Surajkund International Crafts Fair: अंतिम चरण में खरीदारी का जोर, भारी छूट का लाभ उठाएं
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Surajkund International Crafts Fair, जो 7 फरवरी से शुरू हुआ था, अब अपने अंतिम चरण में पहुंच गया है। रविवार को यह भव्य मेला संपन्न हो जाएगा। जैसे-जैसे मेले का समापन नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे खरीदारों की भीड़ बढ़ती जा रही है। कई दुकानों पर भारी छूट दी जा रही है और सेल के तहत उत्पादों की बिक्री तेज हो गई है।
लकड़ी के उत्पादों पर विशेष छूट, सिर्फ 100 रुपये में खरीदें शानदार सामान
मेले में लकड़ी से बनी कलाकृतियों पर विशेष छूट दी जा रही है। कई दुकानों पर लकड़ी के उत्पादों की कीमत मात्र 100 रुपये रखी गई है। इनमें फोटो फ्रेम, कंघी, ज्वेलरी बॉक्स और खिलौने शामिल हैं।
जहां पहले ये वस्तुएं 200 रुपये में बेची जा रही थीं, वहीं अब इन्हें मात्र 100 रुपये में खरीदा जा सकता है। सहारनपुर के स्टॉल पर भी विशेष सेल लगाई गई है। इसके अलावा, छोटी चौपाल के आसपास कई स्टॉलों पर मैट और कालीन भी डिस्काउंट पर बेचे जा रहे हैं।
खाने के स्टॉल के पास लकड़ी के उत्पादों की बंपर सेल
खाने के स्टॉल के पास स्थित स्टॉल नंबर 1196 पर लकड़ी के चकला-बेलन, टोकरियां और अन्य सजावटी उत्पादों की बिक्री चल रही है। यहां हर वस्तु को 200 रुपये में खरीदा जा सकता है।
पट्टा पेंटिंग पर 20% तक की छूट
ओडिशा पवेलियन के स्टॉल पर निरंजन अपने पट्टा पेंटिंग्स पर 20% तक की छूट दे रहे हैं। निरंजन का कहना है कि मेले में अब केवल दो दिन बचे हैं, ऐसे में अपने सामान को डिस्काउंट पर बेचना ज्यादा बेहतर है। उनके स्टॉल पर घर सजाने के लिए कई आकर्षक वस्तुएं उपलब्ध हैं।
महिला सशक्तिकरण में भी सहायक बन रहा सूरजकुंड मेला
सूरजकुंड मेला महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी कारगर साबित हो रहा है। इस मेले में कई स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के उत्पाद बिक रहे हैं, जिससे ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है। छोटी चौपाल के आसपास कई स्टॉलों पर महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की बिक्री हो रही है।
सरस्वती जन कल्याण समिति से जुड़ी 1200 महिलाएं
कर्नाल की सरस्वती जन कल्याण समिति से 1200 महिलाएं जुड़ी हुई हैं। ये महिलाएं अपने घरों में ऊनी स्वेटर, जैकेट, टोपी और बच्चों के कपड़े बनाती हैं। इस संगठन से जुड़ी पूजा ने मेले में ऊनी स्वेटर, टोपी और बच्चों के कपड़े बेचने के लिए स्टॉल नंबर 641 लगाया है।
पूजा का कहना है कि उनके संगठन से जुड़कर कई महिलाओं ने आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता हासिल की है। समिति से जुड़ी नीलम और गीता बताती हैं कि वे हर महीने 10 हजार रुपये तक की आमदनी कर रही हैं।
पंचकूला के स्टॉल पर भी महिलाओं के उत्पादों की धूम
पंचकूला के स्टॉल नंबर 644 पर विरासत टू बैक रूट संस्था की ओर से महिलाओं द्वारा बनाए गए कालीन और मैट बेचे जा रहे हैं। इस संगठन में रायपुर रानी, पंचकूला की कई महिलाएं जुड़ी हुई हैं, जिन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है।
इस संगठन से जुड़ी सलिमान और नूरी पिछले आठ वर्षों से इस काम में लगी हैं। वे बताती हैं कि पहले उनके परिवार की स्थिति बहुत खराब थी, लेकिन अब वे हर महीने 10 हजार रुपये तक कमा रही हैं।
मेले में बढ़ती भीड़, अंतिम दिनों में खरीदारी का सुनहरा मौका
जैसे-जैसे मेला अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे यहां भीड़ भी बढ़ती जा रही है। अंतिम दिनों में ग्राहकों के लिए छूट के साथ-साथ अधिक से अधिक उत्पाद खरीदने का सुनहरा मौका है।
मेले में लगे स्टॉलों पर हस्तशिल्प से लेकर घरेलू सजावट और रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुएं भी उचित दामों में उपलब्ध हैं। अगर आप भी इस मेले का लाभ उठाना चाहते हैं, तो जल्द ही पहुंचें और अपनी पसंदीदा वस्तुओं की खरीदारी करें।