भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों का केस अब और उलझता नजर आ रहा है। आरोप लगाने वाली नाबालिग रेसलर ने बृजभूषण के खिलाफ लगाए सेक्शुअल हैरेसमेंट के आरोप वापस ले लिए हैं। रेसलर के पिता ने अब इसे भेदभाव का मामला बताया है। उधर, इंटरनेशनल रेफरी जगबीर सिंह ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने 25 मार्च, 2022 को एशियन चैम्पियनशिप के ट्रायल के दौरान एक महिला रेसलर के साथ गलत व्यवहार किया था। उन्होंने ये बयान दिल्ली पुलिस को भी दिया है
इस पूरे केस में नाबालिग रेसलर के लगाए आरोप सबसे ज्यादा गंभीर हैं। नाबालिग रेसलर ने 10 मई को मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराया था। इसी के आधार पर बृजभूषण पर पोक्सो एक्ट की धारा 10 के तहत केस भी दर्ज हुआ है। इस अकेले केस में बृजभूषण को 10 साल की सजा हो सकती है। रेसलर के बयान बदलने से पोक्सो हटा तो पूरा केस कमजोर हो जाएगा। एक विवाद नाबालिग रेसलर की उम्र को लेकर भी है। नाबालिग रेसलर की कहानी और उम्र पर उठ रहे सवालों की छानबीन के लिए हमारी टीम बच्ची के दादा-दादी के पास रोहतक पहुंची।
हरियाणा में रोहतक से करीब 17 किमी दूर नाबालिग रेसलर के दादा और दादी रहते हैं। पोती की उम्र से जुड़े विवाद पर दादा साफ कहते हैं, ‘हमारी पोती बालिग है। उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई। उसके पिता ने उस पर दबाव बनाया और झूठी शिकायत दर्ज करवाई है। हमने जैसे ही यह सुना कि मेरी पोती के कंधे पर बंदूक रख कर ये खेल खेला जा रहा है, तो हम फौरन अपने बेटे के घर भी गए थे। हमें अंदर नहीं जाने दिया गया, उलटा कहा कि अगर बेटी बयान नहीं देगी तो मैं उसके टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा।
नाबालिग रेसलर की दादी ने भी कहा, ‘’हमारी पोती बालिग है। हमें अच्छी तरह याद है। वो 22 फरवरी 2004 को पैदा हुई थी। वो रोहतक के कमलेश फोगाट नर्सिंग होम में पैदा हुई थी।’ दादा का दावा है कि बच्ची की उम्र अब 19 साल 3 महीने है। FIR में जिस वक्त उसके नाबालिग होने का दावा किया जा रहा है, इस दावे के मुताबिक उस वक्त भी लड़की की उम्र 18 साल से ज्यादा थी। लड़की के पिता ने ब्रजभूषण पर अप्रैल, 2022 को रांची में हुए नेशनल के दौरान लड़की का यौन शोषण करने का आरोप लगाया था।
नाबालिग रेसलर के दादा बताते हैं कि जब ये केस सामने आया और मुझे पता चला कि मेरी पोती के नाम से FIR दर्ज कराई गई है तो मैंने अपने बेटे को फोन किया था। उनके मुताबिक, ‘मैंने फोन पर उससे पूछा कि यह सब क्या कर रहे हो, तो उसने जवाब दिया कि अगर बेटी उसके हिसाब से बयान नहीं देगी तो वो उसकी बोटी-बोटी कर देगा।
दादा आगे बताते हैं, ‘हमें पोती की फिक्र थी। हम उसके घर भी पहुंचे। वो जंतर-मंतर में धरने पर था। उसके घर के CCTV पर हम उसे दिख गए। उसने वहीं से हमें फोन किया। बोला कि तुम लोग दो मिनट में यहां से चले जाओ, नहीं तो ठीक नहीं होगा।
दादा आरोप लगते हैं कि पोती और उसकी मां तब घर में ही थे। पोती अपनी मां से दरवाजा खोलने के लिए कह रही थी, लेकिन किसी ने नहीं खोला। हम वापस आ गए। हमने दादा से सवाल किया, ‘पिता अगर आपकी पोती पर दबाव बना रहे तो वह आपके साथ क्यों नहीं आती? दादा कहते हैं, ‘उसका पिता उसे मारता-पीटता है। जान से मारने की धमकी देता है। हम भी डरते हैं कहीं कोई हादसा न हो जाए, परिवार बिखर न जाए। इसलिए उसे बर्दाश्त करते हैं।
