हरियाणा के नूंह में शुक्रवार को राज्य के पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के सुरक्षाकर्मियों की गुंडागर्दी सामने आई। मंत्री के सुरक्षा कर्मियों ने यहां नूंह के नगर परिषद के चेयरमैन संजय मनोचा के साथ धक्कामुक्की की। उनके साथ बदतमीजी तक हुई। सुरक्षाकर्मियों के धक्के से मनोचा फर्श पर गिर पड़े। यह पूरा वाक्या नूंह में मंत्री की अध्यक्षता में हुई जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मीटिंग के बाद हुआ। हालांकि जब इसको लेकर हंगामा मचा तो मंत्री बबली ने उन्हें अंदर बुलाकर मनाया।
जानिए.. कैसे हुई पूरी घटना
जानकारी के अनुसार नूंह में ग्रीवेंस कमेटी की बैठक खत्म होने के बाद मंत्री देवेंद्र बबली नूंह में डीसी के रूम में चले गए। उनके पीछे नूंह नगर परिषद चेयरमैन संजय मनोचा भी थे। हालांकि अचानक मंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने संजय मनोचा को रोक लिया। उन्होंने अपने बारे में बताया लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। इसके बावजूद जब चेयरमैन संजय मनोचा ने अंदर जाने की कोशिश की तो इसी दौरान मंत्री के सुरक्षा गार्डों ने बदतमीजी करते हुए उन्हें धक्का देकर नीचे गिरा दिया।
मंत्री ने चेयरमैन को अंदर बुलाया, सुरक्षाकर्मियों को फटकारा
सुरक्षाकर्मियों के धक्के से चेयरमैन के गिरने से वहां हंगामा शुरू हो गया। हर कोई इसका विरोध करने लगा। बाहर हंगामा मचा तो किसी ने मंत्री देवेंद्र बबली को इसके बारे में बताया। यह जानकर बबली ने तुरंत चेयरमैन मनोचा को अंदर बुलाया। मनोचा ने वहां शिकायत की कि आपके सुरक्षाकर्मियों ने मेरे साथ मिसबिहेव किया है। इस पर मंत्री ने सुरक्षाकर्मियों को फटकार लगाई। जिसके बाद पूरा मामला शांत हुआ।
मंत्री के सामने रखी गई 15 शिकायतें
नूंह में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की मासिक बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेन्द्र सिंह बबली के सामने कुल 15 शिकायतें रखी गईं। इनमें से 11 शिकायतों का मौके पर निपटारा किया गया। मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पात्र व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं का लाभ समय पर अवश्य मिलेगा और भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नही किया जाएगा।
मंत्री ने एडीसी को कहा कि प्रॉपर्टी आईडी बनवाने के लिए 15 दिन में कैंप लगाया जाए। बैठक में शिकायतकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया कि उनके मकान की गलत तरीके से 2 अलग-2 प्रॉपर्टी आईडी बना दी गई। इसके कारण उनके मकान के कुछ हिस्से पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया। इस मामले का कड़ा संज्ञान लेते हुए विकास एवं पंचायत मंत्री ने जांच के आदेश एडीसी को देकर इसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा।