सी.एम. से स्पष्ट आश्वासन न मिलने से, गोहाना में 100 दिन से धरने पर बैठे किसान नाराज, जारी रखेंगे धरना
गोहाना :-7 मई : पूरे 100 दिन से शहर के लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे किसानों की मंगलवार को सीधी मुलाकात भैंसवाल कलां गांव में सी.एम. नायब सिंह सैनी से हो गई। लेकिन सी.एम. से कोई स्पष्ट आश्वासन न मिलने से किसान नाराज हो गए । उन्होंने अपने धरने को समाप्त न करने का ऐलान कर दिया तथा मुआवजे के लिए सरकार को 15 मई तक का अल्टीमेटम दे दिया ।
सोनीपत जिले के किसान गोहाना में जिला स्तरीय धरने पर बैठे हैं। 29 जनवरी से प्रारंभ यह धरना 2021 और 2022 के रबी और खरीफ सीजनों में खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए दिया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि रिलायंस बीमा कम्पनी ने उनके साथ छल किया । मुआवजा देने का वक्त आया तो गैर-कानूनी रूप से उनकी पॉलिसियां ही रद्द कर दीं।
मंगलवार को धरना स्थल पर किसानों की राज्य स्तर की पंचायत थी। पंचायत के समय ही प्रदेश के सी.एम. नायब सिंह सैनी बलि ब्राह्मणान गांव में बरोदा हलके की विजय संकल्प रैली को संबोधित करने के लिए आए हुए थे। भाजपा नेता किसानों को सी.एम. से बातचीत के लिए मनाने में कामयाब हो गए।
गोहाना बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र आर्य और भाजपा के किसान मोर्चे के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजेश दहिया के साथ भैंसवाल कलां गांव में भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल सी. एम. से मिलने के लिए पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल ने किया। उनके साथ राजमल मलिक, हरिचंद मलिक, संदीप रुखी और अमरदीप रुखी भी थे।
पूरा मामला पहले से सी. एम. नायब सिंह सैनी के संज्ञान में था। उन्होंने डॉ. राजेश दहिया से पूछा कि क्या यह वही मामला है। सोनीपत संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी मोहन लाल बड़ौली ने सी.एम. सैनी को पहली ही पूरी जानकारी दे रखी थी।
नायब सिंह सैनी ने किसानों से वायदा किया कि उनका काम हो जाएगा। लेकिन उन्होंने कोई समय-सीमा तय नहीं की कि मुआवजे का भुगतान किस तारीख तक किया जाएगा। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल के अनुसार किसान चाहते थे कि उनके सामने ही सी. एम. कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक को फोन करें। लेकिन सैनी ने ऐसा नहीं किया। किसान निदेशक पर रिलायंस कम्पनी से मिलीभगत का खुला आरोप लगा रहे हैं।
सी.एम. से बातचीत के बाद किसान नेता लघु सचिवालय में धरना स्थल पर चल रही राज्य स्तर की पंचायत में लौटे। पंचायत में तय किया गया कि मुआवजे के भुगतान तक अनिश्चितकालीन धरना जारी रखा जाएगा । भाकियू भुगतान के लिए 15 मई तक का अल्टीमेटम सरकार को दिया । उसके बाद बड़ी पंचायत कर आगे की रणनीति तय होगी।