दादा-दादी अपने बेटे से काफी नाराज हैं। वे बताते हैं, ‘’2019 में चीन में हुए एशिनय गेम्स तक हमारी अपनी पोती से रोज बात होती थी। उससे पहले वो लखनऊ कैंप में थी, तब भी रोज हमें फोन करती थी। कैंप में क्या सीखा, क्या किया ये भी रोज बताती थी। मैं अक्सर उससे पूछता था कि मैंने जो दांव तुझे सिखाए हैं, उसके हिसाब से ही खेलना।
दादा आगे बताते हैं, ‘कैंप में वह करीब 2-3 महीने रही। उसकी बातों से समझ में आता था कि वह वहां बहुत खुश है। फिर वहां से चीन के ताइचुंग शहर में गेम्स खेलने गई। तब भी उसकी बात मुझसे हर मैच से पहले और बाद में होती थी। उसके बाद उसके पिता ने पारिवारिक विवाद के चलते हमसे बात करने से उसे मना कर दिया। हमारा उससे बहुत जुड़ाव है। हम सोचते थे कि हमारे परिवार से कोई टीम इंडिया से खेले, लेकिन पिता ने बीते ढाई साल से हमें उससे बात नहीं करने दी।
नाबालिग रेसलर के पिता ने उम्र पर विवाद होने पर कहा था कि ये उसकी दूसरी बेटी के बारे में बात कर रहे हैं जो अब दुनिया में नहीं है। पिता का दावा था कि उसकी एक बेटी 2004 में मर गई थी। हालांकि दादा-दादी इस दावे को भी झूठ बताते हैं। वे कहते हैं, ‘हमारे घर केवल तीन बच्चे पैदा हुए। छोटे बेटे की बेटी, जिस पर विवाद हो रहा। उसका भाई और उसके ताऊ का बेटा। बस तीन ही बच्चे हैं। चौथा कोई बच्चा कभी पैदा हुआ ही नहीं।’ दादा सवाल करते हैं, ‘अगर आपके घर बच्चा पैदा होगा या मरेगा तो क्या घर परिवार, रिश्तेदार और आसपास के लोगों को पता नहीं चलेगा।
दादा अपने बेटे पर कई गंभीर आरोप लगते हैं। उनके मुताबिक, ‘’हम एक समय बेहद गरीब थे। मैं घर में अकेला नौकरी करने वाला था। डाइट ऐसी नहीं ले सकता था कि और आगे तक अच्छा खेल सकूं। गरीबी की वजह से मैंने आर्मी जॉइन की। सिपाही बन गया, लेकिन वहां से मैंने जल्दी रिटायरमेंट लेकर बिजनेस किया। खूब पैसा कमाया। दोनों बेटों को करोड़ों की संपत्ति दी।
दादा कहते हैं, ‘मेरा छोटा बेटा कभी गरीब नहीं था। वो बस कुछ काम ही नहीं करता था। मैंने उसके बेटे के लिए एक स्कीम शुरू की थी। हर महीने 10 हजार रुपए डालता था। 2 लाख 80 हजार रुपए इकट्ठा हो गए थे, लेकिन उसने वो पॉलिसी भी तुड़वा ली। जो बाप अपने बेटे के पैसे खा गया। वह क्या बनाएगा बच्चों का भविष्य।
दादा उस पॉलिसी के कागज दिखाते हुए कहते हैं, ‘अगर यह चलती रहती तो बेटा जब बालिग होता तो उसे 25 लाख रुपए मिलते।
नाबालिग लड़की के दादा कहते हैं, ‘अगर हमारी पोती के साथ कुछ भी गलत होता तो क्या हम उसके साथ खड़े नहीं होते। ऐसा कुछ हुआ ही नहीं। 2019 में चीन के ताइचुंग में एशिया अंडर 15 में मेरी पोती ने गोल्ड जीता था। उसके बाद प्रैक्टिस के दौरान उसे चोट लग गई। 2 साल तक वह खेल नहीं पाई और पुणे में उसकी सर्जरी करनी पड़ी।
दादा के मुताबिक, ‘शुक्र है भगवान का कि वह दोबारा खेलने लायक हो पाई। 2022 में यह फिर रांची में नेशनल खेलने गई। वहीं पर इसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे इसके पिता को गुस्सा आ गया। रांची में कोच नरेंद्र तोमर था। वहीं मेरी पोती का सिलेक्शन एक नंबर से रह गया। उसका पिता ये हार बर्दाश्त नहीं कर पाया। उसी का गुस्सा इस तरह निकाल रहा है। बहकावे में आकर उसने बृजेभूषण के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी।