Breaking NewsBusinessGohana

गोहाना की नई सब्जी मण्डी के आढ़तियों ने फूंकी हरियाणा सरकार के एकमुश्त आढ़त के सर्कुलर की प्रतियां

गोहाना :-11 दिसम्बर : सोमवार को शहर की नई सब्जी मंडी में आढ़तियों ने हरियाणा सरकार के उस नए सर्कुलर की प्रतियां फूंकी जिसमें एकमुश्त वार्षिक भुगतान की आढ़त की दरें तय की गई हैं। यह स्लैब आढ़तियों द्वारा 2022-23 के भुगतान के आधार पर बनाया गया है।

सर्कुलर के अनुसार 20 हजार तक की आदत के लिए अब 12,500 रुपए, 20,001 से 40000 तक की आढ़त के लिए 37,500 रुपए का एकमुश्त वार्षिक भुगतान करना होगा । ये दो दरें आढ़तियों को भा रही हैं। लेकिन आगे की दरों को वे बहुत ज्यादा बता रहे हैं। सर्कुलर के अनुसार 40,001 रुपए से 60,000 रुपए के लिए 62,500 रुपए, 60,001 से 80,000 रुपए के लिए 87,500 रुपए, 80,001 रुपए से 1,00,000 रुपए के लिए 1,12,500 रुपए, 1,01,001 रुपए से 1,25,000 लाख के लिए 1,40,625 रुपए, 1,25,001 रुपए से 1,50,000 रुपए के लिए 1,71,875 रुपए, 1,50,001 रुपए से 1,75,000 रुपए के लिए 2,03,125 रुपए की पेमेंट करनी होगी।

WhatsApp Image 2024-08-14 at 9.41.16 AM (2)
WhatsApp Image 2024-08-14 at 9.41.16 AM (3)
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.46.12 PM
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.55.06 PM
c3875a0e-fb7b-4f7e-884a-2392dd9f6aa8
1000026761
WhatsApp Image 2024-07-24 at 2.29.26 PM

इसी क्रम में 1,75,001 से 2,00,000 रुपए के लिए 2,34,375 रुपए, 2,00,001 रुपए से 2,50,000 रुपए के लिए 2,81,250 रुपए, 2,50,001 से 3,00,000 रुपए के लिए 3,43,750 रुपए, 3,00,001 से 4,00,000 रुपए के लिए 4,37,500 रुपए, 4,00,001 रुपए से 5,00,000 रुपए के लिए 5,62,500 रुपए तथा 5,00,001 रुपए और अधिक के लिए 6,87,500 रुपए का भुगतान करना होगा। इस तरह से एकमुश्त वार्षिक भुगतान का स्लैब 12,500 से 6,87,500 रुपए के मध्य है।

एकमुश्त वार्षिक भुगतान के स्लैब के सर्कुलर की प्रतियां लगाने के प्रदर्शन का नेतृत्व सब्जीमंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष जयदीप कुंडू ने किया। इस प्रदर्शन में एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दीपक मेहता और पूर्व अध्यक्ष दिनेश मधु के साथ कृष्ण लाल सैनी, नवीन मल्होत्रा, बेलराज पूनिया, तिलकराज भाटिया, दुष्यंत मेहता, सन्नी ठकराल, मोनू कुंडू आदि ने भाग लिया।

प्रदर्शनकारी आढ़तियों ने कहा कि एकमुश्त वार्षिक स्लैब स्वागत योग्य है,पर इस की दरें जायज होनी चाहिए।आढ़तियों की चिंता यह है कि उनकी बिक्री हो या न हो, सरकार एडवांस में पूरा टैक्स जमा करवा लेगी जिसके चलते उन पर भारी आर्थिक बोझ अनावश्यक रूप से पड़ सकता है।

Khabar Abtak

Related Articles

Back to top button