भारत की पहली महिला शिक्षिका तथा सामाजिक क्रांति की अग्रदूत थी सावित्रीबाई फुले : आजाद डांगी

गोहाना, 10 मार्च : पानीपत रोड गोहाना स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले व सावित्रीबाई फुले चौक पर माता सावित्रीबाई की 128 वी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया जिसमें मुख्य वक्ता आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह डांगी ने कहा 18वीं शताब्दी में भारत की पहली अध्यापिका तथा सामाजिक क्रांति की अग्रदूत सावित्री बाई फुले एक प्रखर, निर्भीक, चेतना संपन्न, तर्कशील, दार्शनिक, स्त्रीवादीख्याति प्राप्त ,लोकप्रिय कवित्री, अपनी पूरी प्रतिभा एवं ताकत की मिसाल थी उनका पूरा जीवन समाज के वंचित तबको खास कर दलित और स्त्रियों के अधिकारों के लिए संघर्ष और सहयोग में बीता श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता हरियाणा अंबेडकर संघर्ष समिति के प्रदेश महासचिव रोहतास अहलावत ने की तथा उन्होंने कहा सावित्रीबाई फुले ने अपने पति महात्मा ज्योतिबा फुले के साथ मिलकर लड़कियों के लिए 1848 में महाराष्ट्र के पुणे में देश का सबसे पहले बालिका स्कूल की स्थापना की उन्होंने कुल 18 स्कूल खोले फ्लैग से पीड़ित लोगों की सेवा करते-करते 10 मार्च 1897 को उनका निधन हो गया श्रद्धांजलि समारोह में कमलेश रानी, प्रेमो देवी, खजानी देवी, भाना राम पांचाल, भूप सिंह, कश्मीरी लाल बावा, मदनलाल अत्री, रमेश सैनी, राहुल सैनी, मास्टर हवा सिंह, नीरज तथा उमेद पांचाल आदि मुख्य तौर से उपस्थित रहे |