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Haryana Weather: हरियाणा में अचानक बदला मौसम, चार जिलों में ओलावृष्टि और भारी बारिश

Haryana Weather: हरियाणा में गुरुवार देर रात मौसम ने अचानक करवट ले ली। तेज आंधी और बारिश के साथ ओलावृष्टि की घटनाएं सामने आईं। करनाल के असंध, पानीपत के इसराना और मटलोडा, कैथल जिले के सीवन और राजौंद क्षेत्र तथा फतेहाबाद में ओलावृष्टि हुई। वहीं, जींद और यमुनानगर में भारी बारिश दर्ज की गई।

कई इलाकों में आज बूंदाबांदी की संभावना

तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसलें खेतों में बिछ गईं। तापमान में भी दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के भीतर उत्तरी हरियाणा के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी की संभावना जताई है। गौरतलब है कि 19 फरवरी की रात से ही राज्य के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हो रही थी, जो 20 फरवरी की देर रात तक जारी रही।

Haryana Weather: हरियाणा में अचानक बदला मौसम, चार जिलों में ओलावृष्टि और भारी बारिश

पश्चिमी विक्षोभ के असर से बदला मौसम

फिलहाल, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है, जबकि चक्रवातीय परिसंचरण पश्चिमी राजस्थान और आसपास के क्षेत्रों में पहुंच चुका है। इसका प्रभाव हरियाणा के उत्तरी हिस्सों में देखने को मिलेगा। नमी के कारण अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री की गिरावट हो सकती है।

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बारिश से किसानों में खुशी, तेज हवा ने बढ़ाई चिंता

इस साल मौसम ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। पहले जनवरी से फरवरी के बीच तापमान में लगातार वृद्धि हुई। अब जब बारिश हुई, तो किसानों को राहत मिली, लेकिन तेज हवाओं ने फिर से उनकी मुश्किलें बढ़ा दीं। तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसलें जमीन पर बिछ गईं, जिससे उत्पादन और कटाई में दिक्कतें आ सकती हैं।

मौसम विभाग की रिपोर्ट

मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को अधिकतम तापमान 22.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, कुल 4.4 मिमी बारिश हुई। पूरे दिन आसमान आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहा। शुक्रवार को भी इसी तरह का मौसम बने रहने की संभावना जताई गई है। गुरुवार को हवा की गति 30 से 40 किमी प्रति घंटे रही।

बढ़ते तापमान के बीच जरूरी थी बारिश

किसानों का कहना है कि गेहूं की फसल को पिछले कई दिनों से बारिश की जरूरत थी। इस बार जनवरी और फरवरी में तापमान अधिक बढ़ जाने के कारण गेहूं की फसल समय से पहले पकने की आशंका थी। इससे न केवल गेहूं के दाने कमजोर हो जाते, बल्कि उत्पादन पर भी असर पड़ता। लेकिन बारिश के बाद किसानों को थोड़ी राहत मिली है।

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