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जनता संस्था में हुए 10 करोड़ के घोटाले की जांच एंटी कॉरप्शन ब्यूरो करेगा

एंटी कॉरप्शन ब्यूरो के एडिशनल डायरेक्टर जनरल ने दी मंजूरी, जनता संस्था के 10 करोड़ के घोटाले की जाँच को मंजूरी, प्रथम दृष्टांत में घोटाले की आशंका के पर्याप्त सबूत

गोहाना : 25 मार्च : जनता विद्या भवन बुटाना संस्था में प्रशासक की नियुक्ति कर, विजिलेंस से जांच करवाने हेतू महासभा के सदस्य पूर्व सचिव कृष्ण सांगवान एवं अजीत सिंह सांगवान द्वारा लिखा गया मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र के बाद एंटी कॉरप्शन ब्यूरो ने संज्ञान लिया है। क्योंकि जनता संस्था, बुटाना में इस पत्र में 10 करोड़ रुपए के घोटाले का प्रधान सत्यपाल सांगवान पर बड़ा आरोप है। प्रथम दृष्टांत में प्रयाप्त सबूत के बात जांच को मंजूर कर लिया गया है। जनता संस्था के अध्यक्ष सत्यपाल सांगवान लगातार फ़सते हुए नजर आ रहे हैं।

एक तरफ जहां पहले ही महासभा की मीटिंग बुलाने पर स्टे लगा हुआ है। प्रधान की शक्तियों पर रोक लगा दी गई हैं। कोई भी फैसला समेत सिग्नेचर पावर पर रोक लगा दी गई हैं। अब साथ के सचिव हंसराज सारा कार्यभार देखेंगे। जनता संस्था में चुनाव घोषित नहीं हो सकते। ऐडमिनिस्ट्रेटर लगना तय हो गया है। इस बात का इंतजार है कि प्रशासन कब ऐडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त करता है।

कुछ मुख्य आरोप:

1. संस्था में 9 अक्टूबर, 2023 को मैनेजमेंट को हाइयर एजुकेशन भर्तियां को कैंसिल करने एवं तुरंत चल रहे सिलेक्श प्रक्रिया को कैंसिल करने के आदेश जारी किए। परन्तु आज तक इन भर्तियां को कैंसिल नहीं किया गया। अपितु 9 अक्टूबर,2023 की तारीख में सैकड़ों फर्जी कर्मचारियों की ज्वाइनिंग दिखाई गई हैं। इनकी सैलरी निकाल कर भ्रष्टाचार किया जा रहा हैं।

2. 2023 में लगाए गए कर्मचारी 15 से 20 दिनों में एक बार आकर हाजरी लगा देते है। कुछ कर्मचारियों की सैलरी अपने पास रख लेते है एवं कुछ की मिसलेनियस इनकम दिखा कर रसीद काटी जा रही हैं।

3. इस बात की वीडियो रिकॉर्डिंग के भी सबूत

4. 20 जनवरी, 2025 को एसडीएम गोहाना ने छापा मार कर कुछ रिकॉर्ड को जब्त कर लिया।

5. इसमें प्रधान दो लाख पचास हजार रुपए ले जाया हुआ मिला। अकाउंटेंट के बयान एसडीएम गोहाना ने रिकॉर्ड किए। जिनकी सैलरी वापिस ली गई वो एक रजिस्टर एवं कुछ काटी हुई रिसिप्ट को जब्त किया।

6. अटेंडेंस रजिस्टर में 150 से ज्यादा कर्मचारी गैरहाजिर पाए गए। जिनकी बहुत दिनों से हाजरी नहीं लगी हुए थी।

आज हालत ये है कि जनवरी,2025 की सैलरी देने के लिए चौधरी धज्जा राम जनता महाविद्यालय, जनता कॉलेज ऑफ फार्मेसी एवं प्राइमरी स्कूल में बैंक खाते में कम रुपए होने की वजह से अन्य इंस्टीट्यूट से अकाउंट में रुपए ट्रांसफर किए गए।

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7. वर्कलॉड से ज्यादा फर्जी कर्मचारी लगाने एवं कुछ ऐसे कर्मचारी लगाए गए जो पोस्ट ही नहीं होती। संस्था में लगभग 10 करोड़ का घोटाला किया गया है। 15 जून,2022 के बाद मैनेजमेंट ने नियमों को ताक पर रख कर भर्तियां की है

8. चौधरी धज्जा राम जनता महाविद्यालय में 70 से ज्यादा को लगा दिया जिसमें 25 असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं। कुछ के रिजाइन दिखा दिए गए है। ये बची हुई संख्या है। 26 ऐसे कर्मचारी लगाए गए हैं जो कॉलेज में पोस्ट ही नहीं होती। वही जनता कॉलेज ऑफ फार्मेसी में 51 से ज्यादा को नौकरियों दी गई।

9. प्राइमरी स्कूल में सिर्फ 159 बच्चे हैं फिर भी 5 नई टीचर की भर्तियां की गई। अब प्राइमरी स्कूल में 12 टीचर्स हो गए। VLDA एवं जनता सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी ऐसे ही भर्तियां की गई है। पीजीटी पब्लिक ऐडमिनिस्ट्रेटर के 2 टीचर है।

10. पॉलिटिकल साइंस का एक भी बच्चा नहीं है फिर भी एक नए टीचर की भर्ती कर ली गई।

11. टीजीटी मैथ्स के आवश्यकता से अधिक 2 ओर नए टीचर लगा लिए गए, जबकि 5 पहले भी काम कर रहे थे।

12. जनता सीनियर सेकेंडरी स्कूल का एक रजिस्टर एसडीएम ने जब्त किया। जबकि दूसरा जब्त नहीं हो पाया। जो जब्त नहीं हो पाया उसमें वे कर्मचारी हाजरी लगाते हैं जो कभी संस्था में नहीं आते। ऐसा क्या हुआ कि 2 रजिस्टर लगाए गए।

13. जांच वाले दिन एक बात सामने आई कि एक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर इन कंप्यूटर साइंस VLDA के प्रिंसिपल डॉ केपी सिंह की पुत्र वधू जर्मनी में गई हुई है। उनकी सैलरी निकली गई। अब जांच से बचने के लिए उनका त्याग पत्र दे दिया गया है।

14. प्रधान अपने परिवार के किसी सदस्य को नौकरी पर नहीं लगा सकता। उसने अपने भाई के लड़के विकाश को फार्मेसी में, अपने पुत्र सचिन को डिग्री कॉलेज में, अपने भांजे कुलदीप को कॉलेज में , उपप्रधान ने अपने भाई के लड़के प्रवेश को जनता सीनियर सेकेंडरी स्कूल में नौकरी पर लगा दिया। जो संस्था के संविधान का उल्लंघन है। इसी तरह अन्य सदस्यों ने भी नियमों का उल्लंघन किया है।

जल्द से जल्द प्रशासक की न्युक्ति करके जांच के आदेश देगे जिससे हुए लगभग 10 करोड़ के घोटाले की जांच हो । प्रशासक की न्युक्ति के बाद ही कर्मचारी खुल कर अपना बयान दर्ज करवा सकते हैं। इसमें सभी प्रिंसिपल की भी मिलीभगत है। सभी के ऊपर कार्यवाही की जाए।

Khabar Abtak

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