BPS महिला यूनिवर्सिटीBreaking NewsEducationGohana

बीपीएस महिला विश्वविद्यालय मे “सफलता का व्यक्तिगत ब्रांड—आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और आत्म-सशक्तिकरण” विषय पर सेमिनार का आयोजन 

 

खानपुर कलां / गोहाना, (अनिल जिंदल) 30 अक्टूबर। भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय खानपुर कलां में आज शिक्षा विभाग द्वारा हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद के तत्वाधान में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। “सफलता का व्यक्तिगत ब्रांड — आत्म-सम्मान, आत्म-विश्वास और आत्म-सशक्तिकरण” विषय पर आयोजित इस सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने शिरकत की, वहीं डिविज़नल चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर व स्टेट नोडल ऑफिसर, रोहतक श्री अनिल मलिक ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता छात्राओं को सम्बोधित किया। कार्यक्रम की रूपरेखा सेमिनार निदेशक व शिक्षा विभाग की चेयरपर्सन प्रो वरुणा तहलान दहिया ने रखी।  

अपने सम्बोधन में कुलपति प्रो सुदेश ने कहा कि आज हर कोई दौड़ में है — कोई पद पाने की, कोई प्रसिद्धि की तो कोई पहचान की।लेकिन क्या कभी हमने सोचा है कि इस भीड़ में “हमारी अपनी पहचान” क्या है, क्या चीज हमें भीड़ से अलग बनाती है। कुलपति ने कहा कि किसी व्यक्ति की सबसे बड़ी पहचान, उसका नाम या उसका पद नहीं होता। बल्कि उसका व्यक्तित्व, उसकी सोच और उसके मूल्य ही उसके व्यक्तित्व ब्रांड की पहचान होते हैं। कुलपति ने कहा कि निरंतर संवाद से शोषण की कमी आएगी।

WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.46.12 PM
WhatsApp Image 2024-08-03 at 12.55.06 PM
c3875a0e-fb7b-4f7e-884a-2392dd9f6aa8
1000026761
WhatsApp Image 2024-07-24 at 2.29.26 PM

छात्राओं को सम्बोधित करते हुए श्री अनिल मलिक ने कहा कि आज के आयोजन का विषय ऐसा है जो न केवल सफलता से जुड़ा है, बल्कि हमारे पूरे व्यक्तित्व और जीवन दर्शन का मूल आधार है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदहारण महिला विवि की कुलपति प्रो सुदेश है। जो एक ग्रामीण परिवेश से निकल कर आज उत्तर भारत की एकलौती महिला विश्वविद्यालय के कुलपति पद को सुशोभित कर रहीं है। मलिक ने आगे कहा कि निष्ठा और निस्वार्थ भाव से काम करने के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं होती। महिलाएं बायोलॉजिकल पुरुषों से सशक्त हैं। उन्होंने छात्राओं को कहा कि लोगों के सवालों से निराश नहीं होना। अपने द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन जरूर करें। अपनी ही गलतियों से सीखने की आदत हमे सशक्त बनाती है। शिक्षा और जागरूकता आपको सशक्त बनाती है। सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होनी चाहिए। मलिक ने कहा कि जानकारी ही जागरूकता नहीं है, अपने कर्तव्यों और सही गलत के प्रति जागरूक होना ही असली जागरूकता है। उन्होंने कहा कि हमें लैंगिक रूढ़िवादिता और सामाजिक रूढ़िवादिता महिला सशक्तिकरण की सबसे बड़ी बाधा है। अनिल मलिक ने छात्राओं से आह्वान किया कि उच्च शिक्षा के साथ-साथ अपनी गुणवत्ता बनाए रखे।

इस अवसर पर चाइल्ड वेलफेयर विभाग चंडीगढ़ से पहुंचे मनोवैज्ञानिक कॉउंसलर श्री नीरज कौशिक ने भी छात्राओं को सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचने की सलाह दी।

मंच संचालन डॉ गोल्डी गुप्ता ने किया।

Khabar Abtak

Related Articles

Back to top button