भारत के महान समाज सुधारक थे भगत फूल सिंह : रमेश सैनी

गोहाना : 24 फरवरी : गोहाना के रोहतक रोड सेक्टर 7 स्थित महर्षि दयानंद पार्क में भगत फूल सिंह की 140वीं जयंती मनाई गई | जिसमें मुख्य अतिथि सेवानिवृत्ति प्राध्यापक रमेश सैनी ने कहा भगत फूल सिंह महान समाज सुधारक थे | उन्होंने 1919 में भैसवाल कला के जंगल में लड़कों के लिए गुरुकुल खोला और 1936 में केवल तीन छात्राओं के साथ गांव खानपुर कला में गुरुकुल खोला था | उनके द्वारा रौपा पौधा आज वटवृक्ष बन चुका है | गुरुकुल की स्थान पर उत्तर भारत का पहला महिला विश्वविद्यालय और राजकीय महिला मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं जिसमे करीब 8000 छात्राएं पढ़ कर अपना भविष्य गढ रही है | भगत फूल सिंह का जन्म 24 फरवरी 1885 को जुआ माहरा गांव में हुआ था | जयंती समारोह की अध्यक्षता आजाद हिंद देशभक्त मोर्चा के मुख्य संरक्षक आजाद सिंह दांगी ने की उन्होंने कहा भगत फूल सिंह 19 वर्ष की आयु में पटवारी भर्ती हुए थे | 1916 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी | अपनी 100 बिघे जमीन छोड़कर शांति और ज्ञान की तलाश में भगत फूल सिंह अपनी पत्नी धूप सिंह कौर बेटी सुभाषिनी और गुणवती को लेकर भैसवाल कला गांव के जंगल में आकर बस गए | दोनों गुरुकुलो में जब छात्र-छात्राओं की संख्या बढ़ने लगी तो 14 अगस्त 1942 को उनको गोली मार दी गई और वह देश व समाज के लिए शहीद हो गए |
जयंती समारोह में डॉक्टर मुकेश सहवाल, मुख्तियार सिंह डांगी, महावीर शर्मा, रणधीर राठी, बृजेश, हवा सिंह, सुनील शर्मा, दीपांशु, जोगिंदर मक्कड़, आरती देवी, ज्योति मक्कड़, सुनील देवी तथा सुनीता देवी आदि मुख्य रूप से मौजूद रही |