Haryana के कैथल में SYL नहर के टूटे ट्रैक पर स्कूल बस का हादसा, सात बच्चे घायल
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Haryana के कैथल जिले के गांव नौच के पास SYL नहर के टूटे ट्रैक पर एक स्कूल बस हादसे का शिकार हो गई, जिसमें सात बच्चे घायल हो गए। बस का स्टीयरिंग खराब होने के कारण यह हादसा हुआ। यह घटना तब घटी जब बस का टायर गहरे गड्ढे में फंस गया और स्टीयरिंग अचानक काम करना बंद कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप बस अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई। हालांकि, सौभाग्यवश किसी भी बच्चे को गंभीर चोटें नहीं आई हैं। सभी बच्चों को इलाज के लिए शाह अस्पताल, कैथल में भर्ती किया गया है।
कैसे हुआ हादसा?
इस हादसे के बारे में जानकारी देते हुए बस के चालक मंगा सिंह ने बताया कि वह नियमित रूप से गांव नौच से बच्चों को स्कूल लाने और ले जाने का काम करते हैं। सोमवार को भी वह बच्चों को लेकर गांवों से लौट रहे थे, तभी नहर के पास स्थित एक गहरे गड्ढे में बस का टायर फंस गया। बस की गति लगभग 25 किमी प्रति घंटा थी। गड्ढे में टायर फंसने के बाद स्टीयरिंग अचानक बंद हो गया और बस नियंत्रण से बाहर हो गई। इसके बाद बस सीधे 15 फीट गहरी नहर में गिर गई।
चालक, उसकी माँ और सहायक भी हुए घायल
बस के चालक मंगा सिंह ने कहा कि वह हादसे के बाद सबसे पहले बस से बाहर निकले। उसके बाद सहायक बलविंदर और उसके बाद बच्चों को एक-एक करके बाहर निकाला गया। इस हादसे में मंगा सिंह की माँ जसवीर कौर भी बस में सवार थीं और वे भी घायल हो गईं। मंगा सिंह, उनकी माँ जसवीर कौर, सहायक बलविंदर और एक अन्य बच्चा जो गांव जोत से था, सभी को चोटें आईं हैं। हालांकि, सभी घायलों की हालत गंभीर नहीं है।
दुर्घटना के बाद ग्रामीणों का सहयोग
ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी और 112 पर कॉल कर मदद मांगी। पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और ग्रामीणों की मदद से बच्चों को नहर से बाहर निकाला गया। घायल बच्चों को शाह अस्पताल, कैथल में भर्ती कराया गया। बच्चों में से मंजीत (12), हरसिमरत (12), गुरनव (07), हरनूर कौर (10), हरकीरत (11), गुरसिद्ध (05) और सुप्रीत (10) शामिल हैं। सभी बच्चों को हल्की चोटें आईं हैं और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
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नहर ट्रैक पर सुरक्षा की कमी
इस हादसे के बाद नहर के ट्रैक पर सुरक्षा की गंभीर कमी सामने आई है। SYL और हांसी-बुताना नहर के ट्रैक पर कहीं भी रेलिंग नहीं हैं, जिससे यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस ट्रैक पर गांववाले आए जाते रहते हैं और सुरक्षा की कमी के कारण कई बार दोपहिया वाहन नहर में गिर चुके हैं। इसके अलावा, नहर में गिरने वाले आवारा पशुओं की भी यह स्थिति रहती है कि वे खुद बाहर नहीं निकल पाते हैं क्योंकि नहर की गहराई बहुत अधिक होती है।
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है और प्रशासन ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। यही कारण है कि अब तक कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, और सुरक्षा की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। यदि नहर के ट्रैक पर रेलिंग लगाई जाए तो इस तरह के हादसों को रोका जा सकता है और जान-माल की हानि को भी कम किया जा सकता है।
घटना के बाद प्रशासन का बयान
घटना के बाद पुलिस और प्रशासन ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। पुलिस ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर हादसा था और इस हादसे के कारणों की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी सुनिश्चित किया है कि घायल बच्चों और अन्य घायलों को उचित इलाज मिल रहा है और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है।
इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है और नहर के ट्रैक पर सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने की दिशा में जल्द ही कदम उठाने की बात कही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कब तक इन सुरक्षा उपायों को लागू किया जाएगा।
हरियाणा के कैथल जिले में हुए इस दर्दनाक हादसे ने नहर ट्रैक की सुरक्षा की गंभीर समस्या को उजागर किया है। हादसे के बाद यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन अब भी इस मुद्दे को नजरअंदाज करेगा या इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा। नहरों के ट्रैक पर रेलिंग और सुरक्षा उपायों का तुरंत निर्माण किया जाना चाहिए ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और जान-माल की हानि को बचाया जा सके।
मौजूदा हालात में यह बेहद जरूरी हो गया है कि बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नहर ट्रैक पर उचित सुरक्षा व्यवस्था लागू की जाए। वहीं, इस घटना के बाद बच्चों और उनके परिवारों को उम्मीद है कि प्रशासन इस हादसे से सीख लेकर कार्रवाई करेगा और भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जाएगा।