गोहाना में किसानों के धरने के 100वें दिन की राज्य स्तरीय पंचायत में पहुंचेंगे किसान नेता चढूनी
पंचायत के समय सी.एम. भी होंगे गोहाना में, पर नाराज किसान मिलेंगे नहीं
गोहाना :-5 मई : 2021 और 2022 में बर्बाद हुई रबी और खरीफ की फसलों के मुआवजे के लिए किसान 29 जनवरी से लघु सचिवालय में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। रविवार को 98वें दिन भी यह धरना जारी रहा। 100वें दिन धरना स्थल पर ही मंगलवार को राज्य स्तर की पंचायत होगी। पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचेंगे। पंचायत के समय सी.एम. नायब सिंह सैनी भी गोहाना में होंगे। लेकिन मुआवजे के भुगतान में हो रही देरी से नाराज किसान उनसे नहीं मिलेंगे।
भाकियू गोहाना में सोनीपत जिले का जिला स्तर का धरना दे रही है। इस धरने को रविवार समेत निरंतर जारी रखा जा रहा है। 98 दिन से रोज यह धरना दिया जा रहा है। एक बार उम्मीद जागी थी कि लोकसभा चुनाव की इस बेला में पीड़ित किसानों को जल्दी मुआवजा मिल सकता है। इस की शुरुआत तब हुई जब पूर्व सी.एम. मनोहर लाल खट्टर किसानों के प्रतिनिधिमंडल को यकीन दिलवा गए कि उनके खातों में मुआवजे की रकम बहुत जल्दी आ जाएगी। बाद में इस के आसार भी बन गए।
लेकिन उसके बाद जिस तरह से कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने अड़ंगे लगाने शुरु किए, उससे न केवल बात बिगड़ गई अपितु आंदोलनकारी किसान सरकार से इस कद्र नाराज हो गए कि मंगलवार को जब सी.एम. नायब सिंह सैनी बलि ब्राह्मणान गांव में योगेश्वर दत्त की अकादमी में जनसभा को संबोधित करने के लिए आएंगे, किसान उनसे मुलाकात नहीं करेंगे। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल का कहना है कि मिल कर करेंगे भी क्या, सरकार ने कुछ करना होगा, वह हाथ पर हाथ रख कर नहीं बैठती ।
सत्यवान नरवाल के अनुसार सरकार की मंशा किसानों को राहत देने नहीं, उनके जले जख्मों पर नमक छिड़कने की है। खट्टर के भरोसा देने के बाद भी अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वे कभी किसी शर्त तो कभी किसी शर्त से किसानों को तंग करने पर तुले हुए हैं और भाजपा की प्रदेश सरकार मौन रह कर केवल तमाशा देख रही है। किसान किसी भी सूरत में अधिकारियों द्वारा मांगा जाने वाला कोई दस्तावेज दोबारा नहीं देंगे। जो भी दस्तावेज देने थे, किसान पहले ही दे चुके हैं। समान दस्तावेज दोबारा से मांगने का कोई औचित्य नहीं है। भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि मंगलवार को धरना स्थल पर जो पंचायत होगी, उसी पंचायत में आर-पार के संघर्ष का ऐलान कर दिया जाएगा। इस पंचायत में भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी पहुंचेंगे।