Haryana News: दासौरा गांव में ट्यूबवेल के पानी से लोगों की तबीयत बिगड़ी, अस्पतालों में हो रही इलाज की दौड़

Haryana News: फरीदाबाद के दासौरा गांव में सार्वजनिक स्वास्थ्य और अभियंत्रण विभाग के ट्यूबवेल से सप्लाई किए गए पानी पीने के बाद कई लोग बीमार हो गए हैं। इन लोगों को उल्टी, दस्त और पीलिया जैसी बीमारियां हो रही हैं। गांववाले इस बीमारी से लगभग दस दिन से जूझ रहे हैं, लेकिन अब तक स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर कोई ध्यान नहीं दिया है।
पीलिया की पुष्टि, 20 लोग हुए बीमार
Haryana के दासौरा गांव में पानी से बीमार हुए लोगों में से 20 लोग गंभीर हालत में हैं। कुछ लोग निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, जबकि कुछ सरकारी अस्पतालों में भी भर्ती हैं। जांच रिपोर्ट में पीलिया की पुष्टि भी हो रही है। गांव में लोगों की तबियत बिगड़ने का सिलसिला लगातार जारी है, लेकिन अब तक इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 4 अप्रैल को ट्यूबवेल से पानी का सैंपल लिया गया था, और रिपोर्ट प्राप्त हुई थी, जिसमें पानी के दूषित होने का कोई संकेत नहीं था।
अस्पतालों में हो रही इलाज की दौड़, लोग परेशान
गांववाले इस बीमारी से परेशान हैं और अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं। गांव के ब्रिजपाल, रमेश और मोनू का कहना है कि वह अब थक चुके हैं, क्योंकि एक मरीज ठीक होता है तो दूसरा बीमार पड़ जाता है। सभी के मेडिकल रिपोर्ट में पीलिया की पुष्टि हो रही है। दस दिन से यह समस्या लगातार बनी हुई है और लोग एक-एक करके बीमार हो रहे हैं। कई घरों में एक के बाद एक लोग बीमार हो रहे हैं और इलाज के लिए निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं।
चाछरौली कम्युनिटी हेल्थ सेंटर के एसएमओ डॉ. वागीश गुटान का कहना है कि उन्हें गांव में बीमार होने की कोई जानकारी नहीं थी। यदि ऐसा है तो इस मामले की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव में कैंप लगाकर जांच की जाएगी और जरूरत पड़ने पर सैंपल भी लिए जाएंगे। दो ट्यूबवेल Haryana के दासौरा गांव में पानी की आपूर्ति के लिए लगाए गए हैं। 2 अप्रैल को घरों से और 4 अप्रैल को ट्यूबवेल से पानी के सैंपल लिए गए थे। इन सैंपलों की रिपोर्ट 7 अप्रैल को मिली थी, जिसमें पानी को सही बताया गया था।
पानी की गुणवत्ता पर कोई समस्या नहीं
पब्लिक हेल्थ और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के SDO गुरदीप सिंह का कहना है कि पानी की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि सैंपल पहले ही लिए गए थे। हालांकि, अगर लोग फिर भी बीमार हो रहे हैं, तो एक बार फिर से पानी के सैंपल लिए जाएंगे। इसके लिए एक कर्मचारी को ड्यूटी पर लगाया गया है ताकि स्थिति की जांच की जा सके और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाए जा सकें।