Breaking NewsEducationएसजीटीयूगुरुग्राम

चेंज और चैलेंज के दौर में भविष्य संवारने के लिए नए मानक तय करने होंगे

एसजीटीयू में अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव

गुरुग्राम। भविष्य को नए सिरे से संवारना है तो नए उपाय करते हुए नए मापदंड- मानक तय करने होंगे। प्रबंधन, कानून कम्युनिकेशन और तकनीक एवं इंजीनियरिंग के चार स्तंभों पर आधारित होगी सुखद कल की मुहिम। देश की प्रतिष्ठित एसजीटी यूनिवर्सिटी में दो दिन चली इंटरनेशनल इंटर डिसिप्लिनरी कांफ्रेंस में देश-विदेश के विषय विशेषज्ञों के दो दिन चले गंभीर मंथन के बाद यह निष्कर्ष निकला है।
एसजीटी यूनिवर्सिटी के विधि संकाय द्वारा मास कम्युनिकेशन एंड मीडिया टेक्नोलॉजी संकाय के सहयोग से अंतरराष्ट्रीय अंतर्विषयी सम्मेलन (आईआईसी 2025) का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया। इसका विषय
रखा गया था “रीवायरिंग द फ्यूचर थ्रू लॉ, मैनेजमेंट, कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो”

WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.46.12 PM
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.55.06 PM
c3875a0e-fb7b-4f7e-884a-2392dd9f6aa8
1000026761
WhatsApp Image 2024-07-24 at 2.29.26 PM

हर वक्ता ने ‘रिवायरिंग द फ्यूचर’ की अपने अनुभव, शिक्षा व अनुसंधान से व्याख्या की।
सम्मेलन में भारत और विदेशों के विशेषज्ञों ने विशेष सत्रों के माध्यम से विचार साझा किए।
समापन समारोह में भी अनेक विषय विशेषज्ञों ने भाग लेकर थीम का तार्किक, व्यावहारिक विश्लेषण किया। इनमें डॉ. मिहिर रंजन पात्रा (पूर्व अध्यक्ष, जनसंचार विभाग, जीजेयूएसटी, हिसार), डॉ. दिलीप कुमार (क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय जनसंचार संस्थान), डॉ. विनय नलवा (मीडिया टीम लीडर ग्लोबल हिंदू टेंपल नेटवर्क ), सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता उत्तम दत्त और प्रमोद कुमार दुबे शामिल थे। ट्रस्ट लीगल के संस्थापक एवं प्रबंध भागीदार सुधीर मिश्रा, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
डा दिलीप कुमार ने कहा कि चेंज और चैलेंज के दौर में एआई, इकोनोमी, इंडस्ट्रियलाइजेशन, एजुकेशनल सभी का अहम रोल है। पाज़िटिव एवं हैल्दी एप्रोच के साथ हम हर उस लक्ष्य को पा सकते हैं, जो तय किया है। उन्होंने ‘स’ मंत्र दिया जो सभी पैरामीटर , आवश्यकताओं, अपेक्षाओं को पूरा करेगा। इस मंत्र में संपर्क, सुनना, सम्मान,संरचना, समायोजन, समरस समाज, समस्या समाधान, सार्थकता शब्द शामिल हैं जो सफलता तक पहुंचाएंगे।
मिहिर रंजन पात्रा ने कहा कि सुखद सतत कल के लिए सस्टेनेबल प्लानिंग करें, पाज़िटिव एप्टीट्यूड रखें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस स्लोगन का विशेष तौर पर उल्लेख किया जिसमें उन्होंने सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास की बात कही है।
प्रमोद कुमार दुबे ने कहा कि हर दिन परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। सभी को, विशेष रूप से युवा वर्ग को एक लक्षण रेखा खींचनी है। तभी लक्ष्य और सफलता, दोनों हासिल हो जाएंगे।
सुधीर मिश्रा ने कहा कि रीडिंग सबसे जरूरी है। उन्होंने चार उदाहरण दे कर बताया कि सिर्फ एक डिग्रीधारी व्यक्ति भी विभिन्न विधायों, क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़ सकता है।
डा नलवा ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा पिलर नहीं बल्कि यह डेमोक्रेसी का नर्वस सिस्टम है। मीडिया की जिम्मेदारियां और दायरा तेजी से बदल रहा है। इसमें कई विसंगतियां भी आई हैं। इसलिए जरूरत है जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेने की ।
आईसीसी 2025 का समापन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा के साथ हुआ, जिसने नवाचार को प्रोत्साहन देने की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दोहराया।

विजेताओं
सुनील कुमार,रिषभ अग्रवाल,सना कुमारी, विभूति दास, फिजां नाज व खुशी पांडे को सम्मानित भी किया गया
‘वोट आफ थैंक्स’ फैकल्टी ऑफ लॉ प्रो. डा रिचा चौधरी ने किया।

Khabar ab Tak

Related Articles

Back to top button