लिंगानुपात सुधार की दिशा में नैतिक जिम्मेदारी निभाएं अधिकारी- डीसी डॉ. मनोज कुमार
जिला में लिंगानुपात में सुधार को लेकर डीसी ने अधिकारियों को दिए निर्देश
सोनीपत, 14 मई। जिला मे लिंगानुपात सुधार की दिशा में अधिकारी अपनी नैतिक जिम्मेदारी निभाएं। साथ ही कम लिंगानुपात वाले गांवों पर विशेष निगरानी रखते हुए पहलू पर फोकस करें। डीसी डॉ. मनोज कुमार बुधवार को कैंप कार्यालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की वीडियो कांफ्रेंस उपरांत अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दे रहे थे।
डीसी डॉ मनोज कुमार ने कहा कि जिला प्रशासन भ्रूण हत्या रोकने के लिए सजग एवं सतर्क है। भ्रूण लिंग जांच व भ्रूण हत्या करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला में लिंगानुपात सुधार के लिए सभी अधिकारी नैतिकता के आधार पर अपने दायित्व का ईमानदारी से निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध में शामिल होने वालों की सूचना प्रशासन तक पहुंचाए। डीसी ने कहा कि सोनीपत जिला के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में पूरी मॉनिटरिंग करे और लिंग जांच करने वालों पर नियमों की अवहेलना करने पर कार्रवाई सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि लिंगानुपात सुधार में प्रशासन का सहयोग करते हुए सार्थक कदम बढ़ाने वालों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
उन्होंने जिला के संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिला में जिन गांवों में बेटा-बेटी में लिंगानुपात अंतर अधिक है, जहां महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग की ओर से संयुक्त भागीदारी सुनिश्चित करते हुए ग्रामीणों को जागरूक किया जाए। साथ ही महिला एवं बाल विकास, शिक्षा विभाग व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी यह भी ध्यान रखें कि उक्त कम लिंगानुपात वाले गांवों में गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन करते हुए हर स्तर पर उनके स्वास्थ्य का आंकलन करें। डीसी ने ग्राम पंचायतों को कम लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए अपनी जिम्मेदारी निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की कुंडली व दिल्ली बॉर्डर के साथ लगते गांवों में अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लिंगानुपात काम होगा वहां जांच की जाएगी।
डीसी ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना को सफल व सार्थक बनाने हेतु बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाली बेटियों को सम्मानित करें, जिससे उनका उत्साहवर्धन हो सके ताकि लोग बेटा-बेटी में फर्क न समझे। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात को सुधारने के लिए जिला में बालिकाओं को प्रोत्साहित करे और लोगों में जागरूकता अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि बाल लिंगानुपात में सुधार लाना समाज का अहम दायित्व है। कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध के लिए समाज के लोगों को संवेदनशील होना होगा, इसके लिए समाज के हर परिवार एवं लोग को सोचना होगा तथा बेटा-बेटी में अंतर नहीं करते हुए बेटियों के जन्म लेने से लेकर उनके शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, सम्मान, सुरक्षा, संरक्षण एवं समानता के प्रयत्नशील होना होगा। लिंग परीक्षण एवं कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने में सभी का सहयोग आवश्यक है।
इस अवसर पर डॉ. सुमित कौशिक डीएनओ, पीसीपीएनडीटी, डॉ. जितेन्द्र सिंह, उप सिविल सर्जन, सोनीपत, सरिता जिला आशा समन्वयक, सोनीपत, महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी प्रवीन कुमारी सहित अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद रहे।