प्रथम महिला शहीद थीं अवंती बाई लोधी : सुषमा सेतिया
गोहाना :-17 अगस्त : देश को आजाद करवाने के लिए जिस वीरांगना ने सबसे पहले अपने प्राणों की आहुति दी थी, वह अवंती बाई लोधी थीं। उनके शहीद होने के बाद उनके परिवार को भी न बख्शते हुए अंग्रेजों 187 गांवों की जमींदारी छीन ली थी।
यह टिप्पणी रिटायर्ड वाइस प्रिंसिपल सुषमा सेतिया ने की। वह अवंती बाई लोधी की 193वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य संबोधन कर रही थीं । यह कार्यक्रम आजाद हिंद देशभक्त मोर्चे के तत्वावधान में हुआ। अध्यक्षता मोर्चे के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने की।
कार्यक्रम का मार्गदर्शन मोर्चे के निदेशक डॉ. संदीप सेतिया ने किया । मुख्य वक्ता सुषमा सेतिया ने कहा कि 1857 के गदर में अंग्रेजों की विशाल सेना के साथ संघर्ष में जब अवंती बाई लोधी को अपनी मृत्यु का आभास हो गया, उन्होंने अपनी ही तलवार से मातृभूमि के लिए अपने जान को न्यौछावर कर दिया ।
कार्यक्रम में सतबीर पौडिया, उमेद पांचाल, सुरेश कश्यप, उधम सिंह, मुकेश रानी, पूजा, सपना, सुदेश, मीनाक्षी, निर्मला आदि भी मौजूद रहे।