NOTA को मिला चुनावी प्रत्याशी का दर्जा, Haryana Nikay Chunav में लागू होगा नया नियम
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Haryana Nikay Chunav: चुनाव आयोग ने ‘नोटा’ (None of the Above) को एक अनुमानित चुनावी प्रत्याशी का दर्जा दे दिया है। यदि किसी निकाय चुनाव में नोटा को सभी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिलते हैं, तो उस स्थिति में दोबारा चुनाव कराने का प्रावधान होगा।
चुनाव आयोग के इस फैसले का असर आगामी हरियाणा नगर निकाय चुनावों में देखने को मिलेगा, जहां मतदाता अब अपने असंतोष को प्रभावी ढंग से व्यक्त कर सकते हैं।
NOTA को प्रत्याशी मानने का नया नियम
22 नवंबर 2018 से राज्य चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में न केवल नोटा का विकल्प प्रदान किया है, बल्कि इसे एक अनुमानित प्रत्याशी भी माना है। इसका अर्थ यह है कि यदि नोटा को किसी निर्वाचन क्षेत्र में सभी उम्मीदवारों से अधिक वोट मिलते हैं, तो उस निर्वाचन क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार को निर्वाचित घोषित नहीं किया जाएगा।
दोबारा चुनाव और प्रत्याशियों पर पाबंदी
यदि किसी वार्ड में नोटा को सर्वाधिक वोट मिलते हैं, तो चुनाव आयोग उस वार्ड में पुनः चुनाव कराएगा। इस नए चुनाव में पहले से चुनाव हार चुके उम्मीदवारों को हिस्सा लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसका सीधा मतलब यह है कि दोबारा होने वाले चुनाव में नए उम्मीदवारों को ही मौका मिलेगा।
हालांकि, यदि पुनः मतदान में भी नोटा को सर्वाधिक वोट मिलते हैं, तो तीसरी बार चुनाव नहीं कराया जाएगा। इस स्थिति में नोटा के बाद दूसरे नंबर पर रहने वाले प्रत्याशी को विजयी घोषित कर दिया जाएगा।
बराबर वोट मिलने की स्थिति में क्या होगा?
नगर निकाय चुनावों में यदि नोटा और किसी अन्य उम्मीदवार को बराबर संख्या में वोट मिलते हैं, तो उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एवं नगर निगम कानून विशेषज्ञ हेमंत कुमार के अनुसार, ऐसी स्थिति में नोटा को विजेता घोषित नहीं किया जाएगा। इसके बजाय, जिस उम्मीदवार को समान वोट मिले हैं, उसे विजेता माना जाएगा।
किन राज्यों में लागू है यह व्यवस्था?
हरियाणा में लागू होने जा रही इस व्यवस्था को पहले से महाराष्ट्र, दिल्ली और पुडुचेरी में लागू किया जा चुका है। इन राज्यों में भी यदि नोटा को सर्वाधिक वोट मिलते हैं, तो संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में फिर से चुनाव कराया जाता है।
हरियाणा नगर निकाय चुनावों की स्थिति
हरियाणा में आगामी नगर निकाय चुनावों की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार नगर निगम चुनावों में 39 प्रत्याशी मेयर पद के लिए मैदान में हैं। नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद के लिए 184 उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है, जबकि 2335 प्रत्याशी पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग और स्थानीय प्रशासन इन चुनावों को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए तैयारी कर रहे हैं। नई नोटा व्यवस्था के चलते मतदाता अपने असंतोष को खुलकर व्यक्त कर सकेंगे और चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सकेगी।
क्या बदलेगा नई व्यवस्था से?
नोटा को प्रत्याशी का दर्जा देने के बाद अब राजनीतिक दलों पर साफ-सुथरे और योग्य उम्मीदवारों को मैदान में उतारने का दबाव बढ़ेगा। यदि मतदाता किसी भी उम्मीदवार को योग्य नहीं मानते, तो वे नोटा का बटन दबाकर अपना विरोध दर्ज कर सकते हैं। इससे क्षेत्र में ईमानदार और जनता के हित में काम करने वाले नेताओं को आगे लाने में मदद मिलेगी।
हरियाणा निकाय चुनावों में इस नियम के लागू होने से यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदाता इसका किस हद तक उपयोग करते हैं और इससे चुनावी नतीजों पर कितना असर पड़ता है।