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करनाल जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर ; बाँध टूटने से 10 से 12 गांवों में करीब 8 से 10 फीट तक पानी भरा ; खेत में गए दो किसान फँसे

हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसकी आज शाम तक या कल तक करनाल पहुंचने की संभावना थी, लेकिन पानी आज सुबह ही करनाल पहुंच गया।

हरियाणा के करनाल जिले में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, क्योंकि हथिनी कुंड बैराज से 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जिसकी आज शाम तक या कल तक करनाल पहुंचने की संभावना थी, लेकिन पानी आज सुबह ही करनाल पहुंच गया। इससे इन्द्री क्षेत्र के 10 से 12 गांवों में करीब 8 से 10 फीट तक पानी भर गया। लोग घरों की छतों पर बैठे हैं।

उधर, गांव कलसोरा में खेत में गए 2 किसान फंस गए हैं। जिनकी पहचान ऋषि पाल और हरवीर सिंह के रूप में हुई है।

सबसे गंभीर हालात शेरगढ़ टापू के आस-पास के गांवों के है। यहां पर यमुना का बांध टूट गया। सूचना के बाद प्रशासनिक अधिकारी दल बल के साथ मौके पर पहुंचे और बांध को बंद करने में जुट गए।

फसलें पूरी तरह से पानी में डूब गई हैं। हालांकि 4 से 5 जेसीबी मशीन बांध को बंद करने के लिए पहुंची। कड़ी मशक्कत के बाद टूटे बांध का पानी बंद कर दिया गया। अब मशीनें बांध को मजबूत करने में लगी हुई हैं। इस दौरान जिला उपायुक्त अनीश यादव भी यमुना के पानी को लेकर निरीक्षण करने पहुंचे।

वहीं शेरगढ़ टापू से उत्तर प्रदेश के गंगोह के दौलतपुर को जोड़ने वाले रास्ते को प्रशासन द्वारा बंद कर दिया गया है। यहां नदी के पुल से पहले बना धनोरा एस्केप का पुल पानी में समा गया है। करीब 5 से 6 फीट पानी भरने से यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। लोग खतरा उठाकर ट्रैक्टर से आवागमन कर थे। लेकिन प्रशासन से यहां से आवाजाही पर रोक लगा दी है। वहीं यमुना नदी के नजदीक बोई गई फसल पूरी तरह पानी में डूब गई है। इससे ग्रामीण मायूस हैं।

और बढ़ सकता है पानी का स्तर
मिली जानकारी के अनुसार, आज सोमवार की सुबह भी हथिनी कुंड बैराज से करीब 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिस कारण पानी इतनी जल्दी करनाल पहुंच गया। करीब 12 गांव से लोगों का संपर्क टूट गया है। संभावना जताई जा रही है यह पानी अभी और बढ़ सकता है। लोगों घरों की छत पर बैठ गए हैं। हांलाकि प्रशासन का दावा है कि उनके द्वारा पुख्ता प्रबंध कर लिए गए हैं। ग्रामीण उनके सर्पक है। खाने आदी की सामग्री उन तक पहुंचाई जा रही है।

प्रशासन ने जारी किया अलर्ट
सिंचाई विभाग की ओर से जारी अलर्ट के चलते यमुना के नजदीकी गांवों में शामिल गढ़ी बीरबल क्षेत्र के चंद्राव, चौगांव, हंसु माजरा गढ़पुर, नबियाबाद, जप्ती छपरा, सैयद छपरा, नगली, हलवाना, डबकोली कलां और घरौंडा क्षेत्र के लालपुरा सहित अन्य गांवों के लोगों से नदी से सटे खेतों का रूख नहीं करने की अपील है। चेतावनी भी जारी की गई है। प्रशासनिक स्तर पर बचाव टीमों का गठन करने के साथ ही नियमित रूप से अपडेट देने की हिदायत दी गई है।

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6 लाख क्यूसेक पहुंचने की संभावना
पिछले 3 दिन से हो रही बारिश के कारण यमुनानगर जिले के क्षेत्रों में जलस्तर बढ़ गया, जिसके करीब 6 लाख क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना है। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग की ओर से करनाल और अन्य जिलों के लिए भी एहतियातन अलर्ट जारी किया गया है।

गढ़ी बीरबल और घरौंडा क्षेत्र के विभागीय अधिकारियों को यमुना से सटे गांवों के निवर्तमान सरपंचों व अन्य लोगों से संपर्क साधकर सतर्क रहने के लिए कहा गया है। यमुना क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों की चिंता भी बढ़ गई है और उन्हें बाढ़ की चिंता सताने लगी है।

रात को 2 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी था
अधिकारियों की मानें तो यमुना में रात को करीब 2 लाख 57 हजार क्यूसेक पानी दर्ज किया गया था, जिसके बाद सुबह तक इसमें और इजाफा हो गया। निरीक्षण के लिए पहुंचे SDM अशोक कुमार ने बताया कि करीब 3 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है।

विभागीय स्तर पर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। टीमों को अलर्ट पर रखा गया है। आपस में समन्वय बनाकर हर प्रकार की चुनौती से निपटने की तैयारी है। यमुना नदी से सटे क्षेत्रों में लोगों से कहा गया है कि जब तक जल स्तर अधिक है, वे किसी भी सूरत में नदी का रूख न करें।

बड़े स्तर पर हानि होने की आशंका
यमुना नदी क्षेत्र में खेती करने वाले किसान सद्दाम और अनिल ने बताया कि सोमवार सुबह क्षेत्र में यमुना का जलस्तर बढ़ा। किसानों ने नदी क्षेत्र में फसलें लगा रखी हैं। जब नदी का जलस्तर बढ़ता है तो यमुना पार खेती करने वाले कई किसान ट्यूब व देसी जुगाड़ के सहारे जान खतरे में डालकर बेहद मुश्किल हालात में नदी पार करते हैं। फिलहाल खेतों में जाने पर रोक लगा दी गई है। पानी घटने या बढ़ने की सही स्थिति का देर रात तक या अगली सुबह पता चल पाएगा।

प्रशासनिक टीम पूरी तरह अलर्ट
गढ़ी बीरबल क्षेत्र में चंद्राव, चौगांव, हंसु माजरा गढ़पुर, नबियाबाद, जप्ती छपरा, सैयद छपरा, नगली, हलवाना, डबकोली कलां आदि गांव जलभराव से प्रभावित हैं। ग्रामीण गुरमुख सिंह, बलिहार सिंह, बाबू राम, हैदर, गुरनाम, वीरभान, विनोद, जरनैल ने बताया कि वे यमुना पार खेती करते हैं। खेतों-गांवों में पानी भरने से चिंता होना लाजिमी है।

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