Haryana Assembly में हंगामा, कांग्रेस ने BJP अध्यक्ष बड़ौली पर लगे आरोपों का मुद्दा उठाया

Haryana Assembly में सोमवार को कांग्रेस विधायकों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के खिलाफ दर्ज गैंगरेप मामले को लेकर हंगामा किया। यह मामला कसौली पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था, जिसे लेकर कांग्रेस ने सरकार को घेरने की कोशिश की।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक डॉ. रघुबीर कादियान ने इस मुद्दे को उठाया और राज्य में अवैध खनन पर भी सरकार से जवाब मांगा। हालांकि, मोहन लाल बडोली को कोर्ट और पुलिस से क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन इस मुद्दे पर सदन में तीखी बहस देखने को मिली।
मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने आरोपों को बताया गलत
सामाजिक न्याय एवं अंत्योदय कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी ने डॉ. रघुबीर कादियान के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता के भतीजे को भी एमएलए हॉस्टल में ड्रग्स बेचते हुए पकड़ा गया था।
मंत्री बेदी ने कहा, “कृष्ण हूडा आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन कांग्रेस नेता के भतीजे को ड्रग्स केस में पकड़ा गया था।” इस पर सदन में मौजूद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि जो लोग सदन में मौजूद नहीं हैं, उनके बारे में चर्चा करना उचित नहीं है। स्पीकर हरविंदर कल्याण ने हुड्डा की इस टिप्पणी की सराहना की।
अवैध खनन का मुद्दा उठा, 50 हजार करोड़ के नुकसान का दावा
कांग्रेस विधायक डॉ. रघुबीर कादियान ने राज्य के विभिन्न जिलों में अवैध खनन का मुद्दा उठाया और दावा किया कि इससे सरकार को 50 हजार करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि खनन माफिया ने 22 हजार करोड़ रुपये के मूल्य का एक पूरा पहाड़ ही खत्म कर दिया।
खनन मंत्री कृष्ण पवार ने इन दावों को गलत बताते हुए कहा कि राज्य को 50 हजार करोड़ रुपये का कोई नुकसान नहीं हुआ है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ एक साल में 5000 करोड़ रुपये के नुकसान का जिक्र किया गया है, तो 10 साल में यह आंकड़ा 50 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
‘गुरुग्राम भ्रष्टाचार की राजधानी बन गया है’
रघुबीर कादियान ने विधानसभा में एक बयान देते हुए कहा कि राज्य के मंत्रियों ने खुद यह स्वीकार कर लिया है कि गुरुग्राम अब भ्रष्टाचार की राजधानी बन गया है। उन्होंने यह बयान कैबिनेट मंत्री राव नरबीर के एक पुराने बयान के संदर्भ में दिया।





इससे पहले, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में कहा कि बजट 17 मार्च को दोपहर 2 बजे पेश किया जाएगा और अगले दिन 18 मार्च को सुबह 11 बजे से कार्यवाही शुरू होगी। उन्होंने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी भी विधायक को बजट पढ़ने का समय नहीं मिलेगा, इसलिए 18 मार्च को सदन की कार्यवाही स्थगित की जानी चाहिए।
क्या अवैध खनन पर होगी सख्त कार्रवाई?
कांग्रेस नेताओं के आरोपों के जवाब में भाजपा सरकार ने कहा कि अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार खनन माफिया पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है और इससे हरियाणा की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हो रहा है।
खनन घोटाले को लेकर कांग्रेस के आक्रामक रुख से भाजपा सरकार पर दबाव बढ़ सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर सरकार इस मामले में कड़े कदम नहीं उठाती है तो आगामी चुनावों में यह मुद्दा बड़ा बन सकता है।
हरियाणा के राजनीतिक समीकरण पर असर
हरियाणा विधानसभा में हुए इस हंगामे से राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस से यह स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में अवैध खनन और भ्रष्टाचार बड़े मुद्दे बन सकते हैं। कांग्रेस जहां भाजपा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है, वहीं भाजपा कांग्रेस के पुराने कार्यकाल की खामियों को उजागर कर रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम का असर हरियाणा के बजट सत्र पर भी पड़ सकता है। यदि विपक्ष लगातार दबाव बनाता रहा तो भाजपा सरकार को विकास कार्यों और आर्थिक योजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करना होगा।
हरियाणा विधानसभा सत्र में कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी रहा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के खिलाफ आरोपों से लेकर अवैध खनन और भ्रष्टाचार तक, कई मुद्दों पर गरमागरम बहस देखने को मिली।
अब देखना होगा कि सरकार अवैध खनन पर क्या कदम उठाती है और विपक्ष इस मुद्दे को आगामी चुनावों में कितना बड़ा बनाता है। वहीं, बजट सत्र के दौरान सरकार और विपक्ष के बीच और भी तीखी बहस होने की संभावना है।