स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी राई में हुआ “शारीरिक शिक्षा में खेल-आधारित दृष्टिकोण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

राई (सोनीपत), (अनिल जिंदल)15 अक्टूबर — स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा के द्वारा “शारीरिक शिक्षा में खेल-आधारित दृष्टिकोण” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों और प्रशिक्षकों को जापानी फिटनेस तकनीकों, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, और बॉडी कंडीशनिंग के नवीनतम आयामों से अवगत कराना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ. नौकी सुजुकी (टोकियो जकूजी यूनिवर्सिटी) तथा ईकुमी मिजुकुरा और किरिको आत्सुमी रही, जिन्होंने जापानी फिटनेस पद्धति, शारीरिक संतुलन, सहनशक्ति, और मानसिक एकाग्रता से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विस्तारपूर्वक चर्चा की। दोनों ने प्रतिभागियों को जापानी स्ट्रेचिंग तकनीक, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग, और माइंड-बॉडी कोऑर्डिनेशन व्यायाम के व्यावहारिक अनुभव भी प्रदान किए।
स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा के कुलपति अशोक कुमार ने सभी मुख्याथितियों को स्मृतिचिन्ह देकर स्वागत किया और अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसी अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाएं विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। ये कार्यशालाएं न केवल उनके शारीरिक कौशल को बढ़ावा देंगी, बल्कि अनुशासन, धैर्य, और वैश्विक दृष्टिकोण को भी सशक्त बनाएंगी।
डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. योगेश ने अपने जापान दौरे के अनुसार अपना अनुभव साँझा करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय अंतरराष्ट्रीय स्तर के शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है, और इस कार्यशाला से छात्रों को जापानी अनुशासन तथा फिटनेस के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को समझने का अवसर मिलेगा।यह कार्यशाला स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी ऑफ हरियाणा द्वारा छात्रों में नवीनतम फिटनेस तकनीकों को प्रेरित करने और उन्हें वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
कार्यशाला में प्रैक्टिकल सेशन का भी आयोजन हुआ जिनमें प्रतिभागियों को जापानी शैली की विशिष्ट व्यायाम तकनीकों का प्रत्यक्ष और वीडियो प्रस्तुति से प्रशिक्षण दिया गया एवं विद्यार्थियों का शारीरिक स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया। इस दौरान विद्यार्थियों ने मुख्यवक्ताओं से सवाल-जवाब भी किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे जिन्होंने विद्यार्थियों के उत्साहवर्धन में भूमिका निभाई।