Haryana: हिसार में कांग्रेस को लगा झटका, रामनिवास राड़ा समेत कई नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन
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Haryana के हिसार में कांग्रेस को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामनिवास राड़ा ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। उनके साथ हिसार नगर निगम के पूर्व चेयरमैन बिहारीलाल राड़ा, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष रोहित और पूर्व हिसार लोकसभा युवा कांग्रेस अध्यक्ष भूपेंद्र सैनट समेत एक दर्जन से अधिक नेताओं ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पहनाई पगड़ी, बीजेपी में किया स्वागत
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रामनिवास राड़ा और अन्य नेताओं को पगड़ी पहनाकर भारतीय जनता पार्टी में उनका स्वागत किया। इस दौरान हिसार जिला बीजेपी अध्यक्ष अशोक सैनी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रामनिवास राड़ा जैसे वरिष्ठ और अनुभवी नेता के पार्टी में आने से बीजेपी को मजबूती मिलेगी।
कांग्रेस के लिए क्यों अहम थे रामनिवास राड़ा?
रामनिवास राड़ा कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में से एक थे। उन्होंने 2019 और 2024 के हिसार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। 2019 और 2024 दोनों ही चुनावों में वह दूसरे स्थान पर रहे। खासतौर पर 2024 के चुनावों में उन्होंने 30,000 से अधिक वोट प्राप्त किए थे, जिससे उनकी मजबूत पकड़ का अंदाजा लगाया जा सकता है।
रामनिवास राड़ा और कांग्रेस के बीच बढ़ी दूरियां
2024 के विधानसभा चुनावों के बाद रामनिवास राड़ा और कांग्रेस के बीच दूरियां बढ़ने लगी थीं। उन्होंने चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए थे। उनका आरोप था कि हुड्डा ने पार्टी के अंदरूनी समीकरणों को अपने हिसाब से सेट कर रखा है और अन्य नेताओं को आगे बढ़ने का मौका नहीं दिया जा रहा।
हिसार नगर निगम चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरे थे राड़ा
कांग्रेस से नाराज चल रहे रामनिवास राड़ा ने सोमवार को हिसार नगर निगम के मेयर पद के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने ऐलान किया था कि वह इस चुनाव को पूरी ताकत के साथ लड़ेंगे। लेकिन, महज दो दिन बाद ही बुधवार को उन्होंने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गईं।
2014 में हरियाणा जनहित कांग्रेस से लड़ चुके हैं चुनाव
रामनिवास राड़ा का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प रहा है। 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी) के टिकट पर बरवाला विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि, उन्हें सफलता नहीं मिली थी। बाद में, वह कांग्रेस में शामिल हो गए और वहां उन्हें टिकट भी मिला। लेकिन अब उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया है।
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बीजेपी में शामिल होने के पीछे क्या है वजह?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि रामनिवास राड़ा का कांग्रेस से मोहभंग हो गया था। वह पार्टी में अपनी उपेक्षा महसूस कर रहे थे और कांग्रेस नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। उनकी नाराजगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने मेयर चुनाव निर्दलीय लड़ने का फैसला कर लिया था।
बीजेपी में शामिल होने के बाद रामनिवास राड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा और देश का विकास हो रहा है। उन्होंने कहा,
“मैं बीजेपी की नीतियों से प्रभावित होकर इसमें शामिल हुआ हूं। कांग्रेस में मेरी मेहनत की कद्र नहीं हो रही थी, इसलिए मैंने यह फैसला लिया।”
बीजेपी को होगा फायदा?
रामनिवास राड़ा के बीजेपी में शामिल होने से पार्टी को हिसार में बड़ा फायदा हो सकता है। हिसार जिले की राजनीति में राड़ा परिवार की अच्छी पकड़ है। उनका कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे हिसार में बीजेपी की स्थिति और मजबूत होगी, खासकर आगामी निकाय चुनाव और 2029 के विधानसभा चुनाव में। वहीं, कांग्रेस के लिए यह बड़ा नुकसान है, क्योंकि रामनिवास राड़ा जैसे नेता के जाने से पार्टी को जमीनी स्तर पर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीति में दल-बदल का ट्रेंड जारी
हरियाणा की राजनीति में पिछले कुछ सालों से दल-बदल का सिलसिला लगातार जारी है। चुनावों के बाद कई नेता अपनी-अपनी पार्टियां बदलते रहे हैं। यह घटनाक्रम भी उसी का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस से अलग होकर कई बड़े नेता पहले भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं और अब रामनिवास राड़ा भी इसी राह पर चले गए हैं।
कांग्रेस ने दी प्रतिक्रिया
रामनिवास राड़ा के बीजेपी में शामिल होने पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ नेता निजी स्वार्थ के कारण पार्टी छोड़ रहे हैं, लेकिन इससे कांग्रेस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा,
“जो नेता सिद्धांतों से समझौता कर सकते हैं, उनके जाने से पार्टी को कोई नुकसान नहीं है।”
आगे क्या होगा?
रामनिवास राड़ा के बीजेपी में आने से हिसार की राजनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। आगामी निकाय चुनाव और विधानसभा चुनाव में यह देखना दिलचस्प होगा कि उनका प्रभाव कितना पड़ता है।
अब सवाल यह है कि क्या रामनिवास राड़ा बीजेपी में आने के बाद कोई बड़ी भूमिका निभाएंगे या फिर यहां भी उन्हें संघर्ष करना पड़ेगा? यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि उनके बीजेपी में आने से हरियाणा की राजनीति में हलचल जरूर बढ़ गई है।