Haryana में पश्चिमी विक्षोभ का असर, 10 जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें बर्बाद

Haryana में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के चलते शुक्रवार को प्रदेश के 10 जिलों में बारिश हुई, जिसमें से 9 जिलों में ओलावृष्टि भी दर्ज की गई। बारिश और ओलों के कारण किसानों की गेहूं, सरसों, जौ, चना सहित आलू, प्याज, पत्ता गोभी और टमाटर जैसी सब्जियों की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। विशेष रूप से जी.टी. बेल्ट (ग्रैंड ट्रंक रोड क्षेत्र) में सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान होने की आशंका है। इसके अलावा, फतेहाबाद जिले के धानी संचाला गांव में बिजली गिरने की घटना भी सामने आई, हालांकि घर में मौजूद परिवार के सदस्य बाल-बाल बच गए।
मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को भी हरियाणा में हल्की बूंदाबांदी होने की संभावना है, जिससे दिन और रात के तापमान में और गिरावट हो सकती है।
चर्चित जिले जहां बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ
पश्चिमी विक्षोभ के कारण जिन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई, उनमें शामिल हैं:
- हिसार
- जींद
- यमुनानगर
- कैथल
- रेवाड़ी
- पलवल
- कुरुक्षेत्र
- अंबाला
- चरखी दादरी
इन जिलों में हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों, चना और अन्य अनाजों के साथ-साथ सब्जियों की फसलें भी प्रभावित हुई हैं। ओले गिरने से सरसों और गेहूं की फसल बिछ गई, जिससे पैदावार पर असर पड़ने की संभावना है।
चरखी-दादरी में तापमान में भारी गिरावट
चरखी-दादरी जिले में पिछले दो दिनों से हो रही बूंदाबांदी और रुक-रुक कर बारिश के कारण तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है। 48 घंटे में तापमान में 6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट हुई है। शुक्रवार को पूरे दिन ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे लोगों को हल्की ठंड का भी अनुभव हुआ।
पिछले 24 घंटों में दादरी जिले में अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। लगातार बदलते मौसम के कारण सर्दी का अहसास बढ़ गया है।
किसानों को भारी नुकसान, सरकार से मुआवजे की मांग
हरियाणा के किसानों के लिए यह बारिश और ओलावृष्टि किसी आपदा से कम नहीं रही। खेतों में लगी पकी हुई फसलें बर्बाद हो गई हैं। खासकर गेहूं, सरसों, चना और जौ की फसलें झुक गईं और कई जगहों पर पानी में डूब गईं। किसानों का कहना है कि यदि यह बारिश कुछ दिन बाद होती, तो फसलें कटने के लिए तैयार रहतीं और इतना नुकसान नहीं होता।
किसानों ने सरकार से मांग की है कि फसलों के नुकसान का आकलन कर तुरंत मुआवजा दिया जाए। कृषि विभाग की टीमें फसलों के नुकसान का जायजा लेने के लिए प्रभावित जिलों में पहुंच चुकी हैं। जल्द ही सरकार की ओर से मुआवजा नीति पर निर्णय लिया जा सकता है।





हिमाचल में भी बर्फबारी और बारिश का कहर, 3 लोगों की मौत
हरियाणा के अलावा हिमाचल प्रदेश में भी भारी बर्फबारी, बादल फटने और बारिश ने तबाही मचाई है। इस आपदा में तीन लोगों की मौत हो गई।
- सिरमौर जिले के चूड़धार में पंचकूला का एक पर्यटक लापता हो गया।
- पालमपुर (कांगड़ा) में एक पावर प्रोजेक्ट साइट पर भूस्खलन की चपेट में आने से एक व्यक्ति लापता हो गया।
- लुहारडी (बड़ा भंगाल घाटी, कांगड़ा) में बादल फटने से उहल नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इससे बरोट बांध के गेट खोलने पड़े ताकि जलस्तर को नियंत्रित किया जा सके।
इसके अलावा, रोहतांग में 6 फीट, अटल टनल रोहतांग में 4.5 फीट, कोठा में 4 फीट और किन्नौर में 1.5 फीट ताजा बर्फबारी दर्ज की गई।
हिमाचल में 583 सड़कें बंद, कई नेशनल हाईवे प्रभावित
भारी बर्फबारी और बारिश के कारण हिमाचल में 583 सड़कों को बंद करना पड़ा। इनमें 5 नेशनल हाईवे भी शामिल हैं, जिन पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। जम्मू-कश्मीर में भी बारिश, बर्फबारी और भूस्खलन के चलते सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित हुआ।
- जम्मू-श्रीनगर हाईवे
- जम्मू-पुंछ हाईवे
- श्रीनगर-लेह हाईवे
ये तीनों प्रमुख सड़कें लगातार दूसरे दिन भी बंद रहीं।
पंजाब में भी बारिश और ओलावृष्टि से जनजीवन प्रभावित
हरियाणा और हिमाचल के अलावा पंजाब में भी बारिश और ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। कई जिलों में बारिश और ओलों ने फसलों को बर्बाद कर दिया।
विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश का यह दौर अगले कुछ दिनों तक जारी रह सकता है, जिससे हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के अन्य राज्यों में तापमान में और गिरावट हो सकती है।
क्या कहता है मौसम विभाग?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में अगले 24 घंटे तक हल्की बारिश और बर्फबारी जारी रह सकती है। हरियाणा में शनिवार को भी हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, जिससे ठंड में और इजाफा हो सकता है।
- हरियाणा में न्यूनतम तापमान 12-14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है।
- राज्य के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाने की संभावना है।
- मार्च महीने में भी ठंड का असर बना रहेगा।
हरियाणा, हिमाचल और पंजाब में आई बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है। सरकार को जल्द से जल्द फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मुआवजा देना चाहिए।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और बारिश से यातायात प्रभावित हुआ है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
आने वाले दिनों में मौसम और खराब हो सकता है, इसलिए किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की जरूरत है।