सोनीपत जिले में नियुक्त 76 में से 41 पटवारी भ्रष्टाचार में हैं लिप्त
सोनीपत : राज्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्यालय की तरफ से उपायुक्त के नाम भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में जिले के 41 पटवारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप है। इनमें से 15 पटवारियों पर अपने पास निजी सहायक रखकर उनके माध्यम से लेनदेन करने का आरोप लगा है।
इनमें ज्यादातर पर इंतकाल दर्ज करने व पुराना रिकॉर्ड निकालने के एवज में रुपये लेने का आरोप है। उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई कर रिपोर्ट भेजने को लिखा है।
प्रदेश सरकार की तरफ से पटवारियों की खुफिया रिपोर्ट तैयार करवाई है। रिपोर्ट को अब सभी उपायुक्त को भेजा गया है। सोनीपत में नियुक्त 76 में 41 पटवारियों का नाम सूची में शामिल है। रिपोर्ट सोशल मीडिया पर जारी होने के बाद हड़कंप मच गया। पटवारी व उनके परिचित उनसे कॉल कर सूची में नाम होने को लेकर जानकारी लेने लगे हैं। दिनभर पटवार खानों में लोग इसको लेकर चर्चा करते दिखे। राजस्व विभाग के वित्तायुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव की तरफ से 14 जनवरी को डीसी के नाम भेजे पत्र में उक्त पटवारियों के खिलाफ 15 दिन में कार्रवाई कर उसकी रिपोर्ट भेजने को लिखा गया है।
41 में से 15 ने रखे हैं सहायक
सोनीपत जिले में जारी की गई सूची में 41 पटवारियों में से 15 पर आरोप है कि उन्होंने अपने सहायक रखे हुए हैं और उनके माध्यम से रुपये की मांग करते हैं। पटवारियों व सहायकों के नाम सूची में दिए गए हैं। खरखौदा ब्लॉक के सभी 11 पटवारियों के नाम सूची में हैं।
इंतकाल, रजिस्ट्री कराने व पुराना रिकॉर्ड निकालने के नाम पर रुपये लेने का आरोप
आरोप है कि पटवारी व उनके सहायक इंतकाल, रजिस्ट्री कराने व पुराना रिकॉर्ड निकालने के नाम पर रुपये लेते हैं। खरखौदा ब्लॉक के 11 पटवारियों व चार सहायक पर इंतकाल व रजिस्ट्री करवाने, पुराना रिकॉर्ड निकालने आदि के नाम रुपये लेने का आरोप है। वहीं 30 पटवारियों व 11 सहायकों पर इंतकाल दर्ज करने व पुराना रिकॉर्ड निकालने की एवज में रुपये लेने का आरोप है।
पटवारियों की बेइज्जती बर्दाश्त नहीं
दी रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन सोनीपत के प्रधान सन्नी दहिया ने कहा कि प्रदेश भर के पटवारियों को सरकार की तरफ से भ्रष्टाचारी बता दिया गया है। दोषी करार देना कोर्ट का काम है। वह हाईकोर्ट के वकीलों से राय ले रहे हैं। ऐसी बेइज्जती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राज्यस्तरीय एसोसिएशन के पदाधिकारियों संग ऑनलाइन बैठक कर उच्च न्यायालय के अधिवक्ताओं से विचार कर इसे लेकर सोमवार को कड़ा फैसला लिया जाएगा।
-इसे लेकर कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। आधिकारिक पत्र मिलने के बाद सरकार के निर्देशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
– जिवेंद्र मलिक, तहसीलदार सोनीपत