पर्यटन निगम की सम्पति के निजीकरण का कर्मचारियों ने किया विरोध, सरकार के खिलाफ आंदोलन का लिया निर्णय
सोनीपत, 29 नवंबर। पर्यटन निगम की संपति को निजी कंपनियों को देने की संविदा जारी होने पर पर्यटन निगम के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रकट करते आंदोलन का निर्णय लिया है। शुक्रवार को एथनिक इंडिया पर्यटन स्थल पर हरियाणा टूरिज्म कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान कश्मीर सिंह की अध्यक्षता में सैकड़ों कर्मचारियों ने धरना देकर रोष प्रदर्शन किया । राज्य चेयरमैन युद्धवीर सिंह खत्री व वरिष्ठ उपप्रधान सुरेश कुमार नोहरा ने कहा की हरियाणा पर्यटन निगम को चौधरी बंसीलाल ने 1972 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से चंडीगढ़, दिल्ली -आगरा ,दिल्ली- जयपुर, दिल्ली- पिलानी आदि हरियाणा से अन्य पड़ोसी राज्यों का सफर करने वाले पर्यटकों की सुविधाओं को ध्यान मे रखते हुए विकास किया है |
जिसके लिए गांव पंचायत की सार्वजनिक जमीन दान में लेकर शुरुआत की थी जिससे देश विदेश से पर्यटको को सुविधा दी व बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया, जिस से पर्यटन उद्योग विकसित हुआ, लेकिन अब सरकार पर्यटन उद्योग की बहु कीमती संपत्ति को निजीकरण करने का प्रयास कर रही है, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 11-11 साल पट्टे पर देने की सबसे पहले सोनीपत के राई स्थित एथनिक इंडिया की संविदा जारी कर दी।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अपना फैसला वापिस नहीं लिया तो पर्यटन विभाग के कर्मचारी हरियाणा के सभी पर्यटन केन्द्र पर 6 दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक गेट मीटिंग कर पर्यटन मन्त्री के नाम ज्ञापन देगे। साथ ही 16 दिसंबर से 25 दिसम्बर तक पक्ष विपक्ष के सभी दस सांसदो को भी इस संबंध में ज्ञापन देकर सार्वजनिक क्षेत्र को पूंजीपतियों को देने का विरोध किया जाएगा। इस अवसर पर राजीव खत्री, राज, सुभाष ग्रेवाल, टीकाराम, लच्छीराम, सुरेश कुमार पूनिया, बीरेन्द्र शर्मा, सुभाष ग्रेवाल, देवेन्द्र कादयान, राजेन्द्र छोकर, रमेश कश्यप प्रमुख रूप से मौजूद रहे।