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चुनावी दशहरे में रावण-हनुमान की सबसे ज्यादा डिमांड, राम-दुर्योधन बताकर भी हो रहे हैं राजनीतिक हमले

भाजपा प्रवक्ता जयराम विप्लव ने खबर अब तक से कहा कि सभी राजनीतिक दल के नेताओं को यह समझना पड़ेगा कि यदि वे आज किसी दूसरी पार्टी के नेता के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करेंगे, तो दूसरे दल के कार्यकर्ता भी उनके प्रति उसी तरह की टिप्पणी कर सकते हैं। इससे केवल राजनीतिक माहौल दूषित होता है और नेताओं के प्रति जनता में नकारात्मक विचार बनते हैं...

नवरात्रि और दशहरे का त्योहारी मौसम करीब आ गया है। इस दौरान रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतलों की सबसे ज्यादा मांग रहती है, जिन्हें जलाकर लोग इस त्योहार को मनाते हैं। लेकिन इसी समय देश के चुनावी मौसम में भी खूब गर्मी आ गई है। सभी दल इसके लिए अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं। अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने के लिए उन्हें रावण, मेघनाथ, कुंभकर्ण, सुपर्णखा, दुर्योधन और दुशासन बताया जा रहा है, तो अपनी पार्टी के नेताओं को भारत माता और राम बताकर उनका महिमामंडन किया जा रहा है। इस पर खूब विवाद भी हो रहा है, लेकिन सोशल मीडिया इस तरह के चित्रों से भरा पड़ा है।

राहुल को रावण बताने पर विवाद

सबसे ताजा विवाद भाजपा के उस फोटो पर हो रहा है, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘नये युग का रावण’ करार दिया गया है। भाजपा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल (अब एक्स) से पांच अक्तूबर को एक ट्वीट किया, जिसमें राहुल गांधी को नए युग का रावण बताया और कहा कि उनका काम राम विरोधी और धर्म विरोधी होता है। भाजपा ने अपने इस ट्वीट में राहुल गांधी पर भारत को नष्ट करने का लक्ष्य रखने का आरोप भी लगाया है।

भाजपा ने राहुल गांधी पर यह हमला ऐसे समय में किया है, जब सनातन विवाद सुर्खियां बना हुआ है। इंडिया गठबंधन के अनेक दल लगातार सनातन विरोधी बयान दे रहे हैं। भाजपा उन पर सनातन विरोधी होने का आरोप लगा रही है।

राजनीतिक बहस को गिराने का आरोप

भाजपा के इस ट्वीट पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। प्रियंका गांधी अपने भाई के बचाव में उतरीं और कहा कि आखिर आप राजनीतिक बहस को किस स्तर तक ले जाना चाहते हैं। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को टैग करते हुए पूछा कि क्या अपनी पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए जा रहे इन भड़काऊ और हिंसात्मक ट्वीट से आप सहमत हैं।

भाजपा ने दिया जवाब

प्रियंका गांधी के इस बयान के बाद भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी के द्वारा 2018 में जारी किया गया वह आपत्तिजनक पोस्टर ट्वीट कर दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आपत्तिजनक रूप में दिखाया गया था। इस चित्र में पीएम के एक तरफ कुछ उद्योगपतियों के चेहरे लगाए गए थे, तो दूसरी ओर भाजपा के कुछ अन्य नेताओं के चेहरे दिखाई गए थे।

भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने कहा है कि कांग्रेस को इस तरह का ट्वीट करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। यदि वे देश के सबसे लोकप्रिय नेता पर गलत तरह से हमला करेंगे, तो उन्हें भी उसी तरह के हमले के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने प्रियंका गांधी को टैग करते हुए पूछा है कि प्रियंका गांधी जी आखिर इसकी शुरूआत किसने की थी?

