सांसद दीपेन्द्र हुड्डा सांपला में दीनबंधु छोटू राम जयंती कार्यक्रम में हुए शामिल
चौ. छोटूराम की प्रेरणा से ही कांग्रेस की हुड्डा सरकार ने कर्ज न चुका पाने वाले किसानों की जमीन नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था – दीपेन्द्र हुड्डा
रोहतक : 24 नवंबर : सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज सांपला के दीनबंधु छोटू राम म्यूजियम में दीनबंधु सर छोटू राम जी की जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम जी को है। किसान और कमेरे वर्ग के उत्थान में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। चौ. छोटू राम जी ने कहा था कि पेशावर से पलवल तक हल की मूंठ पकड़ने वाला हर किसान उनका वारिस है। उन्होंने पद की लालसा छोड़कर हमेशा ग़रीबों व किसानों के हकों की लड़ाई लड़ी। वे अंग्रेज हुकूमत के अत्याचारों के खिलाफ़ न तो बोलने से डरते थे और न ही लिखने से। चौ. छोटूराम जी को नैतिक साहस की मिसाल माना जाता है। उनके लिए गरीब और जरुरतमन्द किसानों की भलाई हर एक राजनीति, धर्म और जात-पात से ऊपर थी।
उन्होंने बताया कि चौ. छोटूराम जी ने किसान व कमेरे वर्ग को एकजुटता का रास्ता दिखाया। चौ. छोटू राम जी ने पराधीन भारत में कृषि की समस्याओं के निदान के लिए संघर्ष किया एवं किसानों एवं मजदूरों के हित में कानून बनवाने का काम किया। गिरवी जमीनों की मुफ्त वापसी एक्ट-1938 से किसानों को ज़मीन के अधिकार मिलने का रास्ता साफ़ हुआ। आज अगर किसान जमीन का मालिक है तो इसका पूरा श्रेय छोटूराम जी को जाता है। उन्होंने आजादी से पहले कर्जा वसूली के लिये जमीन की नीलामी पर रोक लगायी थी। चौ. छोटूराम की प्रेरणा से ही भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कर्ज न चुका पाने वाले किसानों की जमीन नीलामी वाले काले कानून को खत्म किया था।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि चौ. छोटू राम ने किसान को जिस गरीबी के दलदल से निकाला था भाजपा सरकार आज उसी दलदल में वापिस धकेलने का काम कर रही है। अपने इसी उद्देश्य को लेकर बीजेपी 3 कृषि कानून लेकर आई थी, लेकिन किसान सरकार की मंशा को समझ गया। किसानों ने लंबा संघर्ष करके, 750 किसानों ने जान की कुर्बानी देकर कृषि को बचाने में कामयाबी पाई। आज अगर किसान को अपनी जमीन बचाना है तो उन्हें एकजुट होकर संघर्ष करना होगा। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आगे कहा कि भाजपा सरकार की षड्यंत्रकारी नीतियों के कारण किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच गया है। एक तरफ सरकार कह रही खाद की कोई कमी नहीं दूसरी तरफ पूरे-पूरे दिन लाइन में लगने पर भी किसानों को खाद मिल ही नहीं रही है। यहां तक कि महिला किसानों को भी एक-एक कट्टा खाद लेने के लिए कई-कई दिन लाइनों में खड़ा रहना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार खाद की किल्लत न होने के झूठे दावे कर रही है जबकि खाद के लिये किसानों की लम्बी-लम्बी कतारों की ख़बरें हर जिले, हर गांव से आ रही हैं। ऐसे में सरकार स्पष्ट करे कि वो पर्याप्त खाद कहाँ है? अगर पर्याप्त खाद है तो थानों से टोकन क्यों बंट रहे हैं? दीपेन्द्र हुड्डा ने DAP की किल्लत दूर करने और किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने की मांग की।