जनता विद्या भवन बुटाना संस्था के प्रधान सत्यपाल से नम्रता की नियुक्ति को रद करने पर प्रशासन ने मांगा जवाब
प्रधान द्वारा नम्रता की न्युक्ति अवैध बताते की जांच रजिस्टर फर्म एंड सोसाइटी ने शुरू की

गोहाना :1 मार्च, जनता विद्या भवन बुटाना संस्था में लगातार विवाद बढ़ रहा हैं। जहां 20 जनवरी,2025 को एसडीएम श्रीमती अंजली ने छापा मार कर कार्यवाही की। इसमें काफी अनियमितता मिली। इस भ्रष्टाचार की जांच प्रशासन ने शुरू किया। प्रधान ने चार्ज लेने के बाद 170 फर्जी भर्ती कर दी। इसकी भी जांच जारी हैं। संस्था में जहां प्रधान ने अपने बेटे, भांजे अपने भाई के लड़कों,रिश्तेदारों को नौकरियों दी है। उपप्रधान जगमेन्द्र ने इसी तरह अपने भाई के लड़के प्रवेश को लगा दिया। पूरी कार्यकारिणी इस भ्रष्टाचार में सम्मिलित हैं। सभी ने अपने परिवार के सदस्यों को नौकरियों लगा रखी है।
वहीं प्रधान सत्यपाल सांगवान द्वारा महासभा की मीटिंग बुलाने पर 25 फरवरी को रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने स्टे कर दिया।
संस्था के इतिहास में पहली बार संस्था में एक महिला कर्मचारी असिस्टेंट प्रोफ़ेसर नम्रता देवी को बिना नोटिस जारी किए प्रधान ने नियुक्ति रद कर दी। सचिव ने न्युक्ति रद करने में खुद का हाथ होने से मना किया एवं कहा कि प्रधान ही ऐसा कर रहा हैं।
पहली बार संस्था में धरना दिया गया। जिला रजिस्ट्रार फर्म एंड सोसाइटी ने प्रधान/सेक्रेटरी जनता विद्या भवन को नोटिस जारी कर दिया। इसमें जवाब देने के लिए 7 दिन का समय दिया गया है।
नोटिस से साफ दिख रहा हैं कि प्रशासन महिला असिस्टेंट प्रोफेसर को न्याय देना चाहता है। इसमें विषय भी महिला को न्याय हेतु लिखा गया है। इस नोटिस के बाद प्रधान सत्यपाल फसता हुआ नजर आ रहा हैं। सभी को इंतजार रहेगा कि प्रधान अब लिखित मैं क्या जवाब देता हैं।
क्योंकि नम्रता ने गंभीर सवाल 20 फरवरी एवं 24 फरवरी को पत्र के माध्य से पूछे है। दोनों पत्रों को ही आधार बनाया गया है।
मुख्य सवाल:
1. संस्था के संविधान में एम्प्लॉयमेंट से संबंधित अधिकार सचिव को हैं । प्रधान एवं प्रिंसिपल ने किस आधार पर बिना कोई नोटिस जारी एक दम नियुक्ति रद कर दी।
2. प्रिंसिपल पर मिसबिहेव का आरोप।
3. नकल कराने का दबाव, एग्जाम में सिर्फ आज तक एक ड्यूटी लगाई गई।
4. एक दिन ज्वाइनिंग करने वाले अंकित की ज्वाइनिंग वैध किस आधार पर हुई?
5. संस्था में ऐडमिनिस्ट्रेटर द्वारा लगभग 20 नियुक्तियों की गई हैं। सभी की जांच हो, उनकी नियुक्तियां वैध कैसे?
6. सूत्रों से पता चला है 27 फरवरी को कुछ महत्वपूर्ण सवाल खड़े किए गए। सीसीटीवी रिकॉर्डिंग रखने, बायोमेट्रिक क्यों हटाई गई, नोट एलिजिबल मोनिका खत्री, पुत्रवधू कैशियर आजाद सिंह बागड़ को जगह देने के लिए ऐसा किया गया। तस्वीर असिस्टेंट प्रोफ़ेसर भी एलिजिबल नहीं हैं। एलिजिबल को हटा कर नोट एलिजिबल को रखा जा रहा हैं। इन सवालों के जवाब में प्रधान कोई जवाब नहीं दे पाया।
7. नवनीश चौहान को इंक्वायरी ऑफिसर नियुक्त करके उनके पति को भी तंग किया जा रहा हैं।
8. इंग्लिश में 3 का वर्कलॉड है। तीन अन्य को किस आधार पर लगाया गया। इसलिए कर्मचारियों के साथ ऐसा किया जा रहा हैं।
9. छापे के दौरान एक असिस्टेंट प्रोफ़ेसर जर्मनी में गई हुई मिली। उनकी सैलरी कैसे निकली। छापे के बाद उनका रिजाइन आ गया। इसकी भी जांच की मांग की गई हैं।
संस्था में लगातार विवाद बढ़ रहा है। प्रशासन भी लगातार पत्र जारी करके अन्याय के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर रहा है। जल्द ही ओर भी उतार चढ़ाव देखने को मिलेंगे।