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Haryana: फतेहाबाद के रोशन सिंह ने मधुमक्खी पालन से रचा सफलता का इतिहास, ‘RR Honey Plant’ बना रोजगार का केंद्र

Haryana के फतेहाबाद जिले के रहने वाले रोशन सिंह ने मधुमक्खी पालन को केवल एक व्यवसाय ही नहीं, बल्कि रोजगार का एक सशक्त माध्यम बना दिया है। साल 2016 में मात्र 10 बॉक्स से शुरू हुआ यह सफर आज ‘RR Honey Plant’ के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। सरकारी सहायता और तकनीकी मार्गदर्शन के बल पर उन्होंने अपने कार्य का विस्तार किया और अब अलग-अलग राज्यों में मौसम के अनुसार मधुमक्खी पालन कर शुद्ध शहद का उत्पादन कर रहे हैं।

छोटे प्रयास से बड़े व्यवसाय तक का सफर

रोशन सिंह बताते हैं कि मधुमक्खी पालन का विचार उन्हें 2016 में आया, जब उन्होंने केवल 10 बॉक्स से इसकी शुरुआत की थी। उस समय यह सिर्फ एक छोटा प्रयास था, लेकिन उन्होंने इसे एक बड़े स्तर पर ले जाने का निश्चय किया। समय के साथ उन्होंने सरकारी योजनाओं और विशेषज्ञों से मिली तकनीकी मदद से इस व्यवसाय को बढ़ाया।

आज वे पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों में मौसम के अनुसार मधुमक्खी पालन कर विभिन्न प्रकार के शहद का उत्पादन कर रहे हैं। उनके शहद के उत्पादों में नींबू शहद, तुलसी शहद, जामुन शहद, बैरी शहद और सफेद शहद जैसी विभिन्न किस्में शामिल हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक और शुद्ध हैं।

Haryana: फतेहाबाद के रोशन सिंह ने मधुमक्खी पालन से रचा सफलता का इतिहास, ‘RR Honey Plant’ बना रोजगार का केंद्र

रोजगार का बना बड़ा केंद्र

रोशन सिंह के इस कार्य से कई युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। उनके ही गांव के मोहित कुमार अब उनके साथ मिलकर मधुमक्खी पालन का काम कर रहे हैं। मोहित कहते हैं, “पहले मैं नौकरी की चिंता में था, लेकिन अब मुझे मधुमक्खी पालन में काम करने का अवसर मिला है। यह सिर्फ आय का साधन ही नहीं बल्कि एक नया कौशल भी है, जिसे सीखकर मैं आगे और भी बढ़ सकता हूँ।”

शुद्धता और गुणवत्ता ने बढ़ाई मांग

‘RR Honey Plant’ में उत्पादित शहद की गुणवत्ता इतनी बेहतरीन है कि लोग दूर-दूर से इसे खरीदने आ रहे हैं। कैथल जिले के सुभाष यादव, जो नियमित रूप से यहां से शहद खरीदते हैं, बताते हैं, “मैंने कई जगहों से शहद खरीदा, लेकिन यहां का शहद सबसे शुद्ध और प्राकृतिक है। बाजार में हमें शुद्ध शहद नहीं मिलता, लेकिन यहां की गुणवत्ता इतनी अच्छी है कि मैं बार-बार इसे खरीदने आता हूँ।”

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कैसे होता है मधुमक्खी पालन?

मधुमक्खी पालन एक तकनीकी और धैर्यपूर्ण कार्य है। इसमें कई प्रकार की प्रक्रियाएं शामिल होती हैं:

  1. मौसम के अनुसार स्थान का चयन – मधुमक्खियों को सही वातावरण देने के लिए उन्हें सही समय पर सही स्थान पर ले जाना पड़ता है।
  2. मधुमक्खियों के लिए उपयुक्त फूलों की उपलब्धता – शहद की गुणवत्ता इस बात पर निर्भर करती है कि मधुमक्खियां किस प्रकार के फूलों से रस इकट्ठा कर रही हैं।
  3. बॉक्स का प्रबंधन – मधुमक्खियों के बॉक्स को नियमित रूप से देखभाल की जरूरत होती है ताकि वे सही तरीके से शहद बना सकें।
  4. शहद निकालने की प्रक्रिया – यह प्रक्रिया वैज्ञानिक और प्राकृतिक तरीके से की जाती है ताकि शहद की शुद्धता बनी रहे।

सरकारी योजनाओं से मिली सहायता

रोशन सिंह ने अपने व्यवसाय को बढ़ाने में सरकार की कई योजनाओं का लाभ उठाया। उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और कृषि विभाग की मधुमक्खी पालन योजना के तहत आर्थिक सहायता और प्रशिक्षण प्राप्त हुआ, जिससे वे अपने कारोबार को बड़े स्तर तक ले जा सके।

स्थानीय लोगों के लिए प्रेरणा

रोशन सिंह की सफलता ने फतेहाबाद और आसपास के लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया है। अब कई अन्य किसान और युवा भी इस व्यवसाय की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उनका कहना है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से मधुमक्खी पालन एक लाभकारी व्यवसाय बन सकता है।

भविष्य की योजनाएं

रोशन सिंह अपने शहद के कारोबार को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वे अपने उत्पादों को ऑनलाइन मार्केटप्लेस पर बेचने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे देशभर के ग्राहक उनके शहद को खरीद सकें। इसके अलावा, वे ऑर्गेनिक प्रमाणन प्राप्त करने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को लॉन्च करने की भी योजना बना रहे हैं।

फतेहाबाद के रोशन सिंह ने मेहनत, लगन और सही दिशा में किए गए प्रयासों से मधुमक्खी पालन को एक बड़े व्यवसाय में तब्दील कर दिया है। उनकी सफलता से न केवल युवाओं को रोजगार मिला है, बल्कि उपभोक्ताओं को भी शुद्ध और प्राकृतिक शहद उपलब्ध हो रहा है। उनकी कहानी यह साबित करती है कि अगर सही सोच और मेहनत के साथ किसी काम को किया जाए, तो सफलता अवश्य मिलती है।

Khabar Abtak

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