आम आदमी पार्टी (AAP) की हरियाणा इकाई ने प्रदेश में गहराए बिजली संकट को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने बिजली को लेकर राज्यभर में आंदोलन शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि हरियाणा में भी पार्टी पंजाब की तर्ज पर बिजली आंदोलन को शुरू करेगी।
इसकी शुरुआत 9 जुलाई को दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पंचकूला से करेंगे। उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली में 24 घंटा बिजली फ्री मिल रही है और हरियाणा में पैसे देकर भी बिजली नहीं मिल रही। इस व्यवस्था को बदलने के लिए आम आदमी पार्टी इस आंदोलन की शुरुआत कर रही है।
हरियाणा में बिजली घनघोर समस्या
आप नेताओं ने कहा कि प्रदेश में बिजली संकट से गृहिणी, किसान, दुकानदार और उद्योगपति सभी परेशान हैं। बिजली समस्या से दैनिक कार्य प्रभावित हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी का नारा है नो कट नो बिल 24 घंटे फ्री बिजली। AAP इस व्यवस्था को बदलने के लिए हरियाणा में आंदोलन शुरू करेगी। प्रदेश में बिजली समस्या पर खट्टर सरकार का कोई ध्यान नहीं है। तत्कालीन हुड्डा सरकार ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया था।
1963 में 3 लाख 11 हजार बिजली उपभोक्ता हरियाणा में होते थे। आज 75 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ता हैं। परंतु, बिजली जनरेट करने के लिए कोई काम नहीं हुआ।
बिजली मांग पूरा नहीं कर रही सरकार
आप नेताओं ने कहा कि 9 साल में बिजली की खपत बढ़ते-बढ़ते 2 करोड़ 63 लाख यूनिट प्रतिदिन पहुंच गई है, लेकिन हरियाणा सरकार लगातार मांग को पूरा करने में असमर्थ है। पिछले साल अप्रैल में 2570 मेगावाट और मई में 1786 मेगावाट बिजली हरियाणा में कम हुई थी।
अडाणी पर संकट गहराने पर रची साजिश
खट्टर सरकार ने अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए अप्रैल में 11.55 रुपए, मई में 8.13 रुपए और जून में 7.30 रुपए प्रति यूनिट की दर से महंगी बिजली खरीदी। जबकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार 2008 के समझौते के हिसाब से बिजली खरीदनी चाहिए थी। जब अडाणी के ऊपर चारों तरफ से संकट गहराने लगा तो उसको फायदा पहुंचाने के लिए ये साजिश रची और पूरे हरियाणा के उपभोक्ता पर इसका भार पड़ा।