चंडीगढ़ में रिश्वत कांड मामले में CBI को गिरफ्तार आरोपियों मनीष दुबे उर्फ बबलू और स्क्रैप डीलर अनिल गोयल और कोकी से पूछताछ में अहम सुराग हाथ लगे हैं। पूछताछ के दौरान पता चला है कि निलंबित कॉन्स्टेबल पवन कुमार लगातार इंस्पेक्टर हरजिंदर सिंह सेखों के संपर्क में था। उसकी ड्यूटी ऑपरेशन सेल में न होने के बाद भी वह बिचौलियों के जरिए बड़े मामलों में समझौता करवाता था। सीबीआई ने इंस्पेक्टर सेखों को पूछताछ के लिए नोटिस दिया था, लेकिन वह आज भी पूछताछ में शामिल नहीं हुआ है।
सीबीआई सूत्रों से पता चला है कि अब सीबीआई चंडीगढ़ पुलिस को पत्र लिख इंस्पेक्टर सेखों को पूछताछ के लिए बुलाएगी। पुलिस ने कॉन्स्टेबल पवन को निलंबित कर दिया है, जबकि इंस्पेक्टर सेखों को लाइन हाजिर कर दिया है।
सीबीआई ने लगाया था ट्रैप
सीबीआई ने शिकायतकर्ता दीपक की शिकायत पर ट्रैप लगाया था और 31 जुलाई को 3 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए स्क्रैप डीलर कोकी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। उसके बाद दूसरे आरोपी मनीष दुबे को उसके घर से गिरफ्तार किया था।
बीजेपी नेता का भाई है मनीष दुबे
मनीष दुबे बीजेपी नेता अनिल दुबे का भाई है। अनिल दुबे पूर्व डिप्टी मेयर भी रह चुका है। अपने भाई के रसूख का इस्तेमाल करके ही मनीष दुबे बड़े मामलों में बिचौलिया बनता था। शिकायतकर्ता दीपक को मामले में बचाने के लिए ऑपरेशन सेल की तरफ से पहले सात लाख रुपए मांगे थे। जब उसने सात लाख रुपए देने में असहमति जाहिर की तो पांच लाख रुपए की मांग करने लगे।
बाद में दोनों आरोपियों के जरिए कॉन्स्टेबल 3 लाख रुपए में समझौता करा रहा था। इसीलिए सीबीआई ने तीन लाख रुपए की रिश्वत की रकम सहित आरोपी को गिरफ्तार किया है।