Haryana: हरियाणा सरकार का तोहफा, इस बार 15 मार्च से होगी सरसों की सरकारी खरीद
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Haryana के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। राज्य सरकार ने इस बार 15 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं इस बात की जानकारी दी। पहले यह खरीद 28 मार्च से शुरू होने वाली थी, लेकिन किसानों की सुविधा के लिए सरकार ने 13 दिन पहले इसे शुरू करने का निर्णय लिया है।
सरसों की खरीद के लिए 108 मंडियों का निर्धारण
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह भी जानकारी दी कि इस बार सरसों की खरीद 108 मंडियों में की जाएगी। इससे किसानों को उनकी फसल बेचने में आसानी होगी और उन्हें हरियाणा के विभिन्न हिस्सों में सरकारी खरीद केंद्रों का लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस बार सरसों की खरीद में किसानों को कोई परेशानी न हो। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा कि सरकारी खरीद के दौरान किसानों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने मंडी बोर्ड, संबंधित विभागों और खरीद एजेंसियों से इस कार्य को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए प्रयास करने को कहा।
सरसों की MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) घोषित
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹5950 प्रति क्विंटल तय किया गया है। किसानों को इस मूल्य पर अपनी सरसों बेचने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ मिले और उन्हें उनकी फसल के उचित मूल्य मिल सके।
किसानों की फसल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों से अपील की कि वे अपनी सरसों की फसल को ‘मेरा फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल पर रजिस्टर और सत्यापित करवाएं। यह प्रक्रिया इसलिए जरूरी है ताकि सरकार द्वारा तय किए गए न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ किसानों को सुनिश्चित रूप से मिल सके। किसानों को इस पोर्टल पर अपनी फसल की जानकारी अपडेट करना अनिवार्य होगा।
सरसों की पैदावार और अनुमानित उत्पादन
कृषि विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस बार राज्य में सरसों की खेती 21.08 लाख एकड़ भूमि में की गई है। सामान्यत: हरियाणा में सरसों की खेती 17 से 20 लाख एकड़ भूमि में होती है, लेकिन इस बार इसका क्षेत्रफल बढ़ा है। इसके कारण राज्य में सरसों के उत्पादन का अनुमान 15.59 लाख मीट्रिक टन है।
सरकार की पहल: किसानों के लिए समर्थन और सुविधा
Haryana सरकार ने इस निर्णय के माध्यम से किसानों को अधिकतम सुविधा देने की कोशिश की है। सरसों की खरीद में देरी के कारण किसान अक्सर अपने उत्पाद को बाजार में घटित मूल्य पर बेचने के लिए मजबूर हो जाते थे। लेकिन अब सरकार ने समय से पहले खरीद शुरू कर किसानों को राहत देने की दिशा में कदम उठाया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया कि सरकारी खरीद में कोई समस्या न आए और किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिले। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार ने विशेष रूप से किसानों की कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए सरसों की खरीद की प्रक्रिया को सरल और प्रभावी बनाने के लिए कदम उठाए हैं।
सरकारी एजेंसियों की भूमिका
सरसों की खरीद प्रक्रिया में हरियाणा राज्य भंडारण निगम (Haryana State Storage Corporation) और Hefd जैसे सरकारी निकायों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये निकाय किसानों से सरसों की खरीद करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि खरीद प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए।
अधिकारी इस बात की भी निगरानी करेंगे कि खरीद केंद्रों पर सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हों, ताकि किसानों को कोई भी असुविधा न हो। साथ ही, मंडी बोर्ड और खाद्य आपूर्ति विभाग भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि खरीद का कार्य पारदर्शी और निष्पक्ष रूप से हो।
Haryana सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल किसानों को अपनी सरसों की फसल को सही मूल्य पर बेचने का अवसर मिलेगा, बल्कि वे इसे समय से पहले बेच सकेंगे, जिससे उन्हें और उनके परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने किसानों की भलाई के लिए कई सकारात्मक पहल की हैं।
सरसों की खरीद के इस निर्णय से किसानों को अधिकतम लाभ होगा और साथ ही यह राज्य के कृषि क्षेत्र में सरकार की सुदृढ़ नीति का प्रमाण है। सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए हैं कि किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिल सके और वे बिना किसी परेशानी के अपनी उपज बेच सकें।