बीपीएस महिला विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु बी ए एल एल बी , बी बी ए एल एल बी एवं एल एल एम पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ, 2 जुलाई अंतिम तिथि
कानूनी शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रभावशाली पहल

गोहाना,( अनिल जिंदल ), 25 जून : भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय, खानपुर कलां का विधि विभाग अपने उत्कृष्ट अकादमिक वातावरण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षण परंपरा और समग्र विकास की दृष्टि से राज्य का एक प्रमुख शिक्षण संस्थान है। विधि विभाग द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए बी ए एल एल बी , बी बी ए एल एल बी (पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रम) एवं एल एल एम (दो वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम) में प्रवेश की प्रक्रिया विधिवत रूप से आरंभ कर दी गई है।
विभागाध्यक्ष डॉ सीमा दहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि विभाग का प्रमुख उद्देश्य छात्राओं को विधिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों, तार्किक क्षमता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व से युक्त कर उन्हें न्याय व्यवस्था का प्रभावी अंग बनाना है।डॉ दहिया ने बताया कि बी ए एल एल बी के पाठ्यक्रम की मुख्य विशेषताएं जैसे संविधान, आपराधिक न्यायशास्त्र, सिविल प्रक्रिया संहिता, मानवाधिकार कानून, वैकल्पिक विवाद समाधान, कानूनी अनुसंधान व लेखन है। उन्होंने कहा कि विधि लॉ छात्राओं के लिए रोजगार के अवसर बहुत अपार है जिनमें अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी, विधिक सलाहकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता, एन जी ओ , नीति विश्लेषक है।
डॉ सीमा दहिया ने बी बी ए एल बी के पाठ्यक्रम की विशेषताएँ बताते हुए कहा कि कॉरपोरेट लॉ, टैक्सेशन, मर्जर-अक्विजिशन, कानून, कॉन्ट्रैक्ट ड्राफ्टिंग, व्यावसायिक नैतिकता है, और इसमें रोज़गार के रूप में कॉरपोरेट विधिक विशेषज्ञ, कंपनी सचिव, बिज़नेस लॉयर, बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों में विधिक अधिकारी बन सकते है।
डॉ सीमा दहिया ने एल एल एम पाठ्यक्रम की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अनुसंधान पद्धति, अंतरराष्ट्रीय कानून, बौद्धिक संपदा अधिकार, महिला और विधि, पर्यावरणीय कानून मुख्यत है। इसमें रोजगार के भी विभिन्न अवसर है जिसमें यू जी सी -नेट , शोधकर्ता, विधि प्राध्यापक, नीति विश्लेषक, उच्च न्यायिक परीक्षाओं हेतु तैयारी है।
उन्होंने विभाग की विशेषताओं पर जोर देते हुए बताया कि अत्याधुनिक स्मार्ट कक्षाएं एवं डिजिटल शिक्षण संसाधन नियमित रूप से आयोजित मूट कोर्ट प्रतियोगिता, वर्कशॉप एवं विधिक जागरूकता शिविर ,उच्च न्यायालय व सुप्रीम कोर्ट में इंटर्नशिप की समुचित व्यवस्था,अनुभवी, शोधपरक एवं छात्रोन्मुखी संकाय सदस्यों द्वारा मार्गदर्शन,उत्कृष्ट पुस्तकालय व विधिक डेटाबेस एक्सेस की सुविधा है।
डॉ सीमा दहिया ने कहा कि विश्वविद्यालय का विधि विभाग न केवल छात्राओं को विषय में दक्ष बनाता है, बल्कि उन्हें समकालीन सामाजिक, राजनीतिक और वैश्विक विधिक चुनौतियों से जूझने हेतु तैयार करता है।