कोई विरोध ना कर सके। मंथन शर्मा बाइक लेकर पास में ही तैयार खड़ा था जिससे आरोपी भाग सकें। सौरभ नामक आरोपी ने इस वारदात के लिए हथियार उपलब्ध कराए थे। पूरी घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। पुलिस ने बताया कि हत्या का कारण वर्ष 2020 में हुई एक पुरानी रंजिश है। उस समय दीपेन्द्र के भाई रोहित ने इंद्रजीत नामक व्यक्ति की हत्या की थी और अब इंद्रजीत के परिवार ने बदला लेने के इरादे से दीपेन्द्र को निशाना बनाया।
पूरी साजिश की जांच जारी, अन्य सुराग भी खंगाल रही पुलिस
Haryana पुलिस ने बताया कि फिलहाल सभी आरोपियों से गहराई से पूछताछ की जा रही है। यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस हत्या में और कौन-कौन लोग शामिल हो सकते हैं या साजिश में सहयोग कर रहे थे। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि हथियार कहां से आए और सौरभ ने किस तरह से ये हथियार मुहैया कराए। पुलिस का कहना है कि यह एक सोची समझी रिवेंज किलिंग थी जिसमें पुरानी दुश्मनी को अंजाम दिया गया। मामले की तह तक जाने के लिए पुलिस आरोपियों के मोबाइल, कॉल डिटेल और अन्य तकनीकी साक्ष्यों को भी खंगाल रही है। हत्या में इस्तेमाल बाइक और हथियारों को भी बरामद करने की कोशिश की जा रही है।