Haryana: 401 दिन बाद खुला डाटा सिंहवाला बॉर्डर, हाईवे पर जल्द शुरू होगा यातायात
Haryana और पंजाब के किसानों के दिल्ली कूच को रोकने के लिए 401 दिन पहले बंद किया गया डाटा सिंहवाला बॉर्डर गुरुवार को पूरी तरह खोल दिया गया। इस दौरान चार परतों में लगाए गए कंक्रीट बैरिकेड्स को हटा दिया गया। हालांकि, हाईवे पर अभी भी पंजाब की सीमा में खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और तंबुओं को पूरी तरह नहीं हटाया गया है, जिससे दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है।
कई मशीनों की मदद से बैरिकेड्स हटाए गए
डाटा सिंहवाला बॉर्डर पर बैरिकेड्स हटाने के लिए बड़े स्तर पर मशीनों का उपयोग किया गया। पांच जेसीबी, तीन हाइड्रा मशीन और तीन पोकलेन मशीन की मदद से बैरिकेड्स और कंक्रीट के टुकड़े हटाए गए। इस पूरी प्रक्रिया में करीब नौ घंटे का समय लगा।
हालांकि, बैरिकेड्स हटने के बाद दोपहिया वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है, लेकिन हाईवे पर बड़े वाहनों का आवागमन फिलहाल रुका हुआ है। अधिकारियों के अनुसार, दोपहर तक हाईवे को पूरी तरह खाली कर दिया जाएगा, जिसके बाद वाहनों की आवाजाही सामान्य हो जाएगी।
हाईवे दोपहर तक हो सकता है पूरी तरह खाली
प्रशासन का मानना है कि पंजाब सीमा पर खड़े ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और किसानों के तंबुओं को दोपहर तक पूरी तरह हटा दिया जाएगा। इसके बाद दिल्ली-पटियाला नेशनल हाईवे पर वाहनों का संचालन शुरू हो जाएगा।





गौरतलब है कि 13 फरवरी 2024 को पंजाब के किसानों द्वारा दिल्ली कूच की घोषणा के बाद प्रशासन ने डाटा सिंहवाला बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। यहां चार लेयर में कंक्रीट बैरिकेड्स, बजरी और ईंटों की दीवारें खड़ी की गई थीं। इसके साथ ही, कांटेदार तारें भी लगाई गई थीं, ताकि किसानों को दिल्ली पहुंचने से रोका जा सके।
RAF और Haryana पुलिस की तैनाती बरकरार
गुरुवार को बॉर्डर खुलने के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढिलाई नहीं बरती गई। Haryana पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) के जवान पूरे दिन बॉर्डर पर तैनात रहे।
सोनीपत रेंज के RAF DIG महेंद्र सिंह टाकस ने बॉर्डर का दौरा किया और मौके पर मौजूद अधिकारियों और जवानों को आवश्यक निर्देश दिए। बॉर्डर पर अभी भी RAF के जवान मुस्तैद हैं और पंजाब सीमा पर नजर बनाए हुए हैं।
हाईवे खुलने से बस सेवा होगी सामान्य
बॉर्डर खुलने के बाद Haryana रोडवेज की बस सेवा भी फिर से शुरू हो जाएगी। अब तक रोडवेज बसों को लिंक रोड के जरिए पंजाब भेजा जा रहा था, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही थी।
पिछले 13 महीनों से वाहन चालकों को गांव डाटा सिंहवाला के नहर ट्रैक से होकर गुजरना पड़ रहा था। इस रूट से उन्हें करीब 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही थी, जिससे पेट्रोल-डीजल पर करीब 50 लाख रुपये का अतिरिक्त खर्च वाहन चालकों को उठाना पड़ा।
अब हाईवे खुलने के बाद वाहन चालक और यात्रियों को राहत मिलेगी। हाईवे पर वाहनों का आवागमन शुरू होते ही समय और ईंधन दोनों की बचत होगी।
401 दिन बाद डाटा सिंहवाला बॉर्डर का खुलना न केवल किसानों और स्थानीय लोगों के लिए राहत भरी खबर है, बल्कि इससे हाईवे पर वाहनों का आवागमन भी सुचारू रूप से शुरू हो सकेगा। रोडवेज बसों के पुनः संचालन से यात्रियों को समय की बचत और सफर में आसानी होगी। हालांकि, प्रशासन ने बॉर्डर पर सुरक्षा को लेकर सतर्कता बरकरार रखी है, ताकि किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था न बिगड़े।