पंचकूला में एस.एल.जी.सी. की बैठक : पहुंच गए किसान, पर बैठक में नहीं होने दिया गया शामिल
मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण न करवाने वाले किसानों को मुआवजा नहीं
गोहाना :-10 अगस्त : जिन किसानों ने मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल का पंजीकरण नहीं करवाया था, उनको मुआवजा नहीं मिलेगा । शुक्रवार को यह निर्णय कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की स्टेट लेवल ग्रीवेंस कमेटी (एस.एल.जी.सी.) की बैठक में किया गया। अलबत्ता, इस बैठक ने पोर्टल पर पंजीकरण करवाने वाले 1305 किसानों के मुआवजे को हरी झंडी जरूर दिखा दी। लेकिन गोहाना से गए भाकियू के प्रतिनिधिमंडल को इस बैठक में शामिल नहीं होने दिया गया।
29 जनवरी से सोनीपत जिले के किसान गोहाना के लघु
सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं। उनकी मांग उनकी फसल को हुए नुकसान का मुआवजा तथा उनसे छलपूर्वक बीमा पॉलिसी रद्द करने की आरोपी रिलायंस बीमा कम्पनी पर केस दर्ज करना है। शनिवार को बेमियादी धरने का 195वां दिन था। धरने पर पंचकूला से लौटे प्रतिनिधिमंडल ने वहां हुई बैठक के बाद उन्हें शेयर की गई जानकारी से अवगत करवाया गया।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल के नेतृत्व में जो प्रतिनिधिमंडल पंचकूला गया था, उसमें सतीश बनवासा, अमन सिलाना, राजेश बजाना और शमशेर उर्फ शेरा भैंसवाल थे। प्रतिनिधिमंडल को बड़ी उम्मीद थी कि बैठक में उन्हें भी अपनी बात रखने का मौका मिलेगा।
लेकिन प्रतिनिधिमंडल को बैठक में हिस्सा लेने की अनुमति ही नहीं दी गई। बैठक के बाद विभाग के संयुक्त निदेशक ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को बैठक के फैसलों की जानकारी दी।
सत्यवान नरवाल ने धरना स्थल पर पत्रकारों से बातचीत में बताया कि एस.एल. जी. सी. की बैठक में 1305 किसानों के मुआवजे पर मुहर लगा दी गई। इनमें खरीफ सीजन 2021 के लिए 201, रबी सीजन 2021-22 के लिए 268 और खरीफ सीजन 2022 के लिए 673 पेंडिंग आवेदन हैं। गोहाना में जिन 1079 किसानों के बकाया मुआवजे के लिए आंदोलन किया जा रहा है, उनमें से 163 ऐसे किसानों के मुआवजे को ही मंजूर किया गया जिन्होंने
मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवा रखा
है।
भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि बाकी के 916 किसानों को इस आधार पर मुआवजे के लिए इंकार कर दिया गया था कि उन्होंने मेरी फसल- मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया था । सत्यवान नरवाल ने दावा किया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि मुआवजे के लिए उक्त पोर्टल पर पंजीकरण करवाना होगा। वैसे भी बीमा योजना अखिल भारतीय स्तर पर है, लेकिन पोर्टल केवल
हरियाणा में है।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष नरवाल ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के आला अधिकारी कह रहे हैं कि प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव ने आदेश दिया था कि मुआवजा केवल उन्हीं किसानों को दिया जाए जिन्होंने अपना पंजीकरण उक्त पोर्टल पर करवा रखा हो। लेकिन किसानों के मांगने पर मुख्य सचिव के इस आदेश की प्रति अधिकारी नहीं उपलब्ध करवा सके।इससे किसानों को संशय है कि अधिकारी मुआवजा न देने के लिए फर्जी आधार बना रहे हैं । सत्यवान नरवाल ने कहा कि जब तब प्रत्येक पीड़ित किसान को मुआवजा नहीं मिल जाएगा, गोहाना में बेमियादी धरना पहले की तरह से जारी रहेगा ।