ऑपरेशन अभ्यास :-आपात स्थिति के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों को लेकर सोनीपत जिले मे आयोजित हुई मॉक ड्रिल

सोनीपत, 07 मई। जिला प्रशासन द्वारा आज ऑपरेशन अभ्यास के तहत सायं 4 बजे व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया, जिसका नेतृत्व उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने किया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपात स्थिति से निपटने की तैयारियों को परखना एवं आमजन में जागरूकता फैलाना रहा।
लघु सचिवालय में सायरन बजते ही आपातकालीन स्थिति को दर्शाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। सबसे पहले सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सुरक्षित निकाल कर सरल केंद्र स्थित सेफ हाउस में पहुँचाया गया। तत्पश्चात सचिवालय में सर्च ऑपरेशन के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार देकर एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाया गया। वहीं, आग लगने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम ने तत्परता से आग पर काबू पाया।
उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने राहत कार्यों की कमान संभालते हुए प्रशासन व पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए। जिला प्रशासन की तत्परता के चलते एक बड़ी आपदा की स्थिति में भी जान-माल की रक्षा सुनिश्चित की गई। इस कार्य में पुलिस विभाग, सिविल डिफेंस व अन्य संबंधित विभागों का सराहनीय सहयोग रहा।
उपायुक्त ने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन शहर स्थित लघु सचिवालय, कच्चे क्वार्टर, रेलवे स्टेशन, अशोका यूनिवर्सिटी व गोहाना, गन्नौर व खरखौदा उपमंडल लघु सचिवालय में किया गया। सभी स्थानों पर रेस्क्यू अभ्यास सफलतापूर्वक किया गया। एम्बुलेंस, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, अग्निशमन वाहन, पुलिस बल और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स जैसे सभी आवश्यक संसाधन ड्रिल में सक्रिय रहे।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य:-
डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि ऑपरेशन अभ्यास का मुख्य उद्देश्य एयर रेड वॉर्निंग सिस्टम की सतर्कता जांचना रहा है। इसके साथ ही मुख्य व सहायक कंट्रोल रूम की कार्यप्रणाली की समीक्षा करना व आपात स्थिति में सुरक्षित निकासी की योजना और उसके निष्पादन का मूल्यांकन करना रहा है। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल की प्रत्येक गतिविधि की समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
ब्लैकआउट के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों की पुन: समीक्षा
डीसी डॉ. मनोज कुमार ने ऑपरेशन अभ्यास के बाद सभी अधिकारियों के साथ लघु सचिवालय में समीक्षा की। उन्होंने सभी इंसिडेंट कमांडर व अन्य अधिकारियों के साथ मीटिंग की और कहा कि किसी भी आपदा से पहले सभी स्तरों पर तैयारी अत्यंत आवश्यक है, ताकि वास्तविक स्थिति में त्वरित और समन्वित प्रतिक्रिया दी जा सके। यह मॉक ड्रिल जनता और प्रशासन के आपसी सहयोग से की गई एक अहम पहल रही है। उन्होंने कहा कि जिला व उप-मण्डल स्तर पर लघु सचिवालय में एक स्टोर रूम बनाया और माइक सिस्टम, एन्टी राइट, स्ट्रेचर, टोर्च, रस्से, पीपी कीट और अन्य जरूरी उपकरण रखना है।
उन्होंने आज रही सभी कमियों को पूरा कर समीक्षा की और कहा कि प्रत्येक कमी को छिपाना नहीं है बल्कि कमियों को दूर करना है। उन्होंने कहा कि जिला में सभी बड़ी ईमारतों पर सायरन स्थापित किए जाएं। सभी उप-मण्डलों के भवनों पर एसडीएम, बीडीपीओ कार्यालयों व गांवों में डीडीपीओ व नगर निगम क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर बड़े भवनों पर नगर निगम सायरन स्थापित करवाए। शहरों में पार्षदो व गांवों में सरपंच को इसकी जिम्मेदारी दी जाए। इसके साथ ही सभी को सिविल डिफेंस वार्डर नियुक्त कर सिविल डिफेंस वालियंटरों की संख्या बढ़ाई जाए और उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल में सामने आया है कि कुछ आपदा मित्रों को प्राथमिक चिकित्सा की सही जानकारी नहीं है ऐसे में उनके लिए भी रैडक्रॉस के जरिए प्रशिक्षण शिविर लगाया जाए। इसके साथ ही सभी उप-मण्डलों में एसडीएम अपने-अपने रेडियो वायरलेस सिस्टम स्थापित करना सुनिश्चित करें।
इस दौरान सोनीपत लघु सचिवालय में डीसीपी कुशल सिंह, सीईओ जिला परिषद अभय सिंह जांगड़ा, नगराधीश डॉ अनमोल, शुगर मिल गोहाना एमडी अंकिता वर्मा, रेलवे स्टेशन पर एसडीएम सुभाष चंद्र, कच्चे क्वार्टर में नगर निगम आयुक्त हर्षित कुमार, गोहाना में एसडीएम अंजलि श्रोत्रिय, अशोका यूनिवर्सिटी में शुगर मिल सोनीपत के एमडी अमित कुमार, खरखोदा में एसडीएम डॉ निर्मल नागर, गन्नौर में एसडीएम प्रवेश कादियान, सिविल अस्पताल में डीडीपीओ जितेन्द्र कुमार तथा एसीपी राजपाल व राहुल देव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
उपायुक्त ने सिविल डिफेंस व आपदा प्रबंधन से जुडे सभी स्टोर का किया औचक निरीक्षण
उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने बुधवार को मॉक ड्रिल से पहले जिला के आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी स्टोर व सिविल डिफेंस स्टोर का औचक निरीक्षण किया। यहां उन्होंने किसी भी आपदा के समय काम आने वाले यंत्रों व सामान की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यहां जो सामान कंडम हो चुका है उसे अलग किया जाए और सही सामान की सूची तैयार उसे नगराधीश के देखरेख में रखा जाए। उन्होंने कहा कि जो भी सामान खरीदने की आवश्यकता है उसे खरीदा जाए और उसकी देखरेख के लिए लिखित में कर्मचारियों व समय-समय पर औचक निरीक्षण के लिए वरिष्ठï अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।