अखिलेश यादव को बताया कृष्ण

इसके पहले यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को उनके समर्थकों ने भगवान कृष्ण के रूप में दिखाया था। रायबरेली में उनकी एक यात्रा से पहले गली-चौराहे पर इस तरह के पोस्टर लगाकर उनका स्वागत किया गया था। भाजपा ने इस पोस्टर पर आपत्ति जताई थी।

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लालू बने विष्णु तो तेजस्वी बने कृष्ण

इस समय राष्ट्रीय जनता दल के नेता और नीतीश सरकार में मंत्री चंद्रशेखर के सनातनविरोधी बयानों के कारण विवाद मचा हुआ है। लेकिन लगभग एक साल पहले राजद नेताओं ने स्वयं अपने नेताओं को विष्णु और कृष्ण के रूप में दिखाया था। पिछले वर्ष दशहरे के पूर्व राजद कार्यालय के बाहर पटना में एक पोस्टर लगाया गया था। इसमें लालू यादव को विष्णु, नीतीश कुमार को अर्जुन और तेजस्वी यादव को उनके सारथी कृष्ण के रूप में दिखाया गया था। भाजपा के शीर्ष नेताओं को इस पोस्टर में अहंकार और अधर्म के प्रतीक के रूप में दिखाया गया था जिसका भाजपा ने कड़ा विरोध किया था।

सोनिया गांधी को दिखाया भारत माता

पिछले महीने सितंबर माह में कांग्रेस की एक रैली तेलंगाना के हैदराबाद शहर में हुई थी। इस रैली के पहले कांग्रेस नेताओं ने सोनिया गांधी को दुर्गा और भारत माता के रूप में पोस्टरों में दिखाया था। भाजपा ने इसकी यह कहकर आलोचना की थी कि कांग्रेस पहले से ‘इंदिरा इज इंडिया, इंडिया इज इंदिरा’ वाली सोच की रही है। पार्टी ने कहा था कि कोई भी व्यक्ति भारत माता के बराबर नहीं हो सकता।

हनुमान बनने की सबमें होड़

फिलहाल, इस मामले में सभी देवताओं में हनुमान जी सबके प्रिय बने हुए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के पहले आम आदमी पार्टी ने हनुमान का पक्ष लिया था और उसे जीत मिली थी। कर्नाटक में भी जब भाजपा के राम के सामने कांग्रेस ने भगवान हनुमान को अपना ‘हथियार’ बनाया और उसे जीत मिली। मध्यप्रदेश में कमलनाथ स्वयं को हनुमान के रोल में ही दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके समर्थक उन्हें हनुमान भक्त बताकर एक पार्टी विशेष को नष्ट करने की बात कर रहे हैं।

टीएमसी के पोस्टर पर विवाद

पिछले वर्ष फरवरी 2022 में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ममता बनर्जी को दुर्गा माता के रूप में दिखाया था तो प्रधानमंत्री को गलत तरीके से प्रस्तुत किया था। भाजपा ने इस पोस्टर पर खूब आपत्ति जाहिर किया था। जुलाई 2016 में भाजपा नेता दयाशंकर सिंह और बसपा नेताओं का विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद प्रयागराज में एक पोस्टर लगा था जिस पर खूब विवाद हुआ था। पोस्टर में दयाशंकर सिंह को अर्जुन, उनकी पूर्व पत्नी स्वाती सिंह को दुर्गा और मायावती को एक आपत्तिजनक चरित्र के रूप में दर्शाया गया था।

गलत सोच से बचना ही सबके लिए सही

भाजपा प्रवक्ता जयराम विप्लव ने खबर अब तक से कहा कि सभी राजनीतिक दल के नेताओं को यह समझना पड़ेगा कि यदि वे आज किसी दूसरी पार्टी के नेता के प्रति अमर्यादित टिप्पणी करेंगे, तो दूसरे दल के कार्यकर्ता भी उनके प्रति उसी तरह की टिप्पणी कर सकते हैं। इससे केवल राजनीतिक माहौल दूषित होता है और नेताओं के प्रति जनता में नकारात्मक विचार बनते हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए इसको साफ-स्वच्छ रखने में सबको अपनी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी और अपनी-अपनी पार्टी के अतिउत्साही कार्यकर्ताओं पर लगाम लगानी पड़ेगी।

Khabar Abtak

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