Breaking NewsPoliticsState
जयपुर :- राजस्थान के सत्ता संग्राम में 200 विधानसभा सीटों पर 1875 उम्मीदवार अपनी किस्मत अजाम रहे हैं। चुनाव लड़ने के लिए 3432 नामांकन भरे गए थे। कुछ प्रत्याशियों ने एक से ज्यादा नामांकन भी भरे थे। चुनाव आयोग ने जांच के बाद 396 नामांकन रद्द कर दिए, जबकि 490 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिए। अब 25 नवंबर को मतदान के बाद 1875 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम मशीन में कैद हो जाएगा। तीन दिसंबर को मतगणना के बाद प्रदेश को 200 नए विधायक मिल जाएंगे।
इन पार्टियों के प्रत्याशी चुनावी मैदान
इस चुनाव में कांग्रेस ने प्रदेश की 199 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं, भाजपा ने पूरी 200 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) से 185 प्रत्याशी मैदान हैं। प्रदेश की 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) को उम्मीदवार नहीं मिले, वह महज 58 सीटों पर ही प्रत्याशी उतार सकी। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) 78, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) 58 और आजाद समाज पार्टी (एएसपी) से 47 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। आरएलपी से एक प्रत्याशी डॉ. सुभाष गर्ग भरतपुर से चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस ने आरएलपी से गंठबंधन करते हुए इस सीट पर प्रत्याशी नहीं उतारा है। लाल डायरी का जिक्र कर राजस्थान की राजनीति में तहलका मचाने वाले राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इसके अलावा 730 उम्मीदवार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
इस जिले में सबसे ज्यादा उम्मीदवार
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 19 विधानसभा सीटें हैं। इन 19 सीटों पर 199 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इसी तरह अलवर जिले की 11 सीटों के पर 113 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सबसे कम सीट वाले जिले जैसलमेर और प्रतापगढ़ में दो-दो सीटों के लिए क्रमश: 15 और 14 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। हांलाकि, ज्यादातर सीटों पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच ही माना जा रहा है।
दीपावली बाद प्रदेश में बढ़ेगा चुनावी शोर
राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होना है। इससे पहले 12 नवंबर को दीपावली है। पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को उदयपुर में जनसभा को संबोधित कर चुके हैं। जानकारी के अनुसार अब एक दो दिन दीपावली के कारण भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं की सभाएं नहीं होंगी। क्योंकि, सभाओं में आने वाले भी त्योहार की तैयारियों में लगे हुए है। ऐसे में दीपावली के बाद पार्टियां प्रदेश में जोर-शोर से चुनावी प्रचार में लग जाएंगीं।