शेर-ए-हिंद ने कहा कि जिस प्रकार से दवाई की आवश्यकता स्वस्थ व्यक्ति नहीं रोगी को होती है,जिससे वैमनस्य हो, विद्वेष हो उससे क्षमा माँगने वाला कायर नहीं, शूरवीर होता है , क्षमा से व्यक्ति का गौरव बढ़ता है, घटता नहीं ।
प्यार का झरना बन जाती है क्षमा याचना : शेर-ए-हिंद सुंदर मुनि जी
गोहाना :-8 सितंबर: आप क्षमा के याचक बन कर तो देखिए, आप की क्षमा याचना प्यार का झरना बन जाएगी। रविवार को क्षमा पर्व संवत्सरी पर यह संदेश शेर-ए-हिंद सुंदर मुनि जी महाराज ने दिया ।
सुंदर मुनि जी वजीरपुरा गांव में स्थित टी. पी. एस. पब्लिक स्कूल में आयोजित उत्सव का मार्गदर्शन कर रहे थे । सानिध्य गच्छाधिपति प्रकाश चंद जी महाराज का रहा । वह 96 साल जैसी दीर्घायु में 4 घंटे चले कार्यक्रम में बिना आश्रय स्थिर बैठे रहे। जैन संत सुशील मुनि और संयति मुनि ने भी श्रद्धालुओं पर आशीर्वचनों की वर्षा की।
शेर-ए-हिंद ने कहा कि जिस प्रकार से दवा की आवश्यकता स्वस्थ व्यक्ति नहीं रोगी को होती है, उसी भांति से क्षमा मांगने का औचित्य भी उसी से है जिससे वैमनस्य हो, विद्वेष हो | क्षमा मांगने वाला कायर नहीं, शूरवीर होता है। क्षमा से व्यक्ति का गौरव बढ़ता है, घटता नहीं ।
कार्यक्रम में एस.एस.एस. जैन सभा के पूर्व अध्यक्ष वेद प्रकाश जैन के साथ रामपाल जैन, ओम प्रकाश जैन, मास्टर इंद्र सिंह आदि भी पहुंचे। अर्हम जैन और यशी जैन की भजन प्रस्तुति विशेष रूप से सराही गई।