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Gurugram Cyber Fraud: साइबर ठगों की नई चाल! SHO बनकर कहा ‘बेटी गिरफ्तार’, पिता से लूटे ₹60,000

Gurugram Cyber Fraud: गुरुग्राम में साइबर अपराधियों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। हाल ही में एक व्यक्ति को SHO बनकर फोन किया गया और उसकी बेटी को ड्रग्स के मामले में पकड़े जाने की झूठी जानकारी दी गई। ठगों ने व्यक्ति से 60 हजार रुपये ट्रांसफर करवा लिए और उसके बाद फोन बंद कर दिया। जब व्यक्ति ने अपनी बेटी से संपर्क किया, तो उसे ठगी का एहसास हुआ।

यह मामला साइबर पुलिस के पास पहुंचा, जिसके बाद पुलिस ने शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने साइबर अपराध के नए और खतरनाक तरीकों को उजागर कर दिया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।

कैसे हुआ साइबर फ्रॉड?

गुरुग्राम के मालिबू टाउन निवासी विपुल गुप्ता ने साइबर पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया कि उनकी बेटी गुरुग्राम के एक कॉलेज में पढ़ती है।

SHO बनकर किया फोन

हाल ही में विपुल गुप्ता को एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को एसएचओ (SHO) रघुवंशी बताया।

  • फोन पर व्यक्ति ने कहा कि आपकी बेटी को ड्रग्स के मामले में पुलिस ने पकड़ा है।
  • उसने बताया कि पुलिस की टीम ने छापा मारकर आपकी बेटी को गिरफ्तार किया है।
  • अगर आप अपनी बेटी को छुड़ाना चाहते हैं, तो तुरंत 60 हजार रुपये भेजें।

डर के कारण तुरंत भेज दिए पैसे

बेटी की गिरफ्तारी की खबर सुनकर विपुल घबरा गए और बिना सोचे-समझे ठगों के बताए अकाउंट में 60 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।

  • ठगों ने उन्हें आश्वासन दिया कि 45 मिनट के अंदर उनकी बेटी को छोड़ दिया जाएगा।
  • जब विपुल ने 45 मिनट बाद दोबारा कॉल किया तो फोन बंद मिला।
  • उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने तुरंत अपनी बेटी से संपर्क किया।
  • बेटी ने बताया कि वह तो कॉलेज में पढ़ाई कर रही है और उसके साथ ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ।

यह सुनते ही विपुल को एहसास हुआ कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं।

साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज

ठगी का पता चलते ही विपुल गुप्ता ने साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

  • पुलिस के अनुसार, यह संगठित साइबर ठगी गिरोह का काम हो सकता है।
  • ठगों ने मानसिक तनाव और डर का फायदा उठाकर पैसे ऐंठे।
  • ऐसे मामलों में जल्दबाजी और घबराहट में लिए गए फैसले ठगों के लिए अवसर बन जाते हैं।

कैसे काम करते हैं साइबर ठग?

इस तरह के ठगी मामलों में ठग पहले पीड़ित की निजी जानकारी इकट्ठा करते हैं। इसके बाद घबराहट और डर पैदा कर पैसे ऐंठने की कोशिश करते हैं।

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1. डेटा चोरी करके बनाते हैं योजना

  • साइबर अपराधी सोशल मीडिया, फोन कॉल, ईमेल या अन्य तरीकों से लोगों की निजी जानकारी चुराते हैं।
  • उन्हें पता होता है कि व्यक्ति की बेटी किस कॉलेज में पढ़ती है या उसका नाम क्या है।
  • इसके आधार पर वे एक विश्वसनीय कहानी बनाते हैं।

2. पुलिस अधिकारी या सरकारी अफसर बनकर करते हैं फोन

  • ठग खुद को SHO, पुलिस इंस्पेक्टर, सरकारी अधिकारी या बैंक कर्मचारी बताकर फोन करते हैं।
  • वे अचानक से कोई आपात स्थिति बताकर तुरंत कार्रवाई करने के लिए दबाव डालते हैं।

3. डर और भावनाओं का फायदा उठाते हैं

  • ठग ऐसी कहानी बनाते हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति घबरा जाए।
  • माता-पिता को यह कहकर डराया जाता है कि उनकी संतान मुश्किल में है।
  • पीड़ित को सोचने का समय न देकर तुरंत पैसे भेजने को कहा जाता है।

4. पैसे मिलने के बाद नंबर बंद कर देते हैं

  • एक बार जब पैसे ट्रांसफर हो जाते हैं, तो ठग फोन नंबर बंद कर देते हैं।
  • कई मामलों में वे फर्जी बैंक अकाउंट या डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं।
  • इससे पुलिस के लिए अपराधियों को पकड़ना मुश्किल हो जाता है।

Gurugram Cyber Fraud: साइबर ठगों की नई चाल! SHO बनकर कहा 'बेटी गिरफ्तार', पिता से लूटे ₹60,000

साइबर ठगी से बचने के लिए जरूरी सावधानियां

साइबर अपराधों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी हैं—

1. किसी भी अज्ञात कॉल पर तुरंत विश्वास न करें

  • अगर कोई खुद को पुलिस अधिकारी बताकर पैसे मांग रहा है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
  • पहले परिवार के सदस्यों से संपर्क करें और स्थिति की पुष्टि करें।

2. बिना पुष्टि किए पैसे ट्रांसफर न करें

  • किसी भी स्थिति में बिना जांच किए ऑनलाइन भुगतान न करें।
  • अगर कोई तत्काल पैसे भेजने का दबाव बना रहा है, तो यह ठगी हो सकती है।

3. साइबर पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत करें

  • अगर आपको किसी संदिग्ध नंबर से फ्रॉड कॉल आता है, तो साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें।
  • साइबर अपराध की रिपोर्ट करने के लिए https://cybercrime.gov.in/ वेबसाइट का उपयोग करें।

4. सोशल मीडिया पर ज्यादा निजी जानकारी साझा न करें

  • अपने परिवार और बच्चों की जानकारी पब्लिकली शेयर करने से बचें।
  • ठग अक्सर सोशल मीडिया से ही निजी जानकारी निकालते हैं।

5. अज्ञात नंबर से आने वाले WhatsApp कॉल से सतर्क रहें

  • आजकल ठग व्हाट्सएप और इंटरनेट कॉलिंग का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।
  • अगर कोई संदिग्ध कॉल आए, तो उसका नंबर तुरंत ब्लॉक करें।

गुरुग्राम में हुआ यह मामला साइबर अपराध के नए तरीकों को उजागर करता है। ठग अब पुलिस अधिकारी बनकर लोगों को डराकर पैसे ऐंठ रहे हैं। इस घटना से सीख लेते हुए सभी को सतर्क रहने की जरूरत है।

  • बिना पुष्टि किए किसी भी अनजान कॉल पर भरोसा न करें।
  • परिवार के सदस्यों से तुरंत संपर्क करें।
  • संदिग्ध कॉल की शिकायत साइबर पुलिस को करें।

साइबर अपराध से बचने का सबसे अच्छा तरीका सावधानी और जागरूकता है। अगर हम सतर्क रहेंगे, तो इस तरह की ठगी से बच सकते हैं।

Khabar Abtak

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