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Haryana Assembly Budget Session 2025: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऊर्जा मंत्री अनिल विज के बीच तीखी बहस

Haryana Assembly Budget Session 2025 में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऊर्जा मंत्री अनिल विज के बीच कर्ज और खर्च को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। पूर्व सीएम हुड्डा ने राज्य में बढ़ते कर्ज और बढ़ते खर्चों को लेकर नायब सिंह सैनी सरकार को घेरा। उन्होंने सरकार से कर्ज पर श्वेत पत्र लाने की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जवाब दिया कि हुड्डा के हर सवाल का जवाब दिया जाएगा।

कर्ज और खर्च को लेकर तीखी बहस

बजट सत्र के दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ाने और खर्चे में अनियंत्रित वृद्धि का आरोप लगाया। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करे, जिससे जनता को सही जानकारी मिल सके।

इस पर ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने हुड्डा से पूछा कि वह बताएंगे कि किस क्षेत्र का खर्च कम किया जाए। इस सवाल पर दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हो गई। हुड्डा ने स्पीकर से शिकायत करते हुए कहा, “स्पीकर साहब, अगर इनका यही रवैया रहा तो यह सदन में मुझे बोलने नहीं देंगे।”

पांच साल खुलकर बोलूंगा – अनिल विज

हुड्डा के आरोपों पर पलटवार करते हुए ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने कहा, “जनता ने मुझे चुना है, मैं पांच साल खुलकर बोलूंगा और आपको तंग कर दूंगा।” विज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता था और अब वह पूरे पांच साल तक खुलकर बोलेंगे।

दोनों नेताओं के बीच गरमागरम बहस के चलते सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा और उन्होंने मामले को शांत कराया।

Haryana Assembly Budget Session 2025: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और ऊर्जा मंत्री अनिल विज के बीच तीखी बहस

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हुड्डा ने सरकार से 10 साल का हिसाब मांगा

बजट सत्र के दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने सरकार के पिछले 10 साल के कामकाज का हिसाब मांगा। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में राज्य पर कर्ज तो बढ़ा है, लेकिन कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं आया।

हुड्डा ने सरकार पर आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों में राज्य में न तो मेट्रो का कोई नया खंभा लगा और न ही रेलवे लाइन का एक इंच विस्तार हुआ। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल है।

“स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं हैं और कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है।” हुड्डा ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार “घी पीकर सोने” की नीति पर काम कर रही है, जबकि जनता समस्याओं से जूझ रही है।

शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि बजट में कटौती पर सवाल

बजट चर्चा के दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्र के बजट में कटौती पर सरकार को घेरा। उन्होंने सवाल उठाया कि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों का बजट घटाकर सरकार राज्य की जनता को किस दिशा में ले जा रही है।

हुड्डा ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं का हाल भी खराब है। अस्पतालों में डॉक्टर और दवाओं की कमी है, जिससे मरीजों को इलाज के लिए दर-दर भटकना पड़ता है।

कृषि क्षेत्र को लेकर हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को सुविधाएं देने की बजाय उनके बजट में कटौती कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों को फसलों का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है और सरकार उनकी अनदेखी कर रही है।

हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 2025 सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का गवाह बना। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर बढ़ते कर्ज, घटते बजट और खराब प्रशासन को लेकर सवाल उठाए, तो वहीं ऊर्जा मंत्री अनिल विज ने हुड्डा को खुलकर चुनौती दी। इस गरमागरम बहस के बाद सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। बजट सत्र में विपक्ष ने सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला और जवाब मांगते हुए आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की।

Khabar Abtak

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