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रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाय उसे ही अवैध तरीके से वसूली करने का आरोपी बना दिया गुरुग्राम पुलिस ने

महिला की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर करते हुए पुलिस पर जान-बूझकर उसे फंसाने के आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर महिला की जमानत याचिका मंजूर कर दी है।

गुरुग्राम: महिला सुरक्षा का दावा करने वाली गुरुग्राम पुलिस सवालों के घेरे में है। आरोप लगा है कि रेप पीड़िता को न्याय दिलाने की बजाय उसे ही अवैध तरीके से वसूली करने का आरोपी बना दिया। पूरा मामला एक मई 2023 का है। एक महिला का आरोप है कि उसका परिचित हूडा सिटी सेंटर से एक होटल में उसे ले गया और रेप किया। पुलिस को महिला ने सूचना दी और आरोपी अभिषेक को मौके से पकड़ा भी गया। 2 मई को पुलिस ने रेप की एफआईआर तो दर्ज की लेकिन जांच कर रही महिला एएसआई ने आरोपी को अरेस्ट नहीं किया। उल्टे रेप पीड़िता के खिलाफ ही 7 जून को सेक्टर-40 थाने में अवैध वसूली की धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली। पीड़ित महिला का कहना है कि वह 5 महीने की गर्भवती थी और रेप के दौरान हुई बर्बरता के चलते वह 9 मई तक हॉस्पिटल में एडमिट रही। वहीं दूसरी ओर रेप केस की जांच कर रही जांच अधिकारी कोर्ट में ऐसा कोई तथ्य या दस्तावेज नहीं पेश कर सकी जिसके आधार पर उसने रेप के आरोपी को निर्दोष माना।

कोर्ट ने माना कि महिला के वकील की ओर से आरोपी और उसके साथी के साथ हुई महिला की वट्सऐप चैट पेश की गई। कोर्ट ने इन्हें देखा और माना कि इसमें तो महिला पर हनीट्रैप में फंसाकर अवैध वसूली के आरोप जैसा कुछ नहीं है।

महिला को अग्रिम जमानतजांच अधिकारी ने इन वट्सऐप चैट को भी जांच के दौरान कस्टडी में नहीं लिया। कोर्ट ने माना कि इन सब तथ्यों के आधार पर रेप पीड़िता महिला का पक्ष अधिक भरोसेमंद लग रहा है। यह कहते हुए अडिशनल सेशन जज सुनील कुमार दीवान की कोर्ट ने महिला को उसके खिलाफ दर्ज केस में अग्रिम जमानत देते हुए उसे पुलिस जांच में शामिल होने को कहा है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यदि उसे अरेस्ट किया जाए तो जमानत दे दी जाए।

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एक्शन लेकर सूचित करने की बात भी कहीअग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दोनों एफआईआर की जांच में लापरवाही पर भी कोर्ट ने सख्त दिखाई। पुलिस कमिश्नर को दोनों मामलों में जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही निष्पक्ष जांच में जांच अधिकारी या अन्य सीनियर अधिकारी की यदि लापरवाही या हस्तक्षेप मिले तो उनके खिलाफ एक्शन लेकर कोर्ट को भी सूचित करें।

पीड़ित महिला के पति को भी बनाया है आरोपी7 जून को सेक्टर-40 थाने में दर्ज की गई एफआईआर में पीड़ित महिला ही नहीं उसके पति के खिलाफ भी साजिश के तहत रेप केस में फंसाकर अवैध वसूली की धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। बता दें कि सेक्टर-40 थाने में 2 मई को एक महिला के बयान पर पहली एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में अब महिला की ओर से कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर करते हुए पुलिस पर जान-बूझकर उसे फंसाने के आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनकर महिला की जमानत याचिका मंजूर कर दी है।

कोर्ट ने FIR की जांच में लापरवाही पर किया कमेंट

1. करीब एक महीने से अधिक समय के बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ एक्शन लिया।

2. पहली एफआईआर को कैंसिल किए बगैर यह एक्शन लिया गया।

3. दोनों दर्ज एफआईआर में जांच अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी सही से नहीं निभाई।

4. पुलिस कमिश्नर दोनों मामलों में उचित जांच सुनिश्चित करें।

 

Khabar Abtak

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