श्रीराम शरणम मंदिर गोहाना में 90 दिन से चल रहे अखंड जप यज्ञ का हुआ समापन

गोहाना, 9 मार्च : गोहाना के जींद रोड पर स्थित श्रीरामशरणम मंदिर में 90 दिन से चल रहे अखंड जप यज्ञ का समापन रविवार को अमृतवाणी के पाठ और श्रीराम शरणम मिशन के प्रमुख कृष्ण विज के सम्बोधन की पूर्णाहुति से हुआ |
कृष्ण विज ने कहा कि जो दूसरों को जीतता है, वह वीर होताहै । लेकिन जो खुद को जीत लेता है. वह महावीर होता है। अमृतवाणी का पाठ गुरु मां रेखा विज ने किया। श्रीराम शरणम प्रमुख ने कहाँ कि वे अभागे हैं जिनके पास सब कुछ होते हुए उनके मन में सेवा की भावना नहीं है। उन्होंने कहा कि
सेवा नसीब वालों के नसीब में ही होती है। सेवा कुबूल हो तो सूखी खेती भी हरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि अगर विश्वास हो तो राम का नाम चिंतामणि- पारसमणि है, तारक मंत्र है। इसे वासना और कामना के बाजार में मत बेचो। भगवान से मांगना ही हो तो सेवा, कृपा, प्यार, विनय, नम्रता और दान मांगो। कृष्ण विज ने कहा कि सच्चे संत का मिलना असंभव तो नहीं, कठिन जरूर होता
है। सच्चा संत वह है जिसके पास जाते ही आप का दिल ठंडा हो जाता है, उसे सुकून मिल जाता है। लेकिन जिस संत के व्यवहार में दिखावट, बनावट और मिलावट होते हैं, उनसे दूर
रहने की ही इच्छा होती है। श्रीराम शरणम मिशन के प्रमुख ने कहा कि पवित्रता न केवल मन बल्कि वचन और कर्म की भी होनी चाहिए। तृप्ति और आनंद की अनुभूति केवल प्रेम दे सकता है, लेकिन भगवान के लिए प्रेम एक मां वाला होना चाहिए, आया वाला नहीं। भक्ति वेदना और पीड़ा से प्रारंभ होती है, लेकिन पूर्ण प्रसन्नता के साथ होती है। अपने को
शरणागत बना लो। खुद को भगवान को अर्पित कर दो कि तेरी रजा में राजी रहेंगे। कृष्ण विज ने कहा कि जिसे सिदक होता है, वह सब कुछ पा लेता है। ईश्वर के दिए हर पल का शुक्र करो उस सब के लिए जो भी उसने आप को दिया